136
तख़लीक़ और क़ौम की तारीख़ में अल्लाह के मोजिज़े
रब का शुक्र करो, क्योंकि वह भला है, और उस की शफ़क़त अबदी है।
ख़ुदाओं के ख़ुदा का शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
मालिकों के मालिक का शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जो अकेला ही अज़ीम मोजिज़े करता है उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जिसने हिकमत के साथ आसमान बनाया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जिसने ज़मीन को मज़बूती से पानी के ऊपर लगा दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जिसने आसमान की रौशनियों को ख़लक़ किया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जिसने सूरज को दिन के वक़्त हुकूमत करने के लिए बनाया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
जिसने चाँद और सितारों को रात के वक़्त हुकूमत करने के लिए बनाया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
10 जिसने मिसर में पहलौठों को मार डाला उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
11 जो इसराईल को मिसरियों में से निकाल लाया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
12 जिसने उस वक़्त बड़ी ताक़त और क़ुदरत का इज़हार किया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
13 जिसने बहरे-क़ुलज़ुम को दो हिस्सों में तक़सीम कर दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
14 जिसने इसराईल को उसके बीच में से गुज़रने दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
15 जिसने फ़िरौन और उस की फ़ौज को बहरे-क़ुलज़ुम में बहाकर ग़रक़ कर दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
16 जिसने रेगिस्तान में अपनी क़ौम की क़ियादत की उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
17 जिसने बड़े बादशाहों को शिकस्त दी उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
18 जिसने ताक़तवर बादशाहों को मार डाला उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
19 जिसने अमोरियों के बादशाह सीहोन को मौत के घाट उतारा उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
20 जिसने बसन के बादशाह ओज को हलाक कर दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
21 जिसने उनका मुल्क इसराईल को मीरास में दिया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
22 जिसने उनका मुल्क अपने ख़ादिम इसराईल की मौरूसी मिलकियत बनाया उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
23 जिसने हमारा ख़याल किया जब हम ख़ाक में दब गए थे उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
24 जिसने हमें उनके क़ब्ज़े से छुड़ाया जो हम पर ज़ुल्म कर रहे थे उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
25 जो तमाम जानदारों को ख़ुराक मुहैया करता है उसका शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।
26 आसमान के ख़ुदा का शुक्र करो, क्योंकि उस की शफ़क़त अबदी है।