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हारून क़ुरबानियाँ चढ़ाता है
मख़सूसियत के सात दिन के बाद मूसा ने आठवें दिन हारून, उसके बेटों और इसराईल के बुज़ुर्गों को बुलाया। उसने हारून से कहा, “एक बेऐब बछड़ा और एक बेऐब मेंढा चुनकर रब को पेश कर। बछड़ा गुनाह की क़ुरबानी के लिए और मेंढा भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए हो। फिर इसराईलियों को कह देना कि गुनाह की क़ुरबानी के लिए एक बकरा जबकि भस्म होनेवाली क़ुरबानी के लिए एक बेऐब यकसाला बछड़ा और एक बेऐब यकसाला भेड़ का बच्चा पेश करो। साथ ही सलामती की क़ुरबानी के लिए एक बैल और एक मेंढा चुनो। तेल के साथ मिलाई हुई ग़ल्ला की नज़र भी लेकर सब कुछ रब को पेश करो। क्योंकि आज ही रब तुम पर ज़ाहिर होगा।”
इसराईली मूसा की मतलूबा तमाम चीज़ें मुलाक़ात के ख़ैमे के सामने ले आए। पूरी जमात क़रीब आकर रब के सामने खड़ी हो गई। मूसा ने उनसे कहा, “तुम्हें वही करना है जिसका हुक्म रब ने तुम्हें दिया है। क्योंकि आज ही रब का जलाल तुम पर ज़ाहिर होगा।”
फिर उसने हारून से कहा, “क़ुरबानगाह के पास जाकर गुनाह की क़ुरबानी और भस्म होनेवाली क़ुरबानी चढ़ाकर अपना और अपनी क़ौम का कफ़्फ़ारा देना। रब के हुक्म के मुताबिक़ क़ौम के लिए भी क़ुरबानी पेश करना ताकि उसका कफ़्फ़ारा दिया जाए।”
हारून क़ुरबानगाह के पास आया। उसने बछड़े को ज़बह किया। यह उसके लिए गुनाह की क़ुरबानी था। उसके बेटे बछड़े का ख़ून उसके पास ले आए। उसने अपनी उँगली ख़ून में डुबोकर उसे क़ुरबानगाह के सींगों पर लगाया। बाक़ी ख़ून को उसने क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेल दिया। 10 फिर उसने उस की चरबी, गुरदों और जोड़कलेजी को क़ुरबानगाह पर जला दिया। जैसे रब ने मूसा को हुक्म दिया था वैसे ही हारून ने किया। 11 बछड़े का गोश्त और खाल उसने ख़ैमागाह के बाहर ले जाकर जला दी।
12 इसके बाद हारून ने भस्म होनेवाली क़ुरबानी को ज़बह किया। उसके बेटों ने उसे उसका ख़ून दिया, और उसने उसे क़ुरबानगाह के चार पहलुओं पर छिड़क दिया। 13 उन्होंने उसे क़ुरबानी के मुख़्तलिफ़ टुकड़े सर समेत दिए, और उसने उन्हें क़ुरबानगाह पर जला दिया। 14 फिर उसने उस की अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ धोकर भस्म होनेवाली क़ुरबानी की बाक़ी चीज़ों पर रखकर जला दीं।
15 अब हारून ने क़ौम के लिए क़ुरबानी चढ़ाई। उसने गुनाह की क़ुरबानी के लिए बकरा ज़बह करके उसे पहली क़ुरबानी की तरह चढ़ाया। 16 उसने भस्म होनेवाली क़ुरबानी भी क़वायद के मुताबिक़ चढ़ाई। 17 उसने ग़ल्ला की नज़र पेश की और उसमें से मुट्ठी-भर क़ुरबानगाह पर जला दिया। यह ग़ल्ला की उस नज़र के अलावा थी जो सुबह को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के साथ चढ़ाई गई थी। 18 फिर उसने सलामती की क़ुरबानी के लिए बैल और मेंढे को ज़बह किया। यह भी क़ौम के लिए थी। उसके बेटों ने उसे जानवरों का ख़ून दिया, और उसने उसे क़ुरबानगाह के चार पहलुओं पर छिड़क दिया। 19 लेकिन उन्होंने बैल और मेंढे को चरबी, दुम, अंतड़ियों पर की चरबी और जोड़कलेजी निकालकर 20 सीने के टुकड़ों पर रख दिया। हारून ने चरबी का हिस्सा क़ुरबानगाह पर जला दिया। 21 सीने के टुकड़े और दहनी रानें उसने हिलानेवाली क़ुरबानी के तौर पर रब के सामने हिलाईं। उसने सब कुछ मूसा के हुक्म के मुताबिक़ ही किया।
22 तमाम क़ुरबानियाँ पेश करने के बाद हारून ने अपने हाथ उठाकर क़ौम को बरकत दी। फिर वह क़ुरबानगाह से उतरकर 23 मूसा के साथ मुलाक़ात के ख़ैमे में दाख़िल हुआ। जब दोनों बाहर आए तो उन्होंने क़ौम को बरकत दी। तब रब का जलाल पूरी क़ौम पर ज़ाहिर हुआ। 24 रब के हुज़ूर से आग निकलकर क़ुरबानगाह पर उतरी और भस्म होनेवाली क़ुरबानी और चरबी के टुकड़े भस्म कर दिए। यह देखकर लोग ख़ुशी के नारे मारने लगे और मुँह के बल गिर गए।