5
ख़ुदा के बेटे में ईमान रखना
1 जिसका ये ईमान है कि ईसा ही मसीह है, वो ख़ुदा से पैदा हुआ है; और जो कोई बाप से मुहब्बत रखता है, वो उसकी औलाद से भी मुहब्बत रखता है।
2 जब हम ख़ुदा से मुहब्बत रखते और उसके हुक्मों पर 'अमल करते हैं, तो इससे मा'लूम हो जाता है कि ख़ुदा के फ़र्ज़न्दों से भी मुहब्बत रखते हैं।
3 और ख़ुदा की मुहब्बत ये है कि हम उसके हुक्मों पर 'अमल करें, और उसके हुक्म सख़्त नहीं।
4 जो कोई ख़ुदा से पैदा हुआ है, वो दुनिया पर ग़ालिब आता है; और वो ग़ल्बा जिससे दुनिया मग़लूब हुई है, हमारा ईमान है।
5 दुनिया को हराने वाला कौन है? सिवा उस शख़्स के जिसका ये ईमान है कि ईसा ख़ुदा का बेटा है।
6 यही है वो जो पानी और ख़ून के वसीले से आया था, या'नी ईसा मसीह: वो न फ़क़त पानी के वसीले से, बल्कि पानी और ख़ून दोनों के वसीले से आया था।
7 और जो गवाही देता है वो रूह है, क्यूँकि रूह सच्चाई है।
8 और गवाही देनेवाले तीन है: रूह पानी और ख़ून; ये तीन एक बात पर मुत्तफ़िक़ हैं।
9 जब हम आदमियों की गवाही क़ुबूल कर लेते हैं, तो ख़ुदा की गवाही तो उससे बढ़कर है; और ख़ुदा की गवाही ये है कि उसने अपने बेटे के हक़ में गवाही दी है।
10 जो ख़ुदा के बेटे पर ईमान रखता है, वो अपने आप में गवाही रखता है। जिसने ख़ुदा का यक़ीन नहीं किया उसने उसे झूठा ठहराया, क्यूँकि वो उस गवाही पर जो ख़ुदा ने अपने बेटे के हक़ में दी है, ईमान नहीं लाया
11 और वो गवाही ये है, कि ख़ुदा ने हमे हमेशा की ज़िन्दगी बख़्शी, और ये ज़िन्दगी उसके बेटे में है।
12 जिसके पास बेटा है, उसके पास ज़िन्दगी है, और जिसके पास ख़ुदा का बेटा नहीं, उसके पास ज़िन्दगी भी नहीं।
13 मैंने तुम को जो ख़ुदा के बेटे के नाम पर ईमान लाए हो, ये बातें इसलिए लिखी कि तुम्हें मा'लूम हो कि हमेशा की ज़िन्दगी रखते हो।।
14 और हमे जो उसके सामने दिलेरी है, उसकी वजह ये है कि अगर उसकी मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ कुछ माँगते हैं, तो वो हमारी सुनता है।
15 और जब हम जानते हैं कि जो कुछ हम माँगते हैं, वो हमारी सुनता है, तो ये भी जानते हैं कि जो कुछ हम ने उससे माँगा है वो पाया है।
16 अगर कोई अपने भाई को ऐसा गुनाह करते देखे जिसका नतीजा मौत न हो तो दुआ करे ख़ुदा उसके वसीले से ज़िन्दगी बख़्शेगा। उन्हीं को जिन्होंने ऐसा गुनाह नहीं किया जिसका नतीजा मौत हो, गुनाह ऐसा भी है जिसका नतीजा मौत है; इसके बारे में दुआ करने को मैं नहीं कहता।
17 है तो हर तरह की नारास्ती गुनाह, मगर ऐसा गुनाह भी है जिसका नतीजा मौत नहीं।
18 हम जानते है कि जो कोई ख़ुदा से पैदा हुआ है, वो गुनाह नहीं करता; बल्कि उसकी हिफ़ाज़त वो करता है जो ख़ुदा से पैदा हुआ और शैतान उसे छूने नहीं पाता।
19 हम जानते हैं कि हम ख़ुदा से हैं, और सारी दुनिया उस शैतान के क़ब्ज़े में पड़ी हुई है।
20 और ये भी जानते है कि ख़ुदा का बेटा आ गया है, और उसने हमे समझ बख़्शी है ताकि उसको जो हक़ीक़ी है जानें और हम उसमें जो हक़ीक़ी है, या'नी उसके बेटे ईसा मसीह में हैं। हक़ीक़ी ख़ुदा और हमेशा की ज़िन्दगी यही है।
21 ऐ बच्चों! अपने आपको बुतों से बचाए रख्खो।