3
इसराईली दरियाए-यरदन को उबूर करते हैं
सुबह-सवेरे उठकर यशुअ और तमाम इसराईली शित्तीम से रवाना हुए। जब वह दरियाए-यरदन पर पहुँचे तो उसे उबूर न किया बल्कि रात के लिए किनारे पर रुक गए। वह तीन दिन वहाँ रहे। फिर निगहबानों ने ख़ैमागाह में से गुज़रकर लोगों को हुक्म दिया, “जब आप देखें कि लावी के क़बीले के इमाम रब आपके ख़ुदा के अहद का संदूक़ उठाए हुए हैं तो अपने अपने मक़ाम से रवाना होकर उसके पीछे हो लें। फिर आपको पता चलेगा कि कहाँ जाना है, क्योंकि आप पहले कभी वहाँ नहीं गए। लेकिन संदूक़ के तक़रीबन एक किलोमीटर पीछे रहें और ज़्यादा क़रीब न जाएँ।”
यशुअ ने लोगों को बताया, “अपने आपको मख़सूसो-मुक़द्दस करें, क्योंकि कल रब आपके दरमियान हैरतअंगेज़ काम करेगा।”
अगले दिन यशुअ ने इमामों से कहा, “अहद का संदूक़ उठाकर लोगों के आगे आगे दरिया को पार करें।” चुनाँचे इमाम संदूक़ को उठाकर आगे आगे चल दिए। और रब ने यशुअ से फ़रमाया, “मैं तुझे तमाम इसराईलियों के सामने सरफ़राज़ कर दूँगा, और आज ही मैं यह काम शुरू करूँगा ताकि वह जान लें कि जिस तरह मैं मूसा के साथ था उसी तरह तेरे साथ भी हूँ। अहद का संदूक़ उठानेवाले इमामों को बता देना, ‘जब आप दरियाए-यरदन के किनारे पहुँचेंगे तो वहाँ पानी में रुक जाएँ’।”
यशुअ ने इसराईलियों से कहा, “मेरे पास आएँ और रब अपने ख़ुदा के फ़रमान सुन लें। 10 आज आप जान लेंगे कि ज़िंदा ख़ुदा आपके दरमियान है और कि वह यक़ीनन आपके आगे आगे जाकर दूसरी क़ौमों को निकाल देगा, ख़ाह वह कनानी, हित्ती, हिव्वी, फ़रिज़्ज़ी, जिरजासी, अमोरी या यबूसी हों। 11 यह यों ज़ाहिर होगा कि अहद का यह संदूक़ जो तमाम दुनिया के मालिक का है आपके आगे आगे दरियाए-यरदन में जाएगा। 12 अब ऐसा करें कि हर क़बीले में से एक एक आदमी को चुन लें ताकि बारह अफ़राद जमा हो जाएँ। 13 फिर इमाम तमाम दुनिया के मालिक रब के अहद का संदूक़ उठाकर दरिया में जाएंगे। और ज्योंही वह अपने पाँव पानी में रखेंगे तो पानी का बहाव रुक जाएगा और आनेवाला पानी ढेर बनकर खड़ा रहेगा।”
14 चुनाँचे इसराईली अपने ख़ैमों को समेटकर रवाना हुए, और अहद का संदूक़ उठानेवाले इमाम उनके आगे आगे चल दिए। 15 फ़सल की कटाई का मौसम था, और दरिया का पानी किनारों से बाहर आ गया था। लेकिन ज्योंही संदूक़ को उठानेवाले इमामों ने दरिया के किनारे पहुँचकर पानी में क़दम रखा 16 तो आनेवाले पानी का बहाव रुक गया। वह उनसे दूर एक शहर के क़रीब ढेर बन गया जिसका नाम आदम था और जो ज़रतान के नज़दीक है। जो पानी दूसरी यानी बहीराए-मुरदार की तरफ़ बह रहा था वह पूरी तरह उतर गया। तब इसराईलियों ने यरीहू शहर के मुक़ाबिल दरिया को पार किया। 17 रब का अहद का संदूक़ उठानेवाले इमाम दरियाए-यरदन के बीच में ख़ुश्क ज़मीन पर खड़े रहे जबकि बाक़ी लोग ख़ुश्क ज़मीन पर से गुज़र गए। इमाम उस वक़्त तक वहाँ खड़े रहे जब तक तमाम इसराईलियों ने ख़ुश्क ज़मीन पर चलकर दरिया को पार न कर लिया।