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राजा दारा के हुकूम
1 तब राजा दारा ह हुकूम दीस, अऊ ओमन बेबिलोन के खजाना म रखे राज-भंडार म खोज करिन।
2 मादै प्रदेस म एकबतना नगर के राजगढ़ म एक चामपट्टी मिलिस, जेमा ये लिखाय रिहिस:
सुरता करइया चिट्ठी:
3 राजा कुसरू ह अपन राज के पहिली बरस म, यरूसलेम म परमेसर के मंदिर के बारे म ये हुकूम दीस:
बलिदान चघाय के जगह के रूप म मंदिर ला फेर बनाय जावय, अऊ ओकर नीव डाले जावय, ओकर ऊंचई साठ क्यूबीट अऊ चौड़ई साठ क्यूबीट के होवय,
4 ओमा बड़े-बड़े पथरा के तीन परत अऊ लकड़ीमन के एक परत होवय। अऊ एकर खरचा साही खजाना ले दिये जावय।
5 अऊ परमेसर के भवन के जऊन सोन अऊ चांदी के चीजमन ला नबूकदनेसर ह यरूसलेम के मंदिर म ले निकलवाके बेबिलोन ले गेय रिहिस, ओमन ला लहुंटाके यरूसलेम के मंदिर म ओमन के जगह म रख दिये जावय; ओमन ला परमेसर के भवन म जमा करे जावय।
6 त अब हे फरात नदी के पार के राजपाल, ततनै, अऊ हे सतर-बोजनै अऊ ओ प्रदेस के आने अधिकारीमन, तुमन उहां ले दूरिहा रहव।
7 परमेसर के ये मंदिर के काम म बाधा झन डालव। यहूदीमन के राजपाल अऊ यहूदीमन के अगुवामन ला परमेसर के ओ भवन ला ओही जगह म बनावन दव।
8 येकर अलावा, मेंह हुकूम देवत हंव कि तुमन ला यहूदीमन के ओ अगुवामन बर परमेसर के मंदिर बनाय म का करना हे:
ओमन के पूरा खरचा ह साही खजाना, फरात नदी के पार के मालगुजारी ले देय जावय, ताकि काम ह झन रूकय।
9 जऊन भी चीज के जरूरत हवय—स्वरग के परमेसर ला होम-बलिदान चघाय बर बछवा, मेढ़ा, मेढ़ा-पीला, अऊ यरूसलेम म पुरोहितमन के दुवारा मांगे गय गहूं, नून, अंगूर के मंद अऊ जैतून तेल—ये जम्मो चीज ओमन ला बिगर भूले रोज दिये जावय,
10 ताकि ओमन स्वरग के परमेसर ला सुख-देवइया बलिदान चघा सकंय अऊ राजा अऊ ओकर बेटामन के भलई बर पराथना कर सकंय।
11 मेंह ये हुकूम भी देवत हंव कि यदि कोनो ये हुकूम ला नइं मानही, त ओकर घर म ले एक बल्ला खींचके निकाले जावय अऊ ओमा ओला टांग दिये जावय। अऊ ओकर ये अपराध के कारन ओकर घर ला कचरा के घूरवा बना दिये जावय।
12 परमेसर, जेह उहां अपन नांव के निवास ठहिराय हवय, ओह ओ राजा या मनखे ला नास करय, जऊन ह ये हुकूम ला बदले के कोसिस करथे या यरूसलेम म ये मंदिर ला नास करे बर हांथ बढ़ाथे।
में, दारा ह ये हुकूम देवत हंव। धियान से येकर पालन करे जावय।
मंदिर बनई के पूरा होवई अऊ समरपन
13 तब, राजा दारा के हुकूम देय के कारन, ततनै, फरात नदी के पार के राजपाल, अऊ सतर-बोजनै अऊ ओमन के सहयोगीमन धियान देके ओ हुकूम के पालन करिन।
14 तब यहूदीमन के अगुवामन मंदिर ला फेर बनाय के काम ला जारी रखिन अऊ हाग्गै अगमजानी अऊ इद्दो के एक संतान जकरयाह के अधीन काम करत ओमन उन्नति करत गीन। ओमन इसरायल के परमेसर के हुकूम मुताबिक अऊ फारस के राजा कुसरू, दारा, अऊ अर्तछयर्स के हुकूम के मुताबिक मंदिर बनाय के काम ला पूरा करिन।
15 मंदिर के काम ह राजा दारा के राज के छठवां बछर के अदार महिना के तीसरा दिन म पूरा होईस।
16 तब इसरायल के मनखेमन—पुरोहित, लेवी अऊ आने जतेक बंधुवई ले आय रिहिन, ओ जम्मो आनंद के साथ परमेसर के ओ भवन के समरपन के उत्सव मनाईन।
17 परमेसर के ये भवन के समरपन म, ओमन एक सौ बईला, दू सौ मेढ़ा, चार सौ मेढ़ा-पीला चघाईन अऊ जम्मो इसरायल के हित बर पाप-बलिदान के रूप म बारह ठन बोकरा याने कि इसरायल के हर एक गोत्र बर एक-एक ठन बोकरा चघाईन।
18 तब जइसने मूसा के किताब म लिखाय हवय, वइसनेच ओमन यरूसलेम म परमेसर के सेवा बर अपन-अपन बिभाग म पुरोहितमन ला अऊ अपन-अपन दल म लेवीमन ला नियुक्त करिन।
फसह के तिहार
19 बंधुवई ले लहुंटे के बाद पहिला महिना के चौदहवां दिन, ओमन फसह तिहार मानिन।
20 पुरोहित अऊ लेवीमन अपन ला सुध करे रिहिन अऊ संस्कारिक रूप ले ओ जम्मो झन सुध रिहिन। लेवीमन बंधुवई ले लहुंटे जम्मो झन बर, ओमन के रिस्तेदार पुरोहितमन बर अऊ अपनआप बर फसह के मेढ़ा-पीला के बलि करिन।
21 तब बंधुवई ले लहुंटे इसरायलीमन ओ जम्मो झन के संग येला खाईन, जेमन अपनआप ला अपन आनजात परोसी के असुध काम ले अलग कर ले रिहिन, ताकि ओमन यहोवा, इसरायल के परमेसर के खोज करंय।
22 ओमन अखमीरी रोटी के तिहार ला सात दिन तक आनंद के साथ मनाईन, काबरकि यहोवा ह अस्सूर के राजा के मन ला ओमन कोति करके ओमन ला आनंदित करे रिहिस, जेकर कारन राजा ह परमेसर, इसरायल के परमेसर के भवन के काम म ओमन के मदद करिस।