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मिसर देस के बारे म संदेस
जाति-जाति के मनखेमन के बारे म, यहोवा के ये बचन यरमियाह अगमजानी करा आईस:
 
मिसर के बिसय:
 
येह मिसर के राजा फिरौन नको के सेना के बिरूध म संदेस ए, जेला बेबिलोन के राजा नबूकदनेसर ह योसियाह के बेटा यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज के चौथा साल म फरात नदी करा कर्कमीस सहर म हराईस:
“अपन बड़े अऊ छोटे दूनों ढालमन ला तियार करव,
अऊ लड़ई बर आघू बढ़व।
घोड़ामन ला तियार करव,
बने घोड़ामन ऊपर सवार होवव!
टोपा पहिरके
अपन जगह म ठाढ़ हो जावव!
भालामन ला धार करव,
अपन हथियारमन ला बांध लव!
मेंह का देखत हंव?
ओमन डर गे हवंय,
ओमन पाछू हटत हें,
ओमन के सैनिकमन हारत हें।
ओमन बिगर पाछू देखे
जल्दबाजी म भागत हें,
अऊ चारों कोति आतंक छा गे हवय,” यहोवा ह घोसना करत हे।
“तेज भागनेवाला ह भाग नइं सकय
न ही बलवान मनखे ह बच सकय।
उत्तर दिग म, फरात नदी के तीर म
ओमन ठोकर खाथें अऊ गिर जाथें।
 
“येह कोन ए, जऊन ह नील नदी सहीं,
उमड़त पानी के नदीमन सहीं बढ़त हे?
मिसर देस ह नील नदी सहीं,
उमड़त पानी के नदीमन सहीं बढ़त हे।
ओह कहिथे, ‘मेंह बढ़हूं अऊ धरती ऊपर छा जाहूं;
मेंह सहरमन ला ओमन म रहइया मनखेमन सहित नास कर दूहूं।’
हे घुड़सवारमन, हमला करव!
हे सारथीमन, तेजी से रथ चलावव!
हे ढाल धरइया कूस* अऊ पूत के सैनिकमन,
हे धनुसधारी लूदी के सैनिकमन, आघू बढ़व।
10 पर ओ दिन ह परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा के अय—
एक बदला लेय के दिन, जेमा ओह ओकर बिरूध लड़त बईरीमन ले बदला लीही।
तलवार ह अपन संतोस होवत तक,
अऊ खून ले अपन पीयास बुझावत तक मनखेमन ला मारही।
काबरकि उत्तर के देस म फरात नदी के तीर म,
परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह बलिदान करही।
 
11 “हे कुंवारी बेटी मिसर,
गिलाद ला जाके मलहम लेय ले।
तेंह फालतू म कतको किसम के दवाई लेथस;
ओमा तेंह बने नइं होवस।
12 जाति-जाति के मनखेमन तोर बेजत्ती के बारे म सुनहीं;
तोर रोवई ह धरती म जम्मो कोति सुनई दीही।
एक सैनिक ह दूसर सैनिक ऊपर ठोकर खाही;
अऊ ओ दूनों एक संग गिरहीं।”
13 बेबिलोन के राजा नबूकदनेसर के आय के अऊ मिसर देस ऊपर हमला करे के बारे म यहोवा ह यरमियाह अगमजानी ला ये बात कहिस:
14 “मिसर देस म ये घोसना कर, अऊ मिगदोल सहर म ये बात के घोसना कर;
मेमफीस अऊ तहपनहेस सहर म घलो ये बात के घोसना कर:
‘अपन जगह लेवव अऊ तियार हो जावव,
काबरकि तुम्हर चारों कोति के मनखेमन तलवार ले मारे जाहीं।’
15 तुम्हर सैनिकमन काबर नीचा करे जावंय?
ओमन सामना नइं कर सकंय, काबरकि यहोवा ह ओमन ला नीचा देखाही।
16 ओमन बार-बार ठोकर खाहीं;
ओमन एक-दूसर ऊपर गिरहीं।
ओमन कहिहीं, ‘उठव, हमन अतियाचार करइया के तलवार ले दूरिहा,
अपन मनखेमन करा अऊ अपन जनम भुइयां म
वापिस लहुंट जावन।’
17 उहां ओमन चिचियाके कहिहीं,
‘मिसर के राजा फिरौन ह सिरिप एक भारी कोलाहल ए;
ओह अपन मऊका ला गंवा दे हवय।’
 
