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भजन-संहिता 62
संगीत निरदेसक बर। यदूतून राग म दाऊद के एक भजन।
सही म मोर जीव ला परमेसर म अराम मिलथे;
मोर उद्धार ओकर करा ले आथे।
सही म ओह मोर चट्टान अऊ मोर उद्धार ए;
ओह मोर गढ़ ए, मेंह कभू नइं डगमगाहूं।
 
कब तक तुमन मोर ऊपर हमला करत रहिहू?
का तुमन जम्मो झन मोला खाल्हे फटिक दूहू—
में तो झुके दीवार, गिरत बाड़ा के सहीं अंव?
खचित ओमन मोला
मोर ऊंच जगह ले गिराय के इरादा रखथें;
ओमन लबारी मारे म खुस होथें।
अपन मुहूं ले ओमन आसीस देथें,
पर अपन मन म सराप देथें।
 
हव, मोर जीव ला परमेसर म अराम मिलथे;
ओकर ऊपर मोर आसा हवय।
सही म ओह मोर चट्टान अऊ मोर उद्धार ए;
ओह मोर गढ़ ए, मेंह नइं डगमगाहूं।
मोर उद्धार अऊ मोर आदर परमेसर ऊपर निरभर हवय;
ओह मोर मजबूत चट्टान, मोर सरन-स्थान ए।
हे मनखेमन, ओकर ऊपर हर समय भरोसा रखव;
ओकर आघू म अपन बात खुले मन से कहव,
काबरकि परमेसर ह हमर सरन-स्थान ए।
 
सही म नीच कुल म जनमे मनखेमन सिरिप एक सांस अंय,
अऊ ऊंच कुल म जनमे मनखेमन सिरिप एक लबारी अंय।
कहूं ओमन ला तराजू म तऊले जावय, त ओमन के कुछू वजन नइं ए;
एक संग ओमन सिरिप एक सांस अंय।
10 अनुचित वसूली ऊपर भरोसा झन करव
या चोरी के चीज म आसा झन रखव;
हालाकि तुम्हर संपत्ति बढ़थे,
पर ओमा अपन मन झन लगावव।
 
11 परमेसर ह एक बात कहे हवय,
दू बात मेंह सुने हवंव:
“हे परमेसर, सामर्थ ह तोर अय,
12 अऊ हे परभू, तोर म अब्बड़ मया हवय”;
अऊ, “तेंह हर एक जन ला
ओमन के काम के मुताबिक ईनाम देथस।”
* भजन-संहिता 62: इबरानी म 62:1‑12 ला 62:2‑13 गने गे हवय भजन-संहिता 62:7 या सर्वोच्च परमेसर ह मोर उद्धार अऊ मोर आदर ए