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शिमाली इत्तहादियों पर फ़तह
जब हसूर के बादशाह याबीन को इन वाक़ियात की ख़बर मिली तो उसने मदून के बादशाह यूबाब और सिमरोन और अकशाफ़ के बादशाहों को पैग़ाम भेजे। इसके अलावा उसने उन बादशाहों को पैग़ाम भेजे जो शिमाल में थे यानी शिमाली पहाड़ी इलाक़े में, वादीए-यरदन के उस हिस्से में जो किन्नरत यानी गलील के जुनूब में है, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में, मग़रिब में वाक़े नाफ़त-दोर में और कनान के मशरिक़ और मग़रिब में। याबीन ने अमोरियों, हित्तियों, फ़रिज़्ज़ियों, पहाड़ी इलाक़े के यबूसियों और हरमून पहाड़ के दामन में वाक़े मुल्के-मिसफ़ाह के हिव्वियों को भी पैग़ाम भेजे।
चुनाँचे यह अपनी तमाम फ़ौजों को लेकर जंग के लिए निकले। उनके आदमी समुंदर के साहिल की रेत की मानिंद बेशुमार थे। उनके पास मुतअद्दिद घोड़े और रथ भी थे। इन तमाम बादशाहों ने इसराईल से लड़ने के लिए मुत्तहिद होकर अपने ख़ैमे मरूम के चश्मे पर लगा दिए।
रब ने यशुअ से कहा, “उनसे मत डरना, क्योंकि कल इसी वक़्त तक मैंने उन सबको हलाक करके इसराईल के हवाले कर दिया होगा। तुझे उनके घोड़ों की कोंचों को काटना और उनके रथों को जला देना है।”
चुनाँचे यशुअ अपने तमाम फ़ौजियों को लेकर मरूम के चश्मे पर आया और अचानक दुश्मन पर हमला किया। और रब ने दुश्मनों को इसराईलियों के हवाले कर दिया। इसराईलियों ने उन्हें शिकस्त दी और उनका ताक़्क़ुब करते करते शिमाल में बड़े शहर सैदा और मिस्रफ़ात-मायम तक जा पहुँचे। इसी तरह उन्होंने मशरिक़ में वादीए-मिसफ़ाह तक भी उनका ताक़्क़ुब किया। आख़िर में एक भी न बचा। रब की हिदायत के मुताबिक़ यशुअ ने दुश्मन के घोड़ों की कोंचों को कटवाकर उसके रथों को जला दिया।
शिमाली कनान पर क़ब्ज़ा
10 फिर यशुअ वापस आया और हसूर को अपने क़ब्ज़े में ले लिया। हसूर उन तमाम बादशाहतों का सदर मक़ाम था जिन्हें उन्होंने शिकस्त दी थी। इसराईलियों ने शहर के बादशाह को मार दिया 11 और शहर के हर जानदार को अल्लाह के हवाले करके हलाक कर दिया। एक भी न बचा। फिर यशुअ ने शहर को जला दिया।
12 इसी तरह यशुअ ने उन बाक़ी बादशाहों के शहरों पर भी क़ब्ज़ा कर लिया जो इसराईल के ख़िलाफ़ मुत्तहिद हो गए थे। हर शहर को उसने रब के ख़ादिम मूसा के हुक्म के मुताबिक़ तबाह कर दिया। बादशाहों समेत सब कुछ नेस्त कर दिया गया। 13 लेकिन यशुअ ने सिर्फ़ हसूर को जलाया। पहाड़ियों पर के बाक़ी शहरों को उसने रहने दिया। 14 लूट का जो भी माल जानवरों समेत उनमें पाया गया उसे इसराईलियों ने अपने पास रख लिया। लेकिन तमाम बाशिंदों को उन्होंने मार डाला और एक भी न बचने दिया। 15 क्योंकि रब ने अपने ख़ादिम मूसा को यही हुक्म दिया था, और यशुअ ने सब कुछ वैसे ही किया जैसे रब ने मूसा को हुक्म दिया था।
16 यों यशुअ ने पूरे कनान पर क़ब्ज़ा कर लिया। इसमें पहाड़ी इलाक़ा, पूरा दश्ते-नजब, जुशन का पूरा इलाक़ा, मग़रिब का नशेबी पहाड़ी इलाक़ा, वादीए-यरदन और इसराईल के पहाड़ उनके दामन की पहाड़ियों समेत शामिल थे। 17 अब यशुअ की पहुँच जुनूब में सईर की तरफ़ बढ़नेवाले पहाड़ ख़लक़ से लेकर लुबनान के मैदानी इलाक़े के शहर बाल-जद तक थी जो हरमून पहाड़ के दामन में था। यशुअ ने इन इलाक़ों के तमाम बादशाहों को पकड़कर मार डाला। 18 लेकिन इन बादशाहों से जंग करने में बहुत वक़्त लगा, 19 क्योंकि जिबऊन में रहनेवाले हिव्वियों के अलावा किसी भी शहर ने इसराईलियों से सुलह न की। इसलिए इसराईल को उन सब पर जंग करके ही क़ब्ज़ा करना पड़ा। 20 रब ही ने उन्हें अकड़ने दिया था ताकि वह इसराईल से जंग करें और उन पर रहम न किया जाए बल्कि उन्हें पूरे तौर पर रब के हवाले करके हलाक किया जाए। लाज़िम था कि उन्हें यों नेस्तो-नाबूद किया जाए जिस तरह रब ने मूसा को हुक्म दिया था।
21 उस वक़्त यशुअ ने उन तमाम अनाक़ियों को हलाक कर दिया जो हबरून, दबीर, अनाब और उन तमाम जगहों में रहते थे जो यहूदाह और इसराईल के पहाड़ी इलाक़े में थीं। उसने उन सबको उनके शहरों समेत अल्लाह के हवाले करके तबाह कर दिया। 22 इसराईल के पूरे इलाक़े में अनाक़ियों में से एक भी न बचा। सिर्फ़ ग़ज़्ज़ा, जात और अशदूद में कुछ ज़िंदा रहे।
23 ग़रज़ यशुअ ने पूरे मुल्क पर यों क़ब्ज़ा किया जिस तरह रब ने मूसा को बताया था। फिर उसने उसे क़बीलों में तक़सीम करके इसराईल को मीरास में दे दिया। जंग ख़त्म हुई, और मुल्क में अमनो-अमान क़ायम हो गया।