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यूहन्ना
ज़िंदगी का कलाम
यहया बपतिस्मा देनेवाले का पैग़ाम
अल्लाह का लेला
ईसा के पहले शागिर्द
ईसा फ़िलिप्पुस और नतनेल को बुलाता है
क़ाना में शादी
ईसा बैतुल-मुक़द्दस में जाता है
ईसा इनसानी फ़ितरत से वाक़िफ़ है
नीकुदेमुस के साथ मुलाक़ात
ईसा और यहया
आसमान से आनेवाला
ईसा और सामरी औरत
अफ़सर के बेटे की शफ़ा
बैतुल-मुक़द्दस के हौज़ पर शफ़ा
फ़रज़ंद का इख़्तियार
ईसा के गवाह
ईसा बड़े हुजूम को खाना खिलाता है
ईसा पानी पर चलता है
लोग ईसा को ढूँडते हैं
ईसा ज़िंदगी की रोटी है
अबदी ज़िंदगी की बातें
ईसा और उसके भाई
ईसा झोंपड़ियों की ईद पर
क्या ईसा ही मसीह है?
पहरेदार उसे गिरिफ़्तार करने आते हैं
ज़िंदगी के पानी की नहरें
सुननेवालों में नाइत्तफ़ाक़ी
यहूदी राहनुमा ईसा पर ईमान नहीं रखते
ज़िनाकार औरत पर पहला पत्थर
ईसा दुनिया का नूर है
जहाँ मैं जा रहा हूँ तुम वहाँ नहीं जा सकते
सच्चाई तुमको आज़ाद करेगी
ईसा और इब्राहीम
अंधे की शफ़ा
फ़रीसी शफ़ा की तफ़तीश करते हैं
रूहानी अंधापन
चरवाहे की तमसील
अच्छा चरवाहा
ईसा को रद्द किया जाता है
लाज़र की मौत
ईसा क़ियामत और ज़िंदगी है
ईसा रोता है
लाज़र को ज़िंदा कर दिया जाता है
ईसा के ख़िलाफ़ मनसूबाबंदी
ईसा को बैत-अनियाह में मसह किया जाता है
लाज़र के ख़िलाफ़ मनसूबाबंदी
यरूशलम में ईसा का पुरजोश इस्तक़बाल
कुछ यूनानी ईसा को तलाश करते हैं
ईसा अपनी मौत का ज़िक्र करता है
लोग ईमान नहीं रखते
ईसा का कलाम लोगों की अदालत करेगा
ईसा अपने शागिर्दों के पाँव धोता है
ईसा को दुश्मन के हवाले किया जाता है
ईसा का नया हुक्म
पतरस के इनकार की पेशगोई
ईसा बाप के पास जाने की राह है
रूहुल-क़ुद्स देने का वादा
ईसा अंगूर की हक़ीक़ी बेल है
दुनिया की दुश्मनी
रूहुल-क़ुद्स की ख़िदमत
अब दुख फिर सुख
दुनिया पर फ़तह
ईसा अपने शागिर्दों के लिए दुआ करता है
ईसा की गिरिफ़्तारी
ईसा हन्ना के सामने
पतरस ईसा को जानने से इनकार करता है
इमामे-आज़म ईसा की पूछ-गछ करता है
पतरस दुबारा ईसा को जानने से इनकार करता है
ईसा को पीलातुस के सामने पेश किया जाता है
ईसा को सज़ाए-मौत सुनाई जाती है
ईसा को मसलूब किया जाता है
ईसा की मौत
ईसा का पहलू छेदा जाता है
ईसा को दफ़नाया जाता है
ख़ाली क़ब्र
ईसा मरियम मग्दलीनी पर ज़ाहिर होता है
ईसा अपने शागिर्दों पर ज़ाहिर होता है
तोमा शक करता है
इस किताब का मक़सद
ईसा झील पर शागिर्दों पर ज़ाहिर होता है
ईसा का पतरस से सवाल
ईसा और दूसरा शागिर्द
ख़ुलासा