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सुर्ख़ गाय की राख
रब ने मूसा और हारून से कहा, “इसराईलियों को बताना कि वह तुम्हारे पास सुर्ख़ रंग की जवान गाय लेकर आएँ। उसमें नुक़्स न हो और उस पर कभी जुआ न रखा गया हो। तुम उसे इलियज़र इमाम को देना जो उसे ख़ैमे के बाहर ले जाए। वहाँ उसे उस की मौजूदगी में ज़बह किया जाए। फिर इलियज़र इमाम अपनी उँगली से उसके ख़ून से कुछ लेकर मुलाक़ात के ख़ैमे के सामनेवाले हिस्से की तरफ़ छिड़के। उस की मौजूदगी में पूरी की पूरी गाय को जलाया जाए। उस की खाल, गोश्त, ख़ून और अंतड़ियों का गोबर भी जलाया जाए। फिर वह देवदार की लकड़ी, ज़ूफ़ा और क़िरमिज़ी रंग का धागा लेकर उसे जलती हुई गाय पर फेंके। इसके बाद वह अपने कपड़ों को धोकर नहा ले। फिर वह ख़ैमागाह में आ सकता है लेकिन शाम तक नापाक रहेगा।
जिस आदमी ने गाय को जलाया वह भी अपने कपड़ों को धोकर नहा ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा।
एक दूसरा आदमी जो पाक है गाय की राख इकट्ठी करके ख़ैमागाह के बाहर किसी पाक जगह पर डाल दे। वहाँ इसराईल की जमात उसे नापाकी दूर करने का पानी तैयार करने के लिए महफ़ूज़ रखे। यह गुनाह से पाक करने के लिए इस्तेमाल होगा। 10 जिस आदमी ने राख इकट्ठी की है वह भी अपने कपड़ों को धो ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा। यह इसराईलियों और उनके दरमियान रहनेवाले परदेसियों के लिए दायमी उसूल हो।
लाश छूने से पाक हो जाने का तरीक़ा
11 जो भी लाश छुए वह सात दिन तक नापाक रहेगा। 12 तीसरे और सातवें दिन वह अपने आप पर नापाकी दूर करने का पानी छिड़ककर पाक-साफ़ हो जाए। इसके बाद ही वह पाक होगा। लेकिन अगर वह इन दोनों दिनों में अपने आपको यों पाक न करे तो नापाक रहेगा। 13 जो भी लाश छूकर अपने आपको यों पाक नहीं करता वह रब के मक़दिस को नापाक करता है। लाज़िम है कि उसे इसराईल में से मिटाया जाए। चूँकि नापाकी दूर करने का पानी उस पर छिड़का नहीं गया इसलिए वह नापाक रहेगा।
14 अगर कोई डेरे में मर जाए तो जो भी उस वक़्त उसमें मौजूद हो या दाख़िल हो जाए वह सात दिन तक नापाक रहेगा। 15 हर खुला बरतन जो ढकने से बंद न किया गया हो वह भी नापाक होगा। 16 इसी तरह जो खुले मैदान में लाश छुए वह भी सात दिन तक नापाक रहेगा, ख़ाह वह तलवार से या तबई मौत मरा हो। जो इनसान की कोई हड्डी या क़ब्र छुए वह भी सात दिन तक नापाक रहेगा।
17 नापाकी दूर करने के लिए उस सुर्ख़ रंग की गाय की राख में से कुछ लेना जो गुनाह दूर करने के लिए जलाई गई थी। उसे बरतन में डालकर ताज़ा पानी में मिलाना। 18 फिर कोई पाक आदमी कुछ ज़ूफ़ा ले और उसे उस पानी में डुबोकर मरे हुए शख़्स के ख़ैमे, उसके सामान और उन लोगों पर छिड़के जो उसके मरते वक़्त वहाँ थे। इसी तरह वह पानी उस शख़्स पर भी छिड़के जिसने तबई या ग़ैरतबई मौत मरे हुए शख़्स को, किसी इनसान की हड्डी को या कोई क़ब्र छूई हो। 19 पाक आदमी यह पानी तीसरे और सातवें दिन नापाक शख़्स पर छिड़के। सातवें दिन वह उसे पाक करे। जिसे पाक किया जा रहा है वह अपने कपड़े धोकर नहा ले तो वह उसी शाम पाक होगा।
20 लेकिन जो नापाक शख़्स अपने आपको पाक नहीं करता उसे जमात में से मिटाना है, क्योंकि उसने रब का मक़दिस नापाक कर दिया है। नापाकी दूर करने का पानी उस पर नहीं छिड़का गया, इसलिए वह नापाक रहा है। 21 यह उनके लिए दायमी उसूल है। जिस आदमी ने नापाकी दूर करने का पानी छिड़का है वह भी अपने कपड़े धोए। बल्कि जिसने भी यह पानी छुआ है शाम तक नापाक रहेगा। 22 और नापाक शख़्स जो भी चीज़ छुए वह नापाक हो जाती है। न सिर्फ़ यह बल्कि जो बाद में यह नापाक चीज़ छुए वह भी शाम तक नापाक रहेगा।”