इफिसियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री
इफिसियों को नाम पौलुस प्रेरित की चिट्ठी
परिचय
मसीह को जनम को ६० साल पहिले इफिसियों की चिट्ठी अऊर कुलुस्सियों की चिट्ठी लगभग साथ म लिखी गयी। प्रेरित पौलुस यो सुचित करय हय कि वा चिट्ठी को लेखक उच आय १:१।
कुलुस्सियों की चिट्ठी को तरह या चिट्ठी म व्यक्तिक शुभेच्छा नहीं पायी जावय हय। फिर भी अधिकतर विद्वानों को यो माननो हय कि पौलुस नच या चिट्ठी लिखी होना। योच वजह प्रान्त को अलग अलग मण्डली म या चिट्ठी घुमाय क पड़ी जाय असो पौलुस को इरादा होय सकय हय, जब ओन या चिट्ठी लिखी तब पौलुस यो बतावय हय कि ऊ जेल म होतो, ३:१; ४:१अऊर ६:२०। जब तुखिकुस इफिसियों की मण्डली ख मिलन इफिसियों जाय रह्यो होतो तब पौलुस न या चिट्ठी ओको हाथ म भेज्यो६:२१-२२।
इफिसियों बहुत बड़ो शहर होतो, ऊ समय एशिया माइनर प्रान्त की वा राजधानी होती। शहर म अर्तमिस नामक ग्रीक देवता को एक बड़ो मन्दिर होतो जेको वजह सी इफिसियों ख बहुत प्रसिद्धी मिली, प्रेरितों १९:२३-३१ यो इफिसियों की मण्डली की सुरूवात जोरदार भयी पर बाद म वा कमजोर होती दिखायी दी हय प्रकाशितवाक्य २:१-७। परमेश्वर न अपनो लोगों ख चुन क यीशु मसीह को द्वारा कसो उन्को पापों सी छुटकारा दिलायो या बात पौलुस की चिट्ठी को पहिले भाग म स्पष्ट करय हय, वा मण्डली की तुलना ऊ शरीर सी करय हय कि जेको मस्तक मसीहच आय अऊर ऊ कोना को गोटा ऊ इमारत सी जेको कोना को गोटा मसीह आय किताब को दूसरों भाग म मसीह जीवन कसो जीनो चाहिये येको बारे म बतावय हय।
रूप-रेखा
१. पौलुस खुद को परिचय दे क इफिसियों ख शुभेच्छा देवय हय। अध्याय १:१-२
२. बाद म ऊ मण्डली को मसीह सी रिश्ता कसो होनो चाहिये। १:३–३:२१
३. बाद म पौलुस मसीही जीवन कसो जीवय येको बारे म बतावय हय। ४:१–६:२०
४. पौलुस आखरी शब्द लिख क चिट्ठी खतम करय हय। ६:२१-२४
1
1 पौलुस को तरफ सी जो परमेश्वर की इच्छा सी मसीह यीशु को प्रेरित हय, अऊर मसीह यीशु म परमेश्वर को विश्वासी लोगों ख जो इफिसुस शहर म रह्य हय।
2 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहे।
मसीह म आत्मिक आशीषें
3 हमरो प्रभु यीशु मसीह को परमेश्वर अऊर बाप को धन्यवाद हो कि ओन हम्ख मसीह को द्वारा स्वर्गीय जागा म सब तरह की आत्मिक आशीष दी हय।
4 जसो ओन हम्ख जगत की उत्पत्ति सी पहिले मसीह म चुन लियो कि हम, ओको जवर प्रेम म पवित्र अऊर निर्दोष हो।
5 अऊर अपनी इच्छा को भली प्रिती को अनुसार हम्ख अपनो लायी पहिले सी ठहरायो कि यीशु मसीह को द्वारा हम ओको उत्तराधिकारी बेटा अऊर बेटी आय,
6 परमेश्वर की अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, कहालीकि ओन येख हम्ख जो ओको प्रिय बेटा को द्वारा खुलो दिल सी दियो गयो।
7 हम ख ओको म मसीह को खून को द्वारा छुटकारा, यानेकि पापों की माफी, ओको महान अनुग्रह सी मिल्यो हय,
8 जेक ओकी पूरी बुद्धी अऊर समझ को अनुसार हम पर बहुतायत सी करयो।
9 कहालीकि ओन अपनी इच्छा को भेद ऊ भली प्रिती को अनुसार हम्ख बतायो, जेक ओन मसीह अपनो आप म ठान लियो होतो।
10 परमेश्वर की या योजना होती कि उचित समय आवन पर स्वर्ग की अऊर धरती पर की पूरी चिजों ख, जमा करे ताकि मसीह ओको मुखिया हो।
11 ओकोच म जेको म हम भी ओकीच मनसा सी जो अपनी इच्छा को मत को अनुसार सब कुछ करय हय, पहिले सी ठहरायो जाय क ओकी विरासत बन्यो
12 कि हम, जिन्न पहिले सी मसीह पर आशा रखी होती, परमेश्वर की महिमा करे।
13 जब तुम न सच्चो सन्देश सुन्यो अऊर ऊ सुसमाचार सी तुम्हरो उद्धार भयो अऊर तुम भी परमेश्वर को लोग बन गयो। अऊर पवित्र आत्मा जो प्रतिज्ञा करयो हुयो ख तुम्ख देन को द्वारा परमेश्वर न तुम पर मुहर लगायी अऊर तुम्न मसीह पर विश्वास करयो।
14 वा आत्मा ऊ समय लायी दियो गयो जब तक की हम्ख जो ओको अपनो हय छुटकारा नहीं देवय आवो हम ओकी महिमा करे।
पौलुस की प्रार्थना
15 यो वजह, मय भी ऊ विश्वास अऊर समाचार सुन्यो जो तुम लोगों म प्रभु यीशु पर हय अऊर सब पवित्र लोगों पर प्रेम प्रगट हय,
16 तुम्हरो लायी मय परमेश्वर ख धन्यवाद करनो नहीं छोड्यो, अऊर अपनी प्रार्थनावों म तुम्ख याद करू हय।
17 कि हमरो प्रभु यीशु मसीह को परमेश्वर सी जो महिमा को पिता हय, तुम्ख अपनी पहिचान म ज्ञान अऊर प्रकाश की आत्मा देयेंन, ताकि तुम ओख अच्छो सी जान सको।
18 अऊर तुम्हरो मन की आंखी ज्योतिर्मय हो कि तुम जान लेवो कि ओकी बुलाहट की आशा का हय, अऊर पवित्र लोगों म ओकी विरासत की महिमा को धन कसो हय,
19 अऊर ओकी सामर्थ हम म जो विश्वास करय हंय, कितनी महान हय, ओकी शक्ति को प्रभाव को ऊ कार्य को अनुसार हय।
20 जो ओन मसीह म करयो कि ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो कर क् स्वर्गीय जागा म अपनी दायो तरफ बैठायो
21 पूरो शासकों, अऊर अधिकारियों, अऊर सामर्थी, अऊर प्रभुतावों को, अऊर हर एक नाम को ऊपर, जो न केवल यो युग म पर आवन वालो युग म भी लियो जायेंन, बैठायो;
22 अऊर सब कुछ मसीह को पाय खल्लो कर दियो; अऊर ओख सब चिजों पर शिरोमनि ठहराय क मण्डली ख दे दियो,
23 मण्डली मसीह को शरीर आय, अऊर ओकीच परिपूर्णता हय जो सब म सब कुछ पूरो करय हय।