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ऊजुळ दा ईरोद
1 इदुरसाटी प्रिय चिकोरगोळ घाई परमेश्वर उन अनुकरण माळी,
2 अदिक प्यार दा नळी ह्यांग मसीह भी नीम से प्यार माळदुन, अदिक नाम साटी तान तान इक सुखदायक सुगन्ध इन साटी परमेश्वर उन मुंद भेंट माळकु बलिदान माळ बुट्टुर.
3 ह्यांग पवित्र लॉकुर्द लायक आद. हांग नीम दा व्यभिचार अदिक यातोदु प्रकार इन अशुध्द क्याल्सा या लोभ इन मात भी आगबाळुल;
4 अदिक ना निर्लज्जता, ना मूढ़ता अन्द मातचीत माळदेव, ना मज्याक माळदेव; यतिकी ईव मातगोळ शोभा कोळालव, बल्की धन्यवाद अच केळकु आगुल.
5 यतिकी नीव ईद जान्सतीर कि यावारा व्यभिचारी, या अशुध्द जन, या लोभी मंळसा अन्द, जो मूर्ति इन पुजा माळावाळा अन बराबर आन, मसीह अदिक परमेश्वर उन राज्य दा मीरास ईल्लच.
6 यावारा नीमी व्यर्थ मातगोळ देल ध्वाका कोळबाळुल, यतिकी ईवा क्याल्सागोळ्द कारण परमेश्वर उन सिट्ट आग्या ईला मान्सावाळेर मा भळकुसतद.
7 इदुरसाटी नीव आंदुर सहभागी ईरबाळी.
8 यतिकी नीव रा पयला अंधकार ईरीर लेकीन ईग प्रभु दा ज्योति आईर, इदुरसाटी ज्योति इन औलाद इन घाई नळी
9 यतिकी ज्योति इन फल सब प्रकार इन भलाई, अदिक न्यायीपन, अदिक सच्चाई आद,
10 अदिक ईद परखुसी कि प्रभु उक येन भाऊसतद.
11 अंधकार इन निष्फल क्याल्सागोळ दा सहभागी ईरबाळी, बल्की अदुर मा उलाहना कोळी.
12 यतिकी आंदुर गुप्त क्याल्सागोळ्द चर्चा भी शरम इन मात आद.
13 पर यास क्याल्सागोळ मा उलाहना कोटकु आगतद अव सप्पा ज्योति टु प्रगट आगतद, यतिकी जो सप्पा येनारा अक प्रगट माळतद अद ज्योति हुन.
14 ई कारण आव अनतान,
“हे मिंगावाळा,
जाग्स अदिक मुर्दागोळ दा टु जित्ता येळ;
रा मसीह अन्द ज्योति नीन मा चमकुसीत.”
15 इदुरसाटी ध्यान देल नोळी, कि ह्यांग चाल नळुतीर: निर्बुद्धीगोळ्द घाई ईला पर बुद्धिमानगोळ्द घाई नळी.
16 मवका अक बार्र सम्सी, यतिकी दिन बुरा आव.
17 ई कारण निर्बुद्धी ईरबाळी, पर ध्यान देल सम्सी कि प्रभु उन इच्छा येन आद.
18 अंगुर इन रास्सा टु मतवाला बन्सबाळी, यतिकी इदुर देल लुचपन आगतद, पर आत्मा देल परिपुर्ण आगतेला होगी,
19 अदिक आपस दा भजन अदिक स्तुति हाळ अदिक आत्मिक हाळगोळ हाळतोगी, अदिक तान तान मन दा प्रभु उन मुंद हाळतेला अदिक कीर्तन माळतेला ईरी.
20 अदिक हमेशा सब मातगोळ्द साटी नाम्द प्रभु यीशु मसीह अन्द हेसुर देल परमेश्वर आप्प उन धन्यवाद माळतेला ईरी.
गांड्ड अदिक हिंग्स
21 मसीह अन्द अंज्क देल आबुर दाबुर्द हात्ती ईरी.
22 हे हिंग्सुरा, तान तान गांड्ड उन हिंग हात्ती ईरी जसा प्रभु उन.
23 यतिकी गांड्ड हिंग्स उन ताल्ला हुन ह्यांग कि मसीह मंडली इन ताल्ला आन अदिक खुद अच मय इन उद्धारकर्ता आन.
24 पर ह्यांग मंडली मसीह अन्द हात्ती आद, हांग अच हिंग्सुर भी हर मात दा तान तान गांड्ड उन हात्ती ईरूल.
25 हे गांड्डुरा, तान तान हिंग्सुर से प्यार ईटी ह्यांग मसीह भी मंडली से प्यार माळकु तान तान इक अदुर साटी कोट बुट्टुन
26 कि आऊक वचन इन द्वारा नीर इन मयतोळदुर देल शुद्ध माळकु पवित्र माळी,
27 अदिक आऊक ऊंद हिंग तेजस्वी मंडली माळकु तान हात्ती निदुर्सुल, यदुर दा ना कलंक, ना झुर्री, ना यातोदारा अदिक हिंग वस्तु ईरूल बल्की पवित्र अदिक निर्दोष ईरूल.
28 ईदा प्रकार उचित आद कि गांड्ड तान तान हिंग्सुर से तान मय इन घाई प्यार ईटली पायजे. जो तान हिंग्स उन से प्यार ईटतान, आव तान तान से प्यार ईटतान.
29 यतिकी याऊ यागलु तान मय देल दुश्मनी ईटीदिल बल्की अदुर्द पालन-पोषण माळतान, जसा मसीह भी मंडली इन सांगुळ माळतान.
30 इदुरसाटी कि नाव आऊन मय इन अंग हुयेव.
31 “ई कारण मंळसा तान मोय-आप्प उक बिटकु तान हिंग्स उन सांगुळ ईत्तान, अदिक आंदुर येढ्ढु ऊंद तन आदार.”
32 ईद भेद रा धोळ आद, पर ना ईल मसीह अदिक मंडली इन बारा दा अनतीन.
33 पर नीम दा टु हर ऊंद तान हिंग्स उन से तान घाई प्यार ईटुल, अदिक हिंग्स भी तान गांड्ड उन आदर माळुल.