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 1 ऐ ख़ुदा! अपने नाम के वसीले से मुझे बचा,  
और अपनी कु़दरत से मेरा इन्साफ़ कर।   
 2 ऐ ख़ुदा मेरी दुआ सुन ले;  
मेरे मुँह की बातों पर कान लगा।   
 3 क्यूँकि बेगाने मेरे ख़िलाफ़ उठे हैं,  
और टेढ़े लोग मेरी जान के तलबगार हुए हैं;  
उन्होंने ख़ुदा को अपने सामने नहीं रख्खा।   
 4 देखो, ख़ुदा मेरा मददगार है!  
ख़ुदावन्द मेरी जान को संभालने वालों में है।   
 5 वह बुराई को मेरे दुश्मनों ही पर लौटा देगा;  
तू अपनी सच्चाई की रूह से उनको फ़ना कर!   
 6 मैं तेरे सामने रज़ा की कु़र्बानी चढ़ाऊँगा;  
ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे नाम की शुक्रगु़ज़ारी करूँगा  
क्यूँकि वह खू़ब है।   
 7 क्यूँकि उसने मुझे सब मुसीबतों से छुड़ाया है,  
और मेरी आँख ने मेरे दुश्मनों को देख लिया है।