12
परमेस्वर हमरो दऊवा
जहाँ ले हमारी बात है, हमरे आस-पास गभा की इतनी बड़ी भीड़ है, कि हम रस्ता मैं आनबारी सबै चीजन से छुटकारा पामैं, और बौ पाप से छुटकारा पामैं जो हमकै इतनी कसकै पकड़थै, और हमकै बिस्वास के संग भाजनो चाहिए। और बिस्वास के कर्ता और सिद्ध करन बारे ईसु के घाँईं ताकते रहमैं; जो बौ खुसी के ताहीं जो बाके अग्गु धरी रहे, सरम की कोई चिंता नाय करकै, क्रूस को दुख सई; और परमेस्वर के सिंहासन के दहने जाए बैठो।
जहेमारे बाके ऊपर पूरे मन से ध्यान करौ, जो अपने खिलाप पापिन को इतनो बिरोध सह लई कि तुम निरास हुईकै हिम्मत ना छोड़ दियौ। तुम पाप से लड़त भै बासे इतनो मुटभेंट नाय करे हौ, कि तुम्हारो खून बहो होबै। और बौ जो तुमकै लौड़न के हानी उत्साहित करन के ताहीं परमेस्वर बचन दई है का तुम भूल गै हौ?
“मेरो लौड़ा, प्रभु की ताड़ना कै हल्की बात मत समझिए,
और जब बौ तोकै घुड़कै तौ हिम्मत मत छोड़िये।
काहैकि प्रभु जोसे प्रेम करथै, बाकै सुधारथै;
और जोकै लौड़ा बनाए लेथै, बाकै कोड़ौ लगाथै।”
तुम दुख कै सजा समझकै सह लेबौ; परमेस्वर तुमकै लौड़ा समझकै तुम्हारे संग बर्ताव करथै, बौ कौन सो लौड़ा है, जोकी सजा दऊवा नाय करथै? अगर बौ सजा जोके भागीदार सब होथैं, तुम्हारी नाय भइ, तौ तुम लौड़ा नाय, बल्किन व्यभिचार के बालका ठहरै!
फिर जबकी हमरे इंसानी दऊवा भी हमारी सजा करत रहैं और हम उनको आदर करे, तौ का आत्मन के दऊवा के औरौ संग नाय रहमैं जोसे हम जिंदे रहमैं। 10 बे तौ अपनी-अपनी समझ के मुताबिक थोड़ी दिनन के ताहीं सजा करत रहैं, पर जौ तौ हमरे फायदा के ताहीं करथै, कि हमउँ बाकी पवित्रता के भागी हुई जामैं। 11 और आज के समय मैं हर तरह की सजा खुसी की नाय, बल्किन दुखै की बात सुजाई पड़थै, तहुँओं जो बाकै सहत-सहत पक्के हुईगै है, बाद मैं उनकै चैन के संग धार्मिकता को प्रतिफल मिलथै।
निर्देस और चितौनी
12 जहेमारे ढीले हातन और कमजोर घटनन कै मजबूत करौ। 13 और अपने पाँव के ताहीं सूदे रस्ता बनाबौ, कि लंगड़ा भटक नाय जाबै, बल्किन भलो चंगो हुई जाबै।
14 सबके संग सांति और निस्ठा से रहन की कोसिस करौ, और पवित्र जिंदगी जीन की कोसिस करौ, काहैकि जाके बिना कोई भी प्रभु कै नाय देख पागो। 15 और ध्यान से देखत रहबौ, ऐसो नाय होबै, कि कोई परमेस्वर के अनुग्रह पान से छूट जाबै, या कोई कड़वी जड़ फूट कै दुख देबै, और बाके जरिया निरे लोग असुद्ध हुई जामैं। 16 ऐसो नाय होबै, कि कोई आदमी व्यभिचारी, या एसाव के जैसी भक्तिहीन होबै, जो एक बार के भात के बदले अपनो पहलोठो होन को अधिकार बेंच डारी। 17 तुम जानथौ, कि बाद मैं जब बौ आसीस पानो चाही, तौ बौ बेकार पाओ गौ, और आँसु बहाए बहाएकै ढूँड़न पर भी बाकै मन फिरान को मौका नाय मिलो।
18 तुम तौ बौ पहाड़ के झोने जो छुओ जाए सकत रहै और आगी से धधकत रहे, और कारे बादर, और अंधियारो, और आँधी के झोने। 19 और तुरहई की अबाज, और बोलन बारे के ऐसे सब्द के झोने नाय आए, जोके सुनन बारे बिनती करीं, कि अब हमसे और बात नाय करी जामैं। 20 काहैकि बे बौ आग्या कै नाय सह पाईं “अगर कोई जानवरौ पहाड़ कै छूबै, तौ पथराव से मार दौ जाबै।” 21 और बौ नजारा ऐसो डराबनो रहे, कि मूसा कही, “मैं भौत डराय रौ हौं और काँप रौ हौं।”
22 लेकिन तुम सिय्योन के पहाड़ के झोने, और जिंदे परमेस्वर के नगर स्वर्गिय यरूसलेम के झोने हजारौ स्वर्गदूतन के संग आए हौ। 23 और बे पहलोठेन की सूदी सभा और कलीसिया जिनके नाओं स्वर्ग मैं लिखे भै है। तुम जो परमेस्वर के झोने आए हौ, जो सबको न्याई है, और धर्मी लोगन की आत्मन कै सिद्ध बनाओ गौ है। 24 और नई वाचा को बिचवई ईसु, और छिड़काव के बौ खून के झोने आए हौ, जो हाबिल के खून से अच्छी बात कहथै।
25 चहाचीते रहबौ, और बौ कहनबारे से मोहों मत मुरकाबौ, काहैकि लोग जब धरती मैं के चितौनी देनबारे से मोहों मुरकाए कै नाय बच सके, तौ आपन स्वर्ग मैं से चितौनी देनबारे से कैसे बच पांगे? 26 बौ समय तौ बाके बोल धरती कै हलाए दईं लेकिन अब बौ वादा करी है, “एक बार फिर मैं बस पृथ्वी कै नाय बल्किन आसमान कै भी हलाए देंगो।”
27 और जौ बोल “एक बार फिर” जौ बात कै दिखाथै, कि जो चीज हलाई जाए सकथै, बे बनाई भइ चीज होन के बजह से खतम ही जांगी; ताकी जो चीज हलाई नाय जाथैं, बे हमेसा बनी रहमैं। 28 जौ बजह से हमकै ऐसो राज्य मिलो है जो हलन बारो नाय है, आपन सब आभारी है। आबौ आपन बौ परमेस्वर की आराधना बड़ी सृद्धा और बिस्वास के संग करैं, जोसे बौ खुस होथै। 29 काहैकि हमरो परमेस्वर भसम करन बारी आगी है।