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गलील देस के काना सहर मैं बिहा
1 फिर दुई दिन बाद गलील के काना सहर मैं एक बिहा रहै; और ईसु कि अईय्या भी हुँआँ रहै।
2 ईसु और बाके चेला को बिहा मैं न्युतो रहै।
3 जब बौ बिहा मैं दाखरस निपट गौ, तौ ईसु की अईय्या बासे कही, “उनके झोने दाखरस निपट गौ है।”
4 ईसु बासे कही “तैं मोकै मत बताबै कि मोकै का करने है, अभै मेरो समय नाय आओ है।”
5 ईसु की अईय्या सेवकन से कही, “जो कछु बौ तुमसे कहबै, बहे करियो।”
6 हुँआँ पर यहूदियन कै सुद्धिकरन के ताहीं, उनके रीत-रबईय्या के हानी, पथरा के छै घल्ला धरे रहैं, जोके भीतर लमसम सौ लीटर अपात रहैं।
7 ईसु उनसे कही, “घल्ला मैं पानी भर देबौ,” तौ बे घल्लन कै डबाडब भर दईं।
8 ईसु उनसे कही, “अब निकारकै बिहा को पधान के झोने लै जाबौ”, और बे लैकै गै।
9 जब बिहा को बौ पानी पधान चखी जो दाखरस बन गौ रहै, और बाकै जहे मालुम नाय रहै कि जौ कहाँ से आई है (पर जो सेवक रहैं, उनकै जौ मालुम रहै, कि जौ पानी है) तौ बिहा को पधान दुल्हा कै बुलाएकै कही,
10 “हर आदमी पहले अच्छी दाखरस देथै, और जब लोग पीकै छक जाथैं, तौ थोड़ी मद्दी देथैं, पर तैं तौ अच्छी दाखरस अभैले धरे पड़े है।”
11 ईसु गलील देस के काना सहर मैं अपनो पहलो चिन्ह दिखाए कै अपनी महिमा दिखाई और बाके चेला बाके ऊपर बिस्वास करीं।
12 जाके बाद, ईसु और बाकी अईय्या, बाको भईय्या, और बाके चेला कफरनहूम सहर कै गै और हूँना थोड़ी दिन रुके।
ईसु मंदिर मैं से ब्यापारियन कै भजाई
(मत्ती 21:12,13; मरकुस 11:15-17; लूका 19:45,46)
13 यहूदियन को फसह को त्योहार आनबारो रहै, और ईसु यरूसलेम कै गौ।
14 बौ मंदिर मैं बरधा, भेंड़ और कबूतर कै बेचन बारे और रुपईया अदला बदली करन बारेन कै बैठे देखी।
15 तौ ईसु रस्सी को कोड़ा बनाये कै, सब भेंड़ और बरधन कै मंदिर से निकार दई, और रुपईया बदलन बारेन की सब रुपईया बखेर दई, और उनकी बैठन बारी जघा उलट दई।
16 और कबूतर बेचन बारेन से कही, “इनकै हींना से लै जाबौ, मेरे परमेस्वर दऊवा के घर कै ब्यापार को घर मत बनाबौ।”
17 तौ बाके चेलन कै समक मैं आई कि लिखो है, “तेरे घर की धुन मोकै राख कर देगी।”
18 जे सब देखकै यहूदि नेता बासे कहीं, “तैं जो जौ कर्रौ है जौ करन को अधिकार तोकै है तौ हमकै कोई चिन्ह दिखा?”
19 ईसु उनकै जबाब दई, “जौ मंदिर कै उजाड़ देबौ, और मैं जाकै तीन दिन मैं ठड़बाए देंगो।”
20 यहूदि नेता कहीं, “जौ मंदिर कै बनान मैं छियालिस साल लगे हैं, और का तैं जाकै तीन दिन मैं ठड़बाए देबैगो?”
21 ईसु जो मंदिर के बारे मैं कहत रहै बौ अपनी सरीर के बारे मैं कही रहै।
22 और जब ईसु मुर्दन मैं से जी उठो तौ बाके चेलन कै समक मैं आओ कि ईसु ऐसो कही रहै; और सास्त्रन मैं और ईसु कि बात मैं बिस्वास करीं।
ईसु इंसानन के मन कै जानथै,
23 जब बौ यरूसलेम मैं फसह के समय, त्योहार मैं रहै, तौ निरे जनी बे चिन्ह जो ईसु दिखात रहै, देखकै बाके नाओं मैं बिस्वास करीं।
24 लेकिन ईसु अपने आपकै उनके भरोसे नाय छोड़ी, काहैकि बौ सबकै जानत रहै;
25 ईसु कै जौ बात की कोई जरूरत नाय रहै कि कोई आयकै बाकै इंसानन के बारे मैं गभाई बताबै, काहैकि इंसानन के मन मैं का है, जौ बौ जानत रहै।