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रब के घर में मौसीक़ारों के गुरोह
दाऊद ने फ़ौज के आला अफ़सरों के साथ आसफ़, हैमान और यदूतून की औलाद को एक ख़ास ख़िदमत के लिए अलग कर दिया। उन्हें नबुव्वत की रूह में सरोद, सितार और झाँझ बजाना था। ज़ैल के आदमियों को मुक़र्रर किया गया :
आसफ़ के ख़ानदान से आसफ़ के बेटे ज़क्कूर, यूसुफ़, नतनियाह और असरेलाह। उनका बाप गुरोह का राहनुमा था, और वह बादशाह की हिदायात के मुताबिक़ नबुव्वत की रूह में साज़ बजाता था।
यदूतून के ख़ानदान से यदूतून के बेटे जिदलियाह, ज़री, यसायाह, सिमई, हसबियाह, और मत्तितियाह। उनका बाप गुरोह का राहनुमा था, और वह नबुव्वत की रूह में रब की हम्दो-सना करते हुए सितार बजाता था।
हैमान के ख़ानदान से हैमान के बेटे बुक़्क़ियाह, मत्तनियाह, उज़्ज़ियेल, सबुएल, यरीमोत, हननियाह, हनानी, इलियाता, जिद्दालती, रूममतियज़र, यसबिक़ाशा, मल्लूती, हौतीर और महाज़ियोत। इन सबका बाप हैमान दाऊद बादशाह का ग़ैबबीन था। अल्लाह ने हैमान से वादा किया था कि मैं तेरी ताक़त बढ़ा दूँगा, इसलिए उसने उसे 14 बेटे और तीन बेटियाँ अता की थीं।
यह सब अपने अपने बाप यानी आसफ़, यदूतून और हैमान की राहनुमाई में साज़ बजाते थे। जब कभी रब के घर में गीत गाए जाते थे तो यह मौसीक़ार साथ साथ झाँझ, सितार और सरोद बजाते थे। वह अपनी ख़िदमत बादशाह की हिदायात के मुताबिक़ सरंजाम देते थे। अपने भाइयों समेत जो रब की ताज़ीम में गीत गाते थे उनकी कुल तादाद 288 थी। सबके सब माहिर थे। उनकी मुख़्तलिफ़ ज़िम्मादारियाँ भी क़ुरा के ज़रीए मुक़र्रर की गईं। इसमें सबके साथ सुलूक एक जैसा था, ख़ाह जवान थे या बूढ़े, ख़ाह उस्ताद थे या शागिर्द।
क़ुरा डालकर 24 गुरोहों को मुक़र्रर किया गया। हर गुरोह के बारह बारह आदमी थे। यों ज़ैल के आदमियों के गुरोहों ने तश्कील पाई :
1. आसफ़ के ख़ानदान का यूसुफ़,
2. जिदलियाह,
10 3. ज़क्कूर,
11 4. ज़री,
12 5. नतनियाह,
13 6. बुक़्क़ियाह,
14 7. यसरेलाह,
15 8. यसायाह,
16 9. मत्तनियाह,
17 10. सिमई,
18 11. अज़रेल,
19 12. हसबियाह,
20 13. सूबाएल,
21 14. मत्तितियाह,
22 15. यरीमोत,
23 16. हननियाह,
24 17. यसबिक़ाशा,
25 18. हनानी,
26 19. मल्लूती,
27 20. इलियाता,
28 21. हौतीर,
29 22. जिद्दालती,
30 23. महाज़ियोत,
31 24. रूममतियज़र।
हर गुरोह में राहनुमा के बेटे और कुछ रिश्तेदार शामिल थे।