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भजन-संहिता 46
संगीत के निरदेसक बर। कोरह के बेटामन के अलामोत के मुताबिक एक गीत।
परमेसर ह हमर सरन-स्थान अऊ बल अय,
बिपत के बेरा म ओह मदद करे बर हमेसा तियार रहिथे।
एकरसेति हमन नइं डरन, चाहे धरती ह पलट जावय
अऊ पहाड़ ह समुंदर के गरभ म जा गिरय।
चाहे समुंदर के पानी ह गरजय अऊ ओमा ले फेन निकलय
अऊ ओकर बड़े लहरामन ले पहाड़मन कांप उठंय।
 
एक नदी हवय, जेकर जल-धारामन परमेसर के सहर ला खुस कर देथें,
ये ओ पबितर स्थान अय, जिहां सर्वोच्च परमेसर ह रहिथे।
परमेसर ह ओ नगर म हवय, ओ नगर ह नइं गिरय;
बड़े बिहनियां परमेसर ह ओकर मदद करही।
जाति-जाति के मनखेमन के बीच खलबली मचे हवय, कतको राजमन गिर जावत हें;
ओह अपन अवाज ऊंचा करथे, त धरती ह टघल जाथे।
 
यहोवा सर्वसक्तिमान ह हमर संग हवय;
याकूब के परमेसर ह हमर गढ़ अय।
 
आवव अऊ यहोवा के काम ला देखव
कि ओह धरती ला कइसे उजाड़ दे हवय।
ओह धरती के छोर तक
लड़ई ला रोक देथे।
ओह धनुस ला टोर देथे अऊ बरछी ला कुटा-कुटा कर देथे;
ओह ढालमन§ ला आगी म जला देथे।
10 ओह कहिथे, “सांत रहव, अऊ ये बात ला जान लव कि मेंह परमेसर अंव;
जाति-जाति के मनखेमन के बीच मोर नांव ला ऊंचा करे जाही,
धरती म मोर नांव ला ऊंचा करे जाही।”
 
11 यहोवा सर्वसक्तिमान ह हमर संग हवय;
याकूब के परमेसर ह हमर गढ़ अय।
* भजन-संहिता 46: इबरानी म 46:1‑11 ला 46:2‑12 गने गे हवय भजन-संहिता 46: संभवतः संगीत के एक सबद भजन-संहिता 46:5 या यरूसलेम § भजन-संहिता 46:9 या रथमन