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 1 जब मै पुकारूँ तो मुझे जबाब दे ऐ मेरी सदाक़त के ख़ुदा!  
तंगी में तूने मुझे कुशादगी बख़्शी, मुझ पर रहम कर और मेरी दुआ सुन ले।   
 2 ऐ बनी आदम! कब तक मेरी 'इज़्ज़त के बदले रुस्वाई होगी?  
तुम कब तक बकवास से मुहब्बत रखोगे और झूट के दर पे रहोगे?   
 3 जान लो कि ख़ुदावन्द ने दीनदार को अपने लिए अलग कर रखा है;  
जब मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा तो वह सुन लेगा।   
 4 थरथराओ और गुनाह न करो;  
अपने अपने बिस्तर पर दिल में सोचो और ख़ामोश रहो।   
 5 सदाक़त की कु़र्बानियाँ पेश करो,  
और ख़ुदावन्द पर भरोसा करो।   
 6 बहुत से कहते हैं कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा?  
ऐ ख़ुदावन्द तू अपने चेहरे का नूर हम पर जलवह गर फ़रमा।   
 7 तूने मेरे दिल को उससे ज़्यादा खु़शी बख़्शी है,  
जो उनको ग़ल्ले और मय की बहुतायत से होती थी।   
 8 मैं सलामती से लेट जाऊँगा और सो रहूँगाः क्यूँकि ऐ ख़ुदावन्द!  
सिर्फ़ तू ही मुझे मुत्मईन रखता है!