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 1 ख़ुदा हम पर रहम करे और हम को बरक़त बख़्शे;  
और अपने चेहरे को हम पर जलवागर फ़रमाए, सिलाह   
 2 ताकि तेरी राह ज़मीन पर ज़ाहिर हो जाए,  
और तेरी नजात सब क़ौमों पर।   
 3 ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें;  
सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।   
 4 उम्मते ख़ुश हों और ख़ुशी से ललकारें,  
क्यूँकि तू रास्ती से लोगों की 'अदालत करेगा,  
और ज़मीन की उम्मतों पर हुकूमत करेगा सिलाह   
 5 ऐ ख़ुदा! लोग तेरी ता'रीफ़ करें;  
सब लोग तेरी ता'रीफ़ करें।   
 6 ज़मीन ने अपनी पैदावार दे दी,  
ख़ुदा या'नी हमारा ख़ुदा हम को बरकत देगा।   
 7 ख़ुदा हम को बरकत देगा;  
और ज़मीन की इन्तिहा तक सब लोग उसका डर मानेंगे।