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मौआब का इस्राएल को बेहकाना
और इस्राईली शित्तीम में रहते थे, और लोगों ने मोआबी 'औरतों के साथ हरामकारी शुरू' कर दी। क्यूँकि वह 'औरतें इन लोगों को अपने मा'बूदों की क़ुर्बानियों में आने की दावत देती थीं, और यह लोग जाकर खाते और उनके मा'बूदों को सिज्दा करते थे। यूँ इस्राईली बा'ल फ़ग़ूर की इबादत लगे। तब ख़ुदावन्द का क़हर बनी इस्राईल पर भड़का, और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “क़ौम के सब सरदारों को पकड़कर ख़ुदावन्द के *सामने धूप में टाँग दे, ताकि ख़ुदावन्द का शदीद क़हर इस्राईल पर से टल जाए।” तब मूसा ने बनी — इस्राईल के हाकिमों से कहा, “तुम्हारे जो — जो आदमी बा'ल फ़गूर की इबादत करने लगे हैं उनको क़त्ल कर डालो।” और जब बनी — इस्राईल की जमा'अत ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर रो रही थी, तो एक इस्राईली मूसा और तमाम लोगों की आँखों के सामने एक मिदियानी 'औरत को अपने साथ अपने भाइयों के पास ले आया। जब फ़ीन्हास बिन इली'एलियाज़र बिन हारून काहिन ने यह देखा, तो उसने जमा'अत में से उठ हाथ में एक बर्छी ली, और उस मर्द के पीछे जाकर ख़ेमे के अन्दर घुसा और उस इस्राईली मर्द और उस 'औरत दोनों का पेट छेद दिया। तब बनी — इस्राईल में से वबा जाती रही। और जितने इस वबा से मरे उनका शुमार चौबीस हज़ार था। 10 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि; 11 “फ़ीन्हास बिन इली'एलियाज़र बिन हारून काहिन ने मेरे क़हर को बनी — इस्राईल पर से हटाया क्यूँकि उनके बीच उसे मेरे लिए ग़ैरत आई, इसीलिए मैंने बनी — इस्राईल को अपनी ग़ैरत के जोश में हलाक नहीं किया। 12 इसलिए तू कह दे कि मैंने उससे अपना सुलह का 'अहद बाँधा, 13 और वह उसके लिए और उसके बाद उसकी नसल के लिए कहानत का 'दाइमी 'अहद होगा; क्यूँकि वह अपने ख़ुदा के लिए ग़ैरतमन्द हुआ और उसने बनी — इस्राईल के लिए कफ़्फ़ारा दिया।” 14 उस इस्राईली मर्द का नाम जो उस मिदियानी 'औरत के साथ मारा गया ज़िमरी था, जो सलू का बेटा और शमौन के क़बीले के एक आबाई ख़ान्दान का सरदार था। 15 और जो मिदियानी 'औरत मारी गई उसका नाम कज़बी था, वह सूर की बेटी थी जो मिदियान में एक आबाई ख़ान्दान के लोगों का सरदार था। 16 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि, 17 “मिदियानियों को सताना और उनको मारना, 18 क्यूँकि वह तुम को अपने धोखे के दाम में फँसाकर सताते हैं, जैसा फ़गूर के मु'आमिले में हुआ और कज़बी के मु'आमिले में भी हुआ।” जो मिदियान के सरदार की बेटी और मिदियानियों की बहन थी, और फ़गूर ही के मु'आमिले में वबा के दिन मारी गई।
* 25:4 हर एक के सामने, सूरज की रौशनी से पहले