प्रकाशितवाक्य यूहन्ना के द्वारा
प्रकाशितवाक्य यूहन्ना को द्वारा
परिचय
प्रकाशितवाक्य या किताब नयो नियम को आखरी किताब आय, अऊर वा आखिर म लिख्यो गयो। प्रेरित यूहन्ना न यीशु मसीह को जनम को बाद सन ९५ को आस पास वा लिख्यो गयी १:१ अऊर ओनच यूहन्ना रचित सुसमाचार अऊर यूहन्ना की १, २, ३ चिट्ठी लिखी। योच यूहन्ना को लोग “यीशु जेको पर प्रेम करत होतो” असो मान क पहिचानत होतो। यूहन्ना १३:२३ यीशु मसीह को सुसमाचार को वजह सी पतमुस नाम को द्वीप पर जब सजा भोग रह्यो होतो, तब ओन या किताब लिख्यो १:९।
या किताब लिखन को यूहन्ना को उद्देश यो होतो कि मोरो पढ़न वालो ख यीशु को संग विश्वास म रहन लायी प्रोत्साहन देनो अऊर यीशु को फिर सी वापस आनो जवर होतो। येकोलायी ओको म आशा निर्मान करनो १:३; २२:७ ओन सब विश्वासियों ख या चिट्ठी लिखी पर विशेषता या हय कि वा साथ मण्डलियों ख लिख्यो जिन्को उल्लेख २–३ म मिलय हय। यूहन्ना खुद की लिखावट ख परमेश्वर को तरफ सी आयो हुयो सन्देश, भविष्यवानी असो बतावय हय अऊर जिन बातों ख खुद न देख्यो उन बातों को वर्नन ऊ अलंकारिक भाषा म लिखय हय। या जो किताब आय, यो पुरानो नियम को कुछ भागो सी मिलतो झुलतो अऊर विशेषता जकर्याह ६:१-८ इन वचनों सी ओकी समानता देखो वसोच सात तुरही अऊर सात कटोरा यो परमेश्वर न मिस्र पर आयो हुयो दु:ख को जसो हय। निर्गमन ७–९ प्रकाशितवाक्य आखरी दिनो को वर्नन करय हय आखिर म यीशु विजयी जसो होयेंन अऊर ओको पर विश्वास करन वालो ओको संग जीन्दो रहेंन असो ऊ कह्य हय। या किताब को द्वारा तुम्ख चेतावनी मिले, अऊर यीशु को फिर सी आन को बारे म तुम्ख आशा मिलेंन।
रूप-रेखा
१. सुरूवात म यूहन्ना खुद की पहिचान कर क् ओख भविष्यवानी कसो प्राप्त भयी यो बताय क सुरूवात करय हय। १:१-२०
२. यीशु को तरफ सी सात मण्डलियों ख प्रत्येक्ष मिल्यो हुयो सन्देश यूहन्ना देवय हय। १:१–३:२२
३. तब ऊ सात सिक्का को उल्लेख करय हय। ४:१–८:५ अऊर सात तुरही को वर्नन करय हय। ८:६–११:१९
४. ओको बाद यूहन्ना एक छोटो लड़का सात मुंड वालो सांप सी कसो लड़ाई यो बतावय हय। १२:१–१४:२०
५. ओको बाद यूहन्ना सात गुस्सा को बारे म लिखय हय। १५:१–१६:१८
६. ओको बाद परमेश्वर ओको आसमान को दुश्मन पर कसो विजय हासिल करय हय, यो बतावय हय। १७:१–२०:१५
७. जो नयो आसमान अऊर नयी धरती आखिर म आवन वाली हय ओको वर्नन करय हय। २१:१–२२:२१
1
1 यीशु मसीह को प्रकाशन, जो ओख परमेश्वर न येकोलायी दियो कि अपनो सेवकों ख हि बाते, जिन्को जल्दी होनो जरूरी हय, दिखाये; अऊर ओन अपनो स्वर्गदूतों ख भेज क ओको द्वारा अपनो सेवक यूहन्ना ख बतायो,
2 यूहन्ना न परमेश्वर को वचन अऊर यीशु मसीह की गवाही, मतलब जो कुछ ओन देख्यो होतो ओकी गवाही दी।
3 धन्य हय हि जो या किताब ख पढ़य हय, अऊर धन्य हय हि भविष्यवानी को सन्देश ख सुनावय हय अऊर जो लिख्यो हय ओको अनुसार चलय हय; कहालीकि या सब बाते घटित होन को समय जवर हय।
सात मण्डलियों ख नमस्कार
