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अल्लाह की हुकूमत और मदद की तारीफ़
ऐ रास्तबाज़ो, रब की ख़ुशी मनाओ! क्योंकि मुनासिब है कि सीधी राह पर चलनेवाले उस की सताइश करें।
सरोद बजाकर रब की हम्दो-सना करो। उस की तमजीद में दस तारोंवाला साज़ बजाओ।
उस की तमजीद में नया गीत गाओ, महारत से साज़ बजाकर ख़ुशी के नारे लगाओ।
क्योंकि रब का कलाम सच्चा है, और वह हर काम वफ़ादारी से करता है।
उसे रास्तबाज़ी और इनसाफ़ प्यारे हैं, दुनिया रब की शफ़क़त से भरी हुई है।
रब के कहने पर आसमान ख़लक़ हुआ, उसके मुँह के दम से सितारों का पूरा लशकर वुजूद में आया।
वह समुंदर के पानी का बड़ा ढेर जमा करता, पानी की गहराइयों को गोदामों में महफ़ूज़ रखता है।
कुल दुनिया रब का ख़ौफ़ माने, ज़मीन के तमाम बाशिंदे उससे दहशत खाएँ।
क्योंकि उसने फ़रमाया तो फ़ौरन वुजूद में आया, उसने हुक्म दिया तो उसी वक़्त क़ायम हुआ।
10 रब अक़वाम का मनसूबा नाकाम होने देता, वह उम्मतों के इरादों को शिकस्त देता है।
11 लेकिन रब का मनसूबा हमेशा तक कामयाब रहता, उसके दिल के इरादे पुश्त-दर-पुश्त क़ायम रहते हैं।
 
12 मुबारक है वह क़ौम जिसका ख़ुदा रब है, वह क़ौम जिसे उसने चुनकर अपनी मीरास बना लिया है।
 
13 रब आसमान से नज़र डालकर तमाम इनसानों का मुलाहज़ा करता है।
14 अपने तख़्त से वह ज़मीन के तमाम बाशिंदों का मुआयना करता है।
15 जिसने उन सबके दिलों को तश्कील दिया वह उनके तमाम कामों पर ध्यान देता है।
 
16 बादशाह की बड़ी फ़ौज उसे नहीं छुड़ाती, और सूरमे की बड़ी ताक़त उसे नहीं बचाती।
17 घोड़ा भी मदद नहीं कर सकता। जो उस पर उम्मीद रखे वह धोका खाएगा। उस की बड़ी ताक़त छुटकारा नहीं देती।
18 यक़ीनन रब की आँख उन पर लगी रहती है जो उसका ख़ौफ़ मानते और उस की मेहरबानी के इंतज़ार में रहते हैं,
19 कि वह उनकी जान मौत से बचाए और काल में महफ़ूज़ रखे।
 
20 हमारी जान रब के इंतज़ार में है। वही हमारा सहारा, हमारी ढाल है।
21 हमारा दिल उसमें ख़ुश है, क्योंकि हम उसके मुक़द्दस नाम पर भरोसा रखते हैं।
 
22 ऐ रब, तेरी मेहरबानी हम पर रहे, क्योंकि हम तुझ पर उम्मीद रखते हैं।