18 “राजा, जेकर नांव सर्वसक्तिमान यहोवा अय,
ओह घोसना करत हे, मोर जिनगी के कसम,
एक जन आही, जऊन ह पहाड़मन के बीच म ताबोर सहीं,
अऊ समुंदर के तीर म करमेल सहीं अय।
19 हे मिसर म रहइयामन,
बंधुवई म जाय बर अपन सामानमन ला बांध लेवव,
काबरकि मेमफीस ह उजाड़ हो जाही
अऊ बिगर कोनो निवासी के बेकार हो जाही।
 
20 “मिसर ह एक सुघर बछिया सहीं अय,
पर उत्तर दिग ले ओकर बिरूध म
पसुमन ला काटनेवाला एक कीरा आवत हे।
21 ओकर संग के धन के लालची मनखेमन
मोटा-ताजा बछवा सहीं अंय।
ओमन घलो मुहूं मोड़के भागहीं,
ओमन सामना नइं कर सकहीं,
काबरकि ओमन के बिपत्ति के दिन,
अऊ सजा पाय के बेरा ह आवत हे।
22 मिसर देस ह भागत सांप के सहीं फुफकारही
जइसे कि बईरी ह बल के संग आघू बढ़थे;
ओमन ओकर बिरूध म टंगिया धरके आहीं,
जइसने कि मनखेमन रूख ला काटे बर आथें।
23 ओमन ओकर जंगल ला काट डारहीं,” यहोवा ह घोसना करत हे,
“हालाकि ओह घना जंगल होही।
ओमन फांफामन ले घलो जादा संखिया म हवंय।
ओमन के गनती नइं करे जा सकय।
24 बेटी मिसर के बेजत्ती होही,
ओला उत्तर दिग के मनखेमन के हांथ म दे दिये जाही।”
25 सर्वसक्तिमान यहोवा, इसरायल के परमेसर ह कहत हे: “मेंह थेबेस के देवता आमोन, फिरौन, मिसर देस अऊ ओकर जम्मो देवता अऊ राजा, अऊ फिरौन ऊपर भरोसा करइयामन ला दंड देनेचवाला हंव। 26 मेंह ओमन ला बेबिलोन के राजा नबूकदनेसर अऊ ओकर अधिकारीमन के हांथ म कर दूहूं, जऊन मन ओमन ला मार डारे चाहत हें। तभो ले बाद म, जब समय ह गुजरही, त मनखेमन ला फेर मिसर म बसाय जाही,” यहोवा ह घोसना करत हे।
27 “हे मोर सेवक याकूब, झन डर;
हे इसरायल, भयभीत झन हो।
मेंह तोला दूरिहा जगह ले
अऊ तोर संतानमन ला ओमन के बंधुवई के देस ले जरूर बचाहूं।
याकूब ला फेर सांति अऊ सुरकछा मिलही,
अऊ कोनो ओला नइं डराय सकहीं।
28 हे मोर सेवक याकूब, झन डर,
काबरकि मेंह तोर संग हवंव,”
यहोवा ह घोसना करत हे।
“हालाकि मेंह ओ जम्मो जाति के मनखेमन ला पूरा नास कर दूहूं,
जेमन के बीच म मेंह तुमन ला तितिर-बितिर कर दे हवंव,
पर मेंह तुमन ला पूरा नास नइं करंव।
मेंह तुमन ला सजा दूहूं, पर सिरिप एक सीमना के भीतर;
मेंह तुमन ला बिगर सजा के पूरा नइं छोंड़ दंव।”
* 46:9 नील नदी के ऊपरी इलाका