भजन-संहिता 101
दाऊद के एक भजन।
मेंह तोर मया अऊ नियाय के गीत गाहूं;
हे यहोवा, मेंह तोर परसंसा के गीत गाहूं।
मेंह निरदोस जिनगी जीये बर धियान दूहूं—
तेंह मोर करा कब आबे?
 
मेंह निरदोस हिरदय से
अपन घर के मामला म बेवहार करहूं।
मेंह कोनो दुस्ट काम बर
मंजूरी नइं दूहूं।
 
मेंह बिसवासहीन मनखेमन के काम ले घिन करथंव;
अइसन काम ले मोर कोनो लेना-देना नइं होही।
जिद्दी सुभाव ले मेंह दूर रहिहूं;
दुस्ट काम ले मोर कोनो लेना-देना नइं होही।
 
जऊन कोनो अपन परोसी के पाछू ओकर निन्दा करथे,
मेंह ओला नास कर दूहूं;
अहंकार ले भरे आंखीवाले अऊ घमंड ले भरे मनखे ला
मेंह सहन नइं करहूं।
 
मोर आंखी ह देस म बिसवासयोग्य मनखेमन ऊपर लगे रहिही,
ताकि ओमन मोर संग रहंय;
जऊन ह निरदोस जिनगी जीथे,
ओह मोर सेवा करही।
 
धोखाधड़ी करइया कोनो भी मनखे
मोर घर म नइं रहिही;
जऊन ह लबारी मारथे,
ओह मोर आघू म ठाढ़ नइं हो सकही।
 
हर बिहनियां मेंह देस के
जम्मो दुस्टमन ला नास कर दूहूं;
यहोवा के सहर ले
मेंह हर दुस्ट मनखे ला नास कर दूहूं।