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वापस आए हुए इसराईलियों की फ़हरिस्त
ज़ैल में यहूदाह के उन लोगों की फ़हरिस्त है जो जिलावतनी से वापस आए। बाबल का बादशाह नबूकदनज़्ज़र उन्हें क़ैद करके बाबल ले गया था, लेकिन अब वह यरूशलम और यहूदाह के उन शहरों में फिर जा बसे जहाँ उनके ख़ानदान पहले रहते थे। उनके राहनुमा ज़रुब्बाबल, यशुअ, नहमियाह, सिरायाह, रालायाह, मर्दकी, बिलशान, मिसफ़ार, बिगवई, रहूम और बाना थे। ज़ैल की फ़हरिस्त में वापस आए हुए ख़ानदानों के मर्द बयान किए गए हैं।
परऊस का ख़ानदान : 2,172,
सफ़तियाह का ख़ानदान : 372,
अरख़ का ख़ानदान : 775,
पख़त-मोआब का ख़ानदान यानी यशुअ और योआब की औलाद : 2,812,
ऐलाम का ख़ानदान : 1,254,
ज़त्तू का ख़ानदान : 945,
ज़क्की का ख़ानदान : 760,
10 बानी का ख़ानदान : 642,
11 बबी का ख़ानदान : 623,
12 अज़जाद का ख़ानदान : 1,222,
13 अदूनिक़ाम का ख़ानदान : 666,
14 बिगवई का ख़ानदान : 2,056,
15 अदीन का ख़ानदान : 454,
16 अतीर का ख़ानदान यानी हिज़क़ियाह की औलाद : 98,
17 बज़ी का ख़ानदान : 323,
18 यूरा का ख़ानदान : 112,
19 हाशूम का ख़ानदान : 223,
20 जिब्बार का ख़ानदान : 95,
21 बैत-लहम के बाशिंदे : 123,
22 नतूफ़ा के 56 बाशिंदे,
23 अनतोत के बाशिंदे : 128,
24 अज़मावत के बाशिंदे : 42,
25 क़िरियत-यारीम, कफ़ीरा और बैरोत के बाशिंदे : 743,
26 रामा और जिबा के बाशिंदे : 621,
27 मिकमास के बाशिंदे : 122,
28 बैतेल और अई के बाशिंदे : 223,
29 नबू के बाशिंदे : 52,
30 मजबीस के बाशिंदे : 156,
31 दूसरे ऐलाम के बाशिंदे : 1,254,
32 हारिम के बाशिंदे : 320,
33 लूद, हादीद और ओनू के बाशिंदे : 725,
34 यरीहू के बाशिंदे : 345,
35 सनाआह के बाशिंदे : 3,630।
36 ज़ैल के इमाम जिलावतनी से वापस आए।
यदायाह का ख़ानदान जो यशुअ की नसल का था : 973,
37 इम्मेर का ख़ानदान : 1,052,
38 फ़शहूर का ख़ानदान : 1,247,
39 हारिम का ख़ानदान : 1,017।
40 ज़ैल के लावी जिलावतनी से वापस आए। यशुअ और क़दमियेल का ख़ानदान यानी हूदावियाह की औलाद : 74,
41 गुलूकार : आसफ़ के ख़ानदान के 128 आदमी,
42 रब के घर के दरबान : सल्लूम, अतीर, तलमून, अक़्क़ूब, ख़तीता और सोबी के ख़ानदानों के 139 आदमी।
43 रब के घर के ख़िदमतगारों के दर्जे-ज़ैल ख़ानदान जिलावतनी से वापस आए।
ज़ीहा, हसूफ़ा, तब्बाओत, 44 क़रूस, सियाहा, फ़दून, 45 लिबाना, हजाबा, अक़्क़ूब, 46 हजाब, शलमी, हनान, 47 जिद्देल, जहर, रियायाह, 48 रज़ीन, नक़ूदा, जज़्ज़ाम, 49 उज़्ज़ा, फ़ासिह, बसी, 50 अस्ना, मऊनीम, नफ़ूसीम, 51 बक़बूक़, हक़ूफ़ा, हरहूर, 52 बज़लूत, महीदा, हर्शा, 53 बरक़ूस, सीसरा, तामह, 54 नज़ियाह और ख़तीफ़ा।
55 सुलेमान के ख़ादिमों के दर्जे-ज़ैल ख़ानदान जिलावतनी से वापस आए।
सूती, सूफ़िरत, फ़रूदा, 56 याला, दरक़ून, जिद्देल, 57 सफ़तियाह, ख़त्तील, फ़ूकिरत-ज़बायम और अमी।
58 रब के घर के ख़िदमतगारों और सुलेमान के ख़ादिमों के ख़ानदानों में से वापस आए हुए मर्दों की तादाद 392 थी।
59-60 वापस आए हुए ख़ानदानों दिलायाह, तूबियाह और नक़ूदा के 652 मर्द साबित न कर सके कि इसराईल की औलाद हैं, गो वह तल-मिलह, तल-हर्शा, करूब, अद्दून और इम्मेर के रहनेवाले थे।
61-62 हबायाह, हक़्क़ूज़ और बरज़िल्ली के ख़ानदानों के कुछ इमाम भी वापस आए, लेकिन उन्हें रब के घर में ख़िदमत करने की इजाज़त न मिली। क्योंकि गो उन्होंने नसबनामे में अपने नाम तलाश किए उनका कहीं ज़िक्र न मिला, इसलिए उन्हें नापाक क़रार दिया गया। (बरज़िल्ली के ख़ानदान के बानी ने बरज़िल्ली जिलियादी की बेटी से शादी करके अपने सुसर का नाम अपना लिया था।) 63 यहूदाह के गवर्नर ने हुक्म दिया कि इन तीन ख़ानदानों के इमाम फ़िलहाल क़ुरबानियों का वह हिस्सा खाने में शरीक न हों जो इमामों के लिए मुक़र्रर है। जब दुबारा इमामे-आज़म मुक़र्रर किया जाए तो वही ऊरीम और तुम्मीम नामी क़ुरा डालकर मामला हल करे।
64 कुल 42,360 इसराईली अपने वतन लौट आए, 65 नीज़ उनके 7,337 ग़ुलाम और लौंडियाँ और 200 गुलूकार जिनमें मर्दो-ख़वातीन शामिल थे।
66 इसराईलियों के पास 736 घोड़े, 245 ख़च्चर, 67 435 ऊँट और 6,720 गधे थे।
68 जब वह यरूशलम में रब के घर के पास पहुँचे तो कुछ ख़ानदानी सरपरस्तों ने अपनी ख़ुशी से हदिये दिए ताकि अल्लाह का घर नए सिरे से उस जगह तामीर किया जा सके जहाँ पहले था। 69 हर एक ने उतना दे दिया जितना दे सका। उस वक़्त सोने के कुल 61,000 सिक्के, चाँदी के 2,800 किलोग्राम और इमामों के 100 लिबास जमा हुए।
70 इमाम, लावी, गुलूकार, रब के घर के दरबान और ख़िदमतगार, और अवाम के कुछ लोग अपनी अपनी आबाई आबादियों में दुबारा जा बसे। यों तमाम इसराईली दुबारा अपने अपने शहरों में रहने लगे।