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अल्लाह मुंसिफ़ है
आसफ़ का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। तारदार साज़ों के साथ गाना है।
अल्लाह यहूदाह में मशहूर है, उसका नाम