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दाऊद की जंगें
फिर ऐसा वक़्त आया कि दाऊद ने फ़िलिस्तियों को शिकस्त देकर उन्हें अपने ताबे कर लिया और हुकूमत की बागडोर उनके हाथों से छीन ली।
उसने मोआबियों पर भी फ़तह पाई। मोआबी क़ैदियों की क़तार बनाकर उसने उन्हें ज़मीन पर लिटा दिया। फिर रस्सी का टुकड़ा लेकर उसने क़तार का नाप लिया। जितने लोग रस्सी की लंबाई में आ गए वह एक गुरोह बन गए। यों दाऊद ने लोगों को गुरोहों में तक़सीम किया। फिर उसने गुरोहों के तीन हिस्से बनाकर दो हिस्सों के सर क़लम किए और एक हिस्से को ज़िंदा छोड़ दिया। लेकिन जितने क़ैदी छूट गए वह दाऊद के ताबे रहकर उसे ख़राज देते रहे।
दाऊद ने शिमाली शाम के शहर ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र बिन रहोब को भी हरा दिया जब हददअज़र दरियाए-फ़ुरात पर दुबारा क़ाबू पाने के लिए निकल आया था। दाऊद ने 1,700 घुड़सवारों और 20,000 प्यादा सिपाहियों को गिरिफ़्तार कर लिया। रथों के 100 घोड़ों को उसने अपने लिए महफ़ूज़ रखा, जबकि बाक़ियों की उसने कोंचें काट दीं ताकि वह आइंदा जंग के लिए इस्तेमाल न हो सकें।
जब दमिश्क़ के अरामी बाशिंदे ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की मदद करने आए तो दाऊद ने उनके 22,000 अफ़राद हलाक कर दिए। फिर उसने दमिश्क़ के इलाक़े में अपनी फ़ौजी चौकियाँ क़ायम कीं। अरामी उसके ताबे हो गए और उसे ख़राज देते रहे। जहाँ भी दाऊद गया वहाँ रब ने उसे कामयाबी बख़्शी। सोने की जो ढालें हददअज़र के अफ़सरों के पास थीं उन्हें दाऊद यरूशलम ले गया। हददअज़र के दो शहरों बताह और बेरोती से उसने कसरत का पीतल छीन लिया।
जब हमात के बादशाह तूई को इत्तला मिली कि दाऊद ने हददअज़र की पूरी फ़ौज पर फ़तह पाई है 10 तो उसने अपने बेटे यूराम को दाऊद के पास भेजा ताकि उसे सलाम कहे। यूराम ने दाऊद को हददअज़र पर फ़तह के लिए मुबारकबाद दी, क्योंकि हददअज़र तूई का दुश्मन था, और उनके दरमियान जंग रही थी। यूराम ने दाऊद को सोने, चाँदी और पीतल के तोह्फ़े भी पेश किए। 11 दाऊद ने यह चीज़ें रब के लिए मख़सूस कर दीं। जहाँ भी वह दूसरी क़ौमों पर ग़ालिब आया वहाँ की सोना-चाँदी उसने रब के लिए मख़सूस कर दी। 12 यों अदोम, मोआब, अम्मोन, फिलिस्तिया, अमालीक़ और ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र बिन रहोब की सोना-चाँदी रब को पेश की गई।
13 जब दाऊद ने नमक की वादी में अदोमियों पर फ़तह पाई तो उस की शोहरत मज़ीद फैल गई। उस जंग में दुश्मन के 18,000 अफ़राद हलाक हुए। 14 दाऊद ने अदोम के पूरे मुल्क में अपनी फ़ौजी चौकियाँ क़ायम कीं, और तमाम अदोमी दाऊद के ताबे हो गए। दाऊद जहाँ भी जाता रब उस की मदद करके उसे फ़तह बख़्शता।
दाऊद के आला अफ़सर
15 जितनी देर दाऊद पूरे इसराईल पर हुकूमत करता रहा उतनी देर तक उसने ध्यान दिया कि क़ौम के हर एक शख़्स को इनसाफ़ मिल जाए। 16 योआब बिन ज़रूयाह फ़ौज पर मुक़र्रर था। यहूसफ़त बिन अख़ीलूद बादशाह का मुशीरे-ख़ास था। 17 सदोक़ बिन अख़ीतूब और अख़ीमलिक बिन अबियातर इमाम थे। सिरायाह मीरमुंशी था। 18 बिनायाह बिन यहोयदा दाऊद के ख़ास दस्ते बनाम करेतीओ-फ़लेती का कप्तान था। दाऊद के बेटे इमाम थे।