16
 1 ऐ ख़ुदा मेरी हिफ़ाज़त कर,  
क्यूँकि मैं तुझ ही में पनाह लेता हूँ।   
 2 मैंने ख़ुदावन्द से कहा  
“तू ही रब है तेरे अलावा मेरी भलाई नहीं।”   
 3 ज़मीन के पाक लोग वह बरगुज़ीदा हैं,  
जिनमें मेरी पूरी ख़ुशनूदी है।   
 4 गै़र मा'बूदों के पीछे दौड़ने वालों का ग़म बढ़ जाएगा;  
मैं उनके से खू़न वाले तपावन नहीं तपाऊँगा और अपने होटों से उनके नाम नहीं लूँगा।   
 5 ख़ुदावन्द ही मेरी मीरास और मेरे प्याले का हिस्सा है;  
तू मेरे बख़रे का मुहाफ़िज़ है।   
 6 जरीब मेरे लिए दिलपसंद जगहों में पड़ी,  
बल्कि मेरी मीरास खू़ब है।   
 7 मैं ख़ुदावन्द की हम्द करूँगा,  
जिसने, मुझे नसीहत दी है;  
बल्कि मेरा दिल रात को मेरी तरबियत करता है   
 8 मैंने ख़ुदावन्द को हमेशा अपने सामने रख्खा है;  
चूँकि वह मेरे दहने हाथ है,  
इसलिए मुझे जुम्बिश न होगी।   
 9 इसी वजह से मेरा दिल खु़श और मेरी रूह शादमान है;  
मेरा जिस्म भी अम्न — ओ — अमान में रहेगा।   
 10 क्यूँकि तू न मेरी जान को पाताल में रहने देगा,  
न अपने मुक़द्दस को सड़ने देगा।   
 11 तू मुझे ज़िन्दगी की राह दिखाएगा;  
तेरे हुज़ूरमें कामिल शादमानी है।  
तेरे दहने हाथ में हमेशा की खु़शी है।