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मूसा क़बीलों को बरकत देता है
मरने से पेशतर मर्दे-ख़ुदा मूसा ने इसराईलियों को बरकत देकर कहा,
“रब सीना से आया, सईर * से उसका नूर उन पर तुलू हुआ। वह कोहे-फ़ारान से रौशनी फैलाकर रिबबोत-क़ादिस से आया, वह अपने जुनूबी इलाक़े से रवाना होकर उनकी ख़ातिर पहाड़ी ढलानों के पास आया।
यक़ीनन वह क़ौमों से मुहब्बत करता है, तमाम मुक़द्दसीन तेरे हाथ में हैं। वह तेरे पाँवों के सामने झुककर तुझसे हिदायत पाते हैं।
मूसा ने हमें शरीअत दी यानी वह चीज़ जो याक़ूब की जमात की मौरूसी मिलकियत है।
इसराईल के राहनुमा अपने क़बीलों समेत जमा हुए तो रब यसूरून का बादशाह बन गया।
 
रूबिन की बरकत :
रूबिन मर न जाए बल्कि जीता रहे। वह तादाद में बढ़ जाए।
 
यहूदाह की बरकत :
ऐ रब, यहूदाह की पुकार सुनकर उसे दुबारा उस की क़ौम में शामिल कर। उसके हाथ उसके लिए लड़ें। मुख़ालिफ़ों का सामना करते वक़्त उस की मदद कर।
 
लावी की बरकत :
तेरी मरज़ी मालूम करने के क़ुरे बनाम ऊरीम और तुम्मीम तेरे वफ़ादार ख़ादिम लावी के पास होते हैं। तूने उसे मस्सा में आज़माया और मरीबा में उससे लड़ा। उसने तेरा कलाम सँभालकर तेरा अहद क़ायम रखा, यहाँ तक कि उसने न अपने माँ-बाप का, न अपने सगे भाइयों या बच्चों का लिहाज़ किया।
10 वह याक़ूब को तेरी हिदायात और इसराईल को तेरी शरीअत सिखाकर तेरे सामने बख़ूर और तेरी क़ुरबानगाह पर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ चढ़ाता है।
11 ऐ रब, उस की ताक़त को बढ़ाकर उसके हाथों का काम पसंद कर। उसके मुख़ालिफ़ों की कमर तोड़ और उससे नफ़रत रखनेवालों को ऐसा मार कि आइंदा कभी न उठें।
 
12 बिनयमीन की बरकत :
बिनयमीन रब को प्यारा है। वह सलामती से उसके पास रहता है, क्योंकि रब दिन-रात उसे पनाह देता है। बिनयमीन उस की पहाड़ी ढलानों के दरमियान महफ़ूज़ रहता है।
 
13 यूसुफ़ की बरकत :
रब उस की ज़मीन को बरकत दे। आसमान से क़ीमती ओस टपके और ज़मीन के नीचे से चश्मे फूट निकलें।
14 यूसुफ़ को सूरज की बेहतरीन पैदावार और हर महीने का लज़ीज़तरीन फल हासिल हो।
15 उसे क़दीम पहाड़ों और अबदी वादियों की बेहतरीन चीज़ों से नवाज़ा जाए।
16 ज़मीन के तमाम ज़ख़ीरे उसके लिए खुल जाएँ। वह उसको पसंद हो जो जलती हुई झाड़ी में सुकूनत करता था। यह तमाम बरकतें यूसुफ़ के सर पर ठहरें, उसके सर पर जो अपने भाइयों में शहज़ादा है।
17 यूसुफ़ साँड के पहलौठे जैसा अज़ीम है, और उसके सींग जंगली बैल के सींग हैं जिनसे वह दुनिया की इंतहा तक सब क़ौमों को मारेगा। इफ़राईम के बेशुमार अफ़राद ऐसे ही हैं, मनस्सी के हज़ारों अफ़राद ऐसे ही हैं।
 
18 ज़बूलून और इशकार की बरकत :
ऐ ज़बूलून, घर से निकलते वक़्त ख़ुशी मना। ऐ इशकार, अपने ख़ैमों में रहते हुए ख़ुश हो।
19 वह दीगर क़ौमों को अपने पहाड़ पर आने की दावत देंगे और वहाँ रास्ती की क़ुरबानियाँ पेश करेंगे। वह समुंदर की कसरत और समुंदर की रेत में छुपे हुए ख़ज़ानों को जज़ब कर लेंगे।
 
20 जद की बरकत :
मुबारक है वह जो जद का इलाक़ा वसी कर दे। जद शेरबबर की तरह दबककर किसी का बाज़ू या सर फाड़ डालने के लिए तैयार रहता है।
21 उसने अपने लिए सबसे अच्छी ज़मीन चुन ली, राहनुमा का हिस्सा उसी के लिए महफ़ूज़ रखा गया। जब क़ौम के राहनुमा जमा हुए तो उसने रब की रास्त मरज़ी पूरी की और इसराईल के बारे में उसके फ़ैसले अमल में लाया।
 
22 दान की बरकत :
दान शेरबबर का बच्चा है जो बसन से निकलकर छलाँग लगाता है।
 
23 नफ़ताली की बरकत :
नफ़ताली रब की मंज़ूरी से सेर है, उसे उस की पूरी बरकत हासिल है। वह गलील की झील और उसके जुनूब का इलाक़ा मीरास में पाएगा।
 
24 आशर की बरकत :
आशर बेटों में सबसे मुबारक है। वह अपने भाइयों को पसंद हो। उसके पास ज़ैतून का इतना तेल हो कि वह अपने पाँव उसमें डुबो सके।
25 तेरे शहरों के दरवाज़ों के कुंडे लोहे और पीतल के हों, तेरी ताक़त उम्र-भर क़ायम रहे।
 
26 यसूरून के ख़ुदा की मानिंद कोई नहीं है, जो आसमान पर सवार होकर, हाँ अपने जलाल में बादलों पर बैठकर तेरी मदद करने के लिए आता है।
27 अज़ली ख़ुदा तेरी पनाहगाह है, वह अपने अज़ली बाज़ू तेरे नीचे फैलाए रखता है। वह दुश्मन को तेरे सामने से भगाकर उसे हलाक करने को कहता है।
28 चुनाँचे इसराईल सलामती से ज़िंदगी गुज़ारेगा, याक़ूब का चश्मा अलग और महफ़ूज़ रहेगा। उस की ज़मीन अनाज और अंगूर की कसरत पैदा करेगी, और उसके ऊपर आसमान ज़मीन पर ओस पड़ने देगा।
29 ऐ इसराईल, तू कितना मुबारक है। कौन तेरी मानिंद है, जिसे रब ने बचाया है। वह तेरी मदद की ढाल और तेरी शान की तलवार है। तेरे दुश्मन शिकस्त खाकर तेरी ख़ुशामद करेंगे, और तू उनकी कमरें पाँवों तले कुचलेगा।”
* 33:2 अदोम। 33:5 इसराईल। 33:26 इसराईल।