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बिलदद : अल्लाह के सामने कोई रास्तबाज़ नहीं ठहर सकता
फिर बिलदद सूख़ी ने जवाब देकर कहा,
“अल्लाह की हुकूमत दहशतनाक है। वही अपनी बुलंदियों पर सलामती क़ायम रखता है। क्या कोई उसके दस्तों की तादाद गिन सकता है? उसका नूर किस पर नहीं चमकता? तो फिर इनसान अल्लाह के सामने किस तरह रास्तबाज़ ठहर सकता है? जो औरत से पैदा हुआ वह किस तरह पाक-साफ़ साबित हो सकता है? उस की नज़र में न चाँद पुरनूर है, न सितारे पाक हैं। तो फिर इनसान किस तरह पाक ठहर सकता है जो कीड़ा ही है? आदमज़ाद तो मकोड़ा ही है।”