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व्यवस्था या विश्वास
हे निर्बुद्धि गलातियों, कौन न तुम्ख मोह लियो हय? तुम्हरी त मानो आंखी को आगु यीशु मसीह क्रूस पर साफ रीति सी दिखायो गयो! मय तुम सी केवल एक बात जाननो चाहऊं हय कि तुम न परमेश्वर की आत्मा ख, का व्यवस्था को पालन करनो सी यां सुसमाचार सुनन सी यां विश्वास करनो सी मिल्यो? का तुम असो निर्बुद्धि हय कि परमेश्वर की आत्मा को द्वारा सुरूवात कर क् अऊर अपनो शरीर की शक्ति को द्वारा पूरो करनो चाहवय हय? का तुम न इतनो दु:ख बेकारच उठायो? पर कभी भी बेकार नहाय। जो परमेश्वर तुम्ख आत्मा प्रदान करय हय अऊर तुम म सामर्थ को काम करय हय, का ऊ यो येकोलायी करय हय कि का तुम व्यवस्था को नियमों ख पालय हय यां येकोलायी कि तुम न सुसमाचार ख सुन्यो अऊर विश्वास करयो?
जसो-जसो अब्राहम को अनुभव को बारे म शास्त्र म लिख्यो हय, “परमेश्वर पर विश्वास करयो अऊर यो ओको लायी सच्चो गिन्यो गयो।” अब यो जान लेवो कि जो विश्वास करन वालो हंय, हिच अब्राहम की सन्तान आय। अऊर पवित्र शास्त्र न पहिलेच सी भविष्यवानी करी होती कि परमेश्वर गैरयहूदियों ख विश्वास सी सच्चो ठहरायेंन। पहिलेच सी अब्राहम ख यो सुसमाचार कि घोषना कर दियो “तोरो द्वारा सब लोग आशीष पायेंन।” अब्राहम न विश्वास करयो अऊर आशिषित भयो; उच तरह जो विश्वासी रखय हय हि आशीष पावय हय।
10 येकोलायी जितनो लोग व्यवस्था को पालन कर क् जीवय हय, हि सब श्राप को अधीन हंय। कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी व्यवस्था की किताब म लिखी हुयी सब बातों ख पालन करन म स्थिर नहीं रह्य, त ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” 11 पर या बात साफ हय कि व्यवस्था को द्वारा परमेश्वर को यहां कोयी सच्चो नहीं ठहरय, कहालीकि शास्त्र असो कह्य हय, सच्चो लोग विश्वास सी जीन्दो रहेंन। 12 पर व्यवस्था को विश्वास को संग कोयी सम्बन्ध नहाय; बल्की जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जो उन्को करेंन, ऊ उन्को सहारा जीन्दो रहेंन।”
13 पर मसीह हमरो लायी श्रापित बन्यो, ताकी हम्ख व्यवस्था को श्राप सी छुड़ाये, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी झाड़ पर लटकायो गयो हय ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।” 14 यो येकोलायी भयो कि अब्राहम की आशीष मसीह यीशु म गैरयहूदियों तक पहुंचे, अऊर हम विश्वास को द्वारा वा आत्मा ख हासिल करे जेकी प्रतिज्ञा भयी हय।
व्यवस्था अऊर वादा
15 हे भाऊवों अऊर बहिनों, अब मय तुम्ख दैननदिन जीवन सी एक उदाहरन देन जाय रह्यो हय; जसो कोयी दोय आदमी द्वारा कोयी करार कर दियो जान पर नहीं त ओख रद्द करयो जाय सकय हय अऊर नहीं बढ़ायो जाय सकय हय। 16 मतलब परमेश्वर न अब्राहम अऊर ओको वंश ख प्रतिज्ञाये दी हय। ओको बारे म शास्त्र यो कह्य हय, “तोरो वंशजों ख,” मतलब बहुत सो लोग, पर एक वचन जसो “तोरो वंश ख” मतलब एक लोग जो मसीह आय। 17 मोरो कहनो यो हय कि: जो प्रतिज्ञा परमेश्वर न अब्राहम को संग स्थापित करयो होतो, ओख चार सौ तीस साल को बाद आवन वाली व्यवस्था नहीं बदल सकय। 18 कहालीकि यदि परमेश्वर को दान व्यवस्था पर आधारित हय त वा प्रतिज्ञा को आधार पर नहाय, पर परमेश्वर न यो अब्राहम ख प्रतिज्ञा को आधार पर दे दियो हय।
19 तब फिर व्यवस्था को उद्देश का होतो? आज्ञा को अपराधो को वजह व्यवस्था ख वचन सी जोड़ दियो गयो होतो ताकी जेको लायी अब्राहम को वंशज को आवन तक ऊ रहे, प्रतिज्ञा दी गयी होती; अऊर ऊ स्वर्गदूतों को द्वारा मध्यस्थ सी दी गयी होती। 20 मध्यस्थ त दोय को बीच म होवय हय, पर परमेश्वर एकच आय।
व्यवस्था को उद्देश
21 त का व्यवस्था परमेश्वर की प्रतिज्ञावों को विरोध म हय? कभीच नहीं! कहालीकि यदि असी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, त सचमुच सच्चायी व्यवस्था को पालन को द्वारा मिलय हय। 22 पर पवित्र शास्त्र कह्य हय, पूरी दुनिया ख पाप को अधीन कर दियो, अऊर येकोलायी यीशु मसीह म विश्वास को आधार पर प्रतिज्ञा करयो हुयो परमेश्वर को दान, ऊ विश्वास करन वालो ख मिले।
23 पर विश्वास को आनो सी पहिले व्यवस्था की अधिनता म हमरी रखवाली होत होती, अऊर ऊ विश्वास को आवन तक जो प्रगट होन वालो होतो, हम ओकोच बन्धन म रहे। 24 येकोलायी हम्ख मसीह तक पहुंचान लायी व्यवस्था ख हमरो मार्गदर्शक ठहरायो हय कि हम विश्वास सी सच्चो ठहरे। 25 पर जब विश्वास आय चुक्यो, त हम अब व्यवस्था को अधीन नहीं रह्यो।
26 कहालीकि तुम सब ऊ विश्वास को द्वारा जो मसीह यीशु म एक होनो सी परमेश्वर की सन्तान हो। 27 अऊर तुम म सी जितनो न मसीह म एक होन को लायी बपतिस्मा लियो हय, उन्न मसीह यीशु ख मतलब ओको जीवन ख पहिन लियो हय। 28 अब नहीं यहूदी रह्यो अऊर नहीं गैरयहूदी, नहीं कोयी सेवक नहीं स्वतंत्र, नहीं कोयी नर अऊर नहीं नारी, कहालीकि तुम सब मसीह यीशु म मिल जान को वजह एक हो। 29 अऊर यदि तुम मसीह को हय त अब्राहम को वंश अऊर प्रतिज्ञा को अनुसार वारिस भी हो।
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