67
1 ख़ुदा हम पर रहम करे और हम को बरक़त बख़्शे;
और अपने चेहरे को हम पर जलवागर फ़रमाए, सिलाह
2 ताकि तेरी राह ज़मीन पर ज़ाहिर हो जाए,
और तेरी नजात सब क़ौमों पर।
3 ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें;
सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।
4 उम्मते ख़ुश हों और ख़ुशी से ललकारें,
क्यूँकि तू रास्ती से लोगों की 'अदालत करेगा,
और ज़मीन की उम्मतों पर हुकूमत करेगा सिलाह
5 ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें;
सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।
6 ज़मीन ने अपनी पैदावार दे दी,
ख़ुदा या'नी हमारा ख़ुदा हम को बरकत देगा।
7 ख़ुदा हम को बरकत देगा;
और ज़मीन की इन्तिहा तक सब लोग उसका डर मानेंगे।