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ख़ैमागाह में क़बीलों की तरतीब
रब ने मूसा और हारून से कहा कि इसराईली अपने ख़ैमे कुछ फ़ासले पर मुलाक़ात के ख़ैमे के इर्दगिर्द लगाएँ। हर एक अपने अपने अलम और अपने अपने आबाई घराने के निशान के साथ ख़ैमाज़न हो।
इन हिदायात के मुताबिक़ मक़दिस के मशरिक़ में यहूदाह का अलम था जिसके इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, यहूदाह का क़बीला जिसका कमाँडर नहसोन बिन अम्मीनदाब था, और जिसके लशकर के 74,600 फ़ौजी थे। दूसरे, इशकार का क़बीला जिसका कमाँडर नतनियेल बिन ज़ुग़र था, और जिसके लशकर के 54,400 फ़ौजी थे। तीसरे, ज़बूलून का क़बीला जिसका कमाँडर इलियाब बिन हेलोन था और जिसके लशकर के 57,400 फ़ौजी थे। तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,86,400 थी। रवाना होते वक़्त यह आगे चलते थे।
10 मक़दिस के जुनूब में रूबिन का अलम था जिसके इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, रूबिन का क़बीला जिसका कमाँडर इलीसूर बिन शदियूर था, 11 और जिसके 46,500 फ़ौजी थे। 12 दूसरे, शमौन का क़बीला जिसका कमाँडर सलूमियेल बिन सूरीशद्दी था, 13 और जिसके 59,300 फ़ौजी थे। 14 तीसरे, जद का क़बीला जिसका कमाँडर इलियासफ़ बिन दऊएल था, 15 और जिसके 45,650 फ़ौजी थे। 16 तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,51,450 थी। रवाना होते वक़्त यह मशरिक़ी क़बीलों के पीछे चलते थे।
17 इन जुनूबी क़बीलों के बाद लावी मुलाक़ात का ख़ैमा उठाकर क़बीलों के ऐन बीच में चलते थे। क़बीले उस तरतीब से रवाना होते थे जिस तरतीब से वह अपने ख़ैमे लगाते थे। हर क़बीला अपने अलम के पीछे चलता था।
18 मक़दिस के मग़रिब में इफ़राईम का अलम था जिसके इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, इफ़राईम का क़बीला जिसका कमाँडर इलीसमा बिन अम्मीहूद था, 19 और जिसके 40,500 फ़ौजी थे। 20 दूसरे, मनस्सी का क़बीला जिसका कमाँडर जमलियेल बिन फ़दाहसूर था, 21 और जिसके 32,200 फ़ौजी थे। 22 तीसरे, बिनयमीन का क़बीला जिसका कमाँडर अबिदान बिन जिदौनी था, 23 और जिसके 35,400 फ़ौजी थे। 24 तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,08,100 थी। रवाना होते वक़्त यह जुनूबी क़बीलों के पीछे चलते थे।
25 मक़दिस के शिमाल में दान का अलम था जिसके इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, दान का क़बीला जिसका कमाँडर अख़ियज़र बिन अम्मीशद्दी था, 26 और जिसके 62,700 फ़ौजी थे। 27 दूसरे, आशर का क़बीला जिसका कमाँडर फ़जियेल बिन अकरान था, 28 और जिसके 41,500 फ़ौजी थे। 29 तीसरे, नफ़ताली का क़बीला जिसका कमाँडर अख़ीरा बिन एनान था, 30 और जिसके 53,400 फ़ौजी थे। 31 तीनों क़बीलों की कुल तादाद 1,57,600 थी। वह आख़िर में अपना अलम उठाकर रवाना होते थे।
32 पूरी ख़ैमागाह के फ़ौजियों की कुल तादाद 6,03,550 थी। 33 सिर्फ़ लावी इस तादाद में शामिल नहीं थे, क्योंकि रब ने मूसा को हुक्म दिया था कि उनकी भरती न की जाए।
34 यों इसराईलियों ने सब कुछ उन हिदायात के मुताबिक़ किया जो रब ने मूसा को दी थीं। उनके मुताबिक़ ही वह अपने झंडों के इर्दगिर्द अपने ख़ैमे लगाते थे और उनके मुताबिक़ ही अपने कुंबों और आबाई घरानों के साथ रवाना होते थे।