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प्रभु को आवन को दिन
1 अरे प्यारो भई हुन, अब मी तुम ख यू दुसरी चिठ्टी लिखू हैं, अर दोई म परख दिला ख तुमारो सुध्द मन ख उभार हैं,
2 कि तुम उन ख बात हुन ख जो सुध्द भविस्य द्वक्ता हुन न पहलो से कही हैं, अर प्रभु अऊर उध्दार देन वालो वा असो आदेस ख याद कर जो तुमारो प्रेरित को व्दारा दी गई हती।
3 पहलो यू जान ले कि आखरी दिन हुन म हँसी ठट्ठा करन वालो आएँगो जो अपनी ही इक्छा हुन को हिसाब से चलेगो
4 अर बोलेगो, “ओखा आवन कि वादा कही भई हती? काहेकि जब से पुराना बुजुर्ग मर गया आय, सब कुछ असो ही आय जसो दुनिया को पहले ही से हतो?”
5 वी ते जान बूझ ख यू भूल गयो कि परमेस्वर को वचन को व्दारा आकास पुरानो जमाना से विघमान हैं अर जमीन भी पानी म से बनी अर पानी म खड़ी हैं,
6 ऐको को लाने उ जमाना का दुनिया पानी म डूब ख नास हो गयो।
7 पर आज को जमाना का आकास अर जमीन उही वचन को व्दारा एकोलाने रखो गयो हैं कि जलाए जाहे; अर यी भक्तिहीन अदमी हुन को न्याव नास होन का दिन लक असो ही रखो रहगो।
8 अरे प्यारो हुन, यू बात तुम से छुपी नी रह कि प्रभु को यहाँ एक दिन हजार साल को बराबर आय, अर हजार साल एक दिन को बराबर हैं।
9 प्रभु अपनी वादा को बारा म देर नी करिये, जसो देर कुछ अदमी समझ हैं; पर तुमारो बारा म धीरज रखह हैं, अर नी चाह हैं कि कई नास होए, यानी यू कि सब को मन फिराव को मऊका मिलह हैं।
10 पर प्रभु को दिन चोर को समान आ जाहे, उ बखत दिन आकास बड़ी हड़हड़ाहट कि आवाज से रह जाहे रहे अर जल्दी सब ही गरम होय ख पिघल जावह हैं। अर जमीन अर ओ पर का काम हुन अर ग्यान सब खतम होयगो।
11 काहे कि यू सब चीज हुन से पिघलन वाली हैं, ते तुम ख सुध्द चाल चलन अर भक्ति म कसो अदमी होनू चहिए,
12 अर परमेस्वर को उ दिन कि रस्ता कोई रिती से देखनो चावह हैं अर ओको जल्दी आन का लाने कसो प्रयास करनु चहिए, जेको लाने आकास म आगी से पिघल जावा हैं, अर आकास को मेन ग्यान जादा ही गरम होय ख पानी जाएगो।
13 लेकिन प्रतिग्या को लाने हम ख नयो आकास अर नयो जमीन कि आस देख हैं जीन म धार्मिकता रय्ह करे।
जागते अऊर तैयार रहनु
14 ऐको लाने, अरे प्यारो हुन, जब कि तुम यी बात हुन कि आस देखह हैं, कि ते प्रयास कर कि तुम सान्ति से ओखा सामने बेदाग हैं अर बेगुना रह,
15 अर हमारो प्रभु को सान्ति को मुक्ति समझा हैं, जसो हमारो प्यारो भई पोलुस न भी उ समझ ख अनुसार जो ओ ख मिलो हैं, तो ख भी लिखो हैं।
16 वसो ही ओ न अपनी सब चिठ्टी हुन म भी यी बात हुन कि खबर हुन कि आय, जे म कई बात हुन असो हैं कि जीनको समझनो कठिन हैं, अर अनपढ़ अर छिछोरा अदमी हुन उनका मतलब हुन ख भी सुध्द सास्र कि दुसरी बात हुन को जसो खीच तान ख अपनो ही नास को लाने बनावा हैं।
17 एकोलाने अरे प्यारो हुन, तुम अदमी हुन पहले ही से यी ख जान ख हुसयार रह, काहे कि अधर्मी हुन ख भ्रम म फँस ख अपनी मजबूती ख कही हात से घूमा नी दे।
18 पर हमारो प्रभु अर मुक्ति देन वालो यीसु मसी को दया अर पहचान म बढ़ते जा। ओ कि ही महिमा अब भी हो, अर हमेसा लक होती रय्हे। आमीन।