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याक़ूब
ईमान और हिकमत
ग़ुरबत और दौलत
आज़माइश
सुनना काफ़ी नहीं है
तास्सुब से ख़बरदार
ईमान नेक कामों के बग़ैर मुरदा है
ज़बान
आसमान से हिकमत
दुनिया से दोस्ती
एक दूसरे का मुंसिफ़ मत बनना
शेख़ी मत मारना
दौलतमंदो, ख़बरदार!
सब्र और दुआ