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ख़ुदावंद की आमद का वादा
अज़ीज़ो, यह अब दूसरा ख़त है जो मैंने आपको लिख दिया है। दोनों ख़तों में मैंने कई बातों की याद दिलाकर आपके ज़हनों में पाक सोच उभारने की कोशिश की। मैं चाहता हूँ कि आप वह कुछ याद रखें जिसकी पेशगोई मुक़द्दस नबियों ने की थी और साथ साथ हमारे ख़ुदावंद और नजातदहिंदा का वह हुक्म भी जो आपको अपने रसूलों की मारिफ़त मिला। अव्वल आपको यह बात समझने की ज़रूरत है कि इन आख़िरी दिनों में ऐसे लोग आएँगे जो मज़ाक़ उड़ाकर अपनी शहवतों के क़ब्ज़े में रहेंगे। वह पूछेंगे, “ईसा ने आने का वादा तो किया, लेकिन वह कहाँ है? हमारे बापदादा तो मर चुके हैं, और दुनिया की तख़लीक़ से लेकर आज तक सब कुछ वैसे का वैसा ही है।” लेकिन यह लोग नज़रंदाज़ करते हैं कि क़दीम ज़माने में अल्लाह के हुक्म पर आसमानों की तख़लीक़ हुई और ज़मीन पानी में से और पानी के ज़रीए वुजूद में आई। इसी पानी के ज़रीए क़दीम ज़माने की दुनिया पर सैलाब आया और सब कुछ तबाह हुआ। और अल्लाह के इसी हुक्म ने मौजूदा आसमान और ज़मीन को आग के लिए महफ़ूज़ कर रखा है, उस दिन के लिए जब बेदीन लोगों की अदालत की जाएगी और वह हलाक हो जाएंगे।
लेकिन मेरे अज़ीज़ो, एक बात आपसे पोशीदा न रहे। ख़ुदावंद के नज़दीक एक दिन हज़ार साल के बराबर है और हज़ार साल एक दिन के बराबर। ख़ुदावंद अपना वादा पूरा करने में देर नहीं करता जिस तरह कुछ लोग समझते हैं बल्कि वह तो आपकी ख़ातिर सब्र कर रहा है। क्योंकि वह नहीं चाहता कि कोई हलाक हो जाए बल्कि यह कि सब तौबा की नौबत तक पहुँचें।
10 लेकिन ख़ुदावंद का दिन चोर की तरह आएगा। आसमान बड़े शोर के साथ ख़त्म हो जाएंगे, अजरामे-फ़लकी आग में पिघल जाएंगे और ज़मीन उसके कामों समेत ज़ाहिर होकर अदालत में पेश की जाएगी। 11 अब सोचें, अगर सब कुछ इस तरह ख़त्म हो जाएगा तो फिर आप किस क़िस्म के लोग होने चाहिएँ? आपको मुक़द्दस और ख़ुदातरस ज़िंदगी गुज़ारते हुए 12 अल्लाह के दिन की राह देखनी चाहिए। हाँ, आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि वह दिन जल्दी आए जब आसमान जल जाएंगे और अजरामे-फ़लकी आग में पिघल जाएंगे। 13 लेकिन हम उन नए आसमानों और नई ज़मीन के इंतज़ार में हैं जिनका वादा अल्लाह ने किया है। और वहाँ रास्ती सुकूनत करेगी।
14 चुनाँचे अज़ीज़ो, चूँकि आप इस इंतज़ार में हैं इसलिए पूरी लग्न के साथ कोशाँ रहें कि आप अल्लाह के नज़दीक बेदाग़ और बेइलज़ाम ठहरें और आपकी उसके साथ सुलह हो। 15 याद रखें कि हमारे ख़ुदावंद का सब्र लोगों को नजात पाने का मौक़ा देता है। हमारे अज़ीज़ भाई पौलुस ने भी उस हिकमत के मुताबिक़ जो अल्लाह ने उसे अता की है आपको यही कुछ लिखा है। 16 वह यही कुछ अपने तमाम ख़तों में लिखता है जब वह इस मज़मून का ज़िक्र करता है। उसके ख़तों में कुछ ऐसी बातें हैं जो समझने में मुश्किल हैं और जिन्हें जाहिल और कमज़ोर लोग तोड़-मरोड़कर बयान करते हैं, बिलकुल उसी तरह जिस तरह वह बाक़ी सहीफ़ों के साथ भी करते हैं। लेकिन इससे वह अपने आपको ही हलाक कर रहे हैं।
17 मेरे अज़ीज़ो, मैं आपको वक़्त से पहले इन बातों से आगाह कर रहा हूँ। इसलिए ख़बरदार रहें ताकि बेउसूल लोगों की ग़लत सोच आपको बहकाकर आपको महफ़ूज़ मक़ाम से हटा न दे। 18 इसके बजाए हमारे ख़ुदावंद और नजातदहिंदा ईसा मसीह के फ़ज़ल और इल्म में तरक़्क़ी करते रहें। उसे अब और अबद तक जलाल हासिल होता रहे! आमीन।