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 1 ऐ ख़ुदा, हम तेरा शुक्र करते हैं, हम तेरा शुक्र करते हैं;  
क्यूँकि तेरा नाम नज़दीक है, लोग तेरे 'अजीब कामों का ज़िक्र करते हैं।   
 2 जब मेरा मु'अय्यन वक़्त आएगा,  
तो मैं रास्ती से 'अदालत करूँगा।   
 3 ज़मीन और उसके सब बाशिन्दे गुदाज़ हो गए हैं,  
मैंने उसके सुतूनों को क़ाईम कर दिया।   
 4 मैंने मग़रूरों से कहा, गु़रूर न करो,  
और शरीरों से, कि सींग ऊँचा न करो।   
 5 अपना सींग ऊँचा न करो,  
बग़ावत से बात न करो।   
 6 क्यूँकि सरफ़राज़ी न तो पूरब से न पश्चिम से,  
और न दख्खिन से आती है;   
 7 बल्कि ख़ुदा ही 'अदालत करने वाला है;  
वह किसी को पस्त करता है और किसी को सरफ़राज़ी बख़्शता है।   
 8 क्यूँकि ख़ुदावन्द के हाथ में प्याला है, और मय झाग वाली है;  
वह मिली हुई शराब से भरा है, और ख़ुदावन्द उसी में से उंडेलता है;  
बेशक उसकी तलछट ज़मीन के सब शरीर निचोड़ निचोड़ कर पिएँगे।   
 9 लेकिन मैं तो हमेशा ज़िक्र करता रहूँगा,  
मैं या'क़ूब के ख़ुदा की मदहसराई करूँगा।   
 10 और मैं शरीरों के सब सींग काट डालूँगा  
लेकिन सादिकों के सींग ऊँचे किए जाएंगे।