4 यूहन्ना को तरफ सी आसिया प्रान्त की सात मण्डलियों को नाम: ऊ परमेश्वर को तरफ सी जो हय, अऊर जो होतो, अऊर जो आवन वालो हय; अऊर उन सात आत्मावों को तरफ सी जो ओको सिंहासन को सामने हंय,
5 अऊर यीशु मसीह को तरफ सी जो विश्वास लायक गवाह अऊर मरयो हुयो म सी जीन्दो होन वालो म पहिलौठा अऊर धरती को राजावों को शासक हय। तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहे।
ऊ हम सी प्रेम रखय हय, अऊर ओन अपनो खून को द्वारा हम्ख पापों सी छुड़ायो हय,
6 अऊर हम्ख एक राज्य अऊर अपनो पिता परमेश्वर लायी याजक भी बनाय दियो। यीशु मसीह की महिमा अऊर पराक्रम हमेशा हमेशा रहे। आमीन।
7 देखो, ऊ बादलो को संग आय रह्यो हय, अऊर हर एक आंखी ओख देखेंन, हि भी जिन्न ओख बेध्यो होतो हि भी ओख देखेंन, अऊर धरती को पूरो गोत्र ओको वजह शोक करेंन। आमीन।
8 प्रभु परमेश्वर, जो हय अऊर जो होतो अऊर जो आवन वालो हय, जो सर्वशक्तिमान हय, यो कह्य हय, “मयच पहिलो अऊर आखरी आय।”
मसीह को दर्शन
9 मय यूहन्ना, जो तुम्हरो भाऊ आय अऊर यीशु को बड़ी कठिनायी अऊर राज्य अऊर धीरज म तुम्हरो सहभागी हय, परमेश्वर को वचन अऊर यीशु की गवाही को वजह पतमुस नाम को टापू म होतो।
10 मय प्रभु को दिन आत्मा म आय गयो, अऊर अपनो पीछू तुरही को जसो बड़ो आवाज यो कहतो सुन्यो, जो कुछ तय देख रह्यो हय ओख एक किताब म लिखतो जा अऊर या किताब ख सात शहरों की मण्डलियों म भेज दे।
11 “जो कुछ तय देख रह्यो हय ओख एक किताब म लिखतो जा अऊर या किताब ख सातों मण्डलियों को जवर भेज दे, मतलब इफिसुस, अऊर स्मुरना, अऊर पिरगमुन, अऊर थुआतीरा, अऊर सरदीस, अऊर फिलदिलफिया, अऊर लौदीकिया ख।”
12 तब मय न ओख, जो मोरो सी बोल रह्यो होतो, देखन लायी अपनो मुंह फिरायो; अऊर पीछू घुम क मय न सोनो की सात दीवट देख्यो,
13 अऊर उन दीवट को बीच म आदमी को बेटा जसो एक आदमी ख देख्यो, जो पाय तक कपड़ा पहिन्यो, अऊर छाती पर सोनो को पट्टा बान्ध्यो हुयो होतो।
14 ओकी मुंड अऊर बाल सफेद ऊन जसो उज्वल होतो, अऊर ओकी आंखी आगी को जसी चमकत होती।
15 ओको पाय उत्तम पीतर को जसो होतो जो मानो भट्टी म तपायो गयो हय, अऊर ओकी आवाज एक पानी को झरना को जसी लग रही होती
16 ऊ अपनो दायो हाथ म सात तारा धरयो हुयो होतो, अऊर ओको मुंह सी तेज दोधारी तलवार निकलत होती। ओको चेहरा भर दोपहर म निकल्यो हुयो सूरज को जसो चमकदार होतो।
17 जब मय न ओख देख्यो त ओको पाय पर मरयो हुयो आदमी को जसो गिर पड़्यो। ओन मोरो पर अपनो दायो हाथ रख क कह्यो, “मत डर!” मय पहिलो अऊर आखरी आय;
18 मय जीन्दो हय अऊर मय मर गयो होतो, अऊर अब देख मय हमेशा हमेशा जीन्दो रहूं। मृत्यु अऊर अधोलोक की कुंजी पर मोरो अधिकार हय।
19 येकोलायी जो बाते तय न देखी हंय अऊर जो बाते होय रही हंय, अऊर जो बाते येको बाद होन वाली हंय, उन सब ख लिख ले।
20 मतलब उन सात तारा को भेद जिन्ख तय न मोरो दायो हाथ म देख्यो होतो, अऊर उन सात सोनो को दीवट को भेद: हि सात तारा सातों मण्डलियों को दूत आय, अऊर हि सात दीवट सात मण्डलियां हंय।