यशुअ
1
रब यशुअ को राहनुमाई की ज़िम्मादारी सौंपता है
1 रब के ख़ादिम मूसा की मौत के बाद रब मूसा के मददगार यशुअ बिन नून से हमकलाम हुआ। उसने कहा,
2 “मेरा ख़ादिम मूसा फ़ौत हो गया है। अब उठ, इस पूरी क़ौम के साथ दरियाए-यरदन को पार करके उस मुल्क में दाख़िल हो जा जो मैं इसराईलियों को देने को हूँ।
3 जिस ज़मीन पर भी तू अपना पाँव रखेगा उसे मैं मूसा के साथ किए गए वादे के मुताबिक़ तुझे दूँगा।
4 तुम्हारे मुल्क की सरहद्दें यह होंगी : जुनूब में नजब का रेगिस्तान, शिमाल में लुबनान, मशरिक़ में दरियाए-फ़ुरात और मग़रिब में बहीराए-रूम। हित्ती क़ौम का पूरा इलाक़ा इसमें शामिल होगा।
5 तेरे जीते-जी कोई तेरा सामना नहीं कर सकेगा। जिस तरह मैं मूसा के साथ था, उसी तरह तेरे साथ भी हूँगा। मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा, न तुझे तर्क करूँगा।
6 मज़बूत और दिलेर हो, क्योंकि तू ही इस क़ौम को मीरास में वह मुल्क देगा जिसका मैंने उनके बापदादा से क़सम खाकर वादा किया था।
7 लेकिन ख़बरदार, मज़बूत और बहुत दिलेर हो। एहतियात से उस पूरी शरीअत पर अमल कर जो मेरे ख़ादिम मूसा ने तुझे दी है। उससे न दाईं और न बाईं तरफ़ हटना। फिर जहाँ कहीं भी तू जाए कामयाब होगा।
8 जो बातें इस शरीअत की किताब में लिखी हैं वह तेरे मुँह से न हटें। दिन-रात उन पर ग़ौर करता रह ताकि तू एहतियात से इसकी हर बात पर अमल कर सके। फिर तू हर काम में कामयाब और ख़ुशहाल होगा।
9 मैं फिर कहता हूँ कि मज़बूत और दिलेर हो। न घबरा और न हौसला हार, क्योंकि जहाँ भी तू जाएगा वहाँ रब तेरा ख़ुदा तेरे साथ रहेगा।”
मुल्क में दाख़िल होने की तैयारियाँ
10 फिर यशुअ क़ौम के निगहबानों से मुख़ातिब हुआ,
11 “ख़ैमागाह में हर जगह जाकर लोगों को इत्तला दें कि सफ़र के लिए खाने का बंदोबस्त कर लें। क्योंकि तीन दिन के बाद आप दरियाए-यरदन को पार करके उस मुल्क पर क़ब्ज़ा करेंगे जो रब आपका ख़ुदा आपको विरसे में दे रहा है।”
12 फिर यशुअ रूबिन, जद और मनस्सी के आधे क़बीले से मुख़ातिब हुआ,
13 “यह बात याद रखें जो रब के ख़ादिम मूसा ने आपसे कही थी, ‘रब तुम्हारा ख़ुदा तुमको दरियाए-यरदन के मशरिक़ी किनारे पर का यह इलाक़ा देता है ताकि तुम यहाँ अमनो-अमान के साथ रह सको।’
14 अब जब हम दरियाए-यरदन को पार कर रहे हैं तो आपके बाल-बच्चे और मवेशी यहीं रह सकते हैं। लेकिन लाज़िम है कि आपके तमाम जंग करने के क़ाबिल मर्द मुसल्लह होकर अपने भाइयों के आगे आगे दरिया को पार करें। आपको उस वक़्त तक अपने भाइयों की मदद करना है
15 जब तक रब उन्हें वह आराम न दे जो आपको हासिल है और वह उस मुल्क पर क़ब्ज़ा न कर लें जो रब आपका ख़ुदा उन्हें दे रहा है। इसके बाद ही आपको अपने उस इलाक़े में वापस जाकर आबाद होने की इजाज़त होगी जो रब के ख़ादिम मूसा ने आपको दरियाए-यरदन के मशरिक़ी किनारे पर दिया था।”
16 उन्होंने जवाब में यशुअ से कहा, “जो भी हुक्म आपने हमें दिया है वह हम मानेंगे और जहाँ भी हमें भेजेंगे वहाँ जाएंगे।
17 जिस तरह हम मूसा की हर बात मानते थे उसी तरह आपकी भी हर बात मानेंगे। लेकिन रब आपका ख़ुदा उसी तरह आपके साथ हो जिस तरह वह मूसा के साथ था।
18 जो भी आपके हुक्म की ख़िलाफ़वरज़ी करके आपकी वह तमाम बातें न माने जो आप फ़रमाएँगे उसे सज़ाए-मौत दी जाए। लेकिन मज़बूत और दिलेर हों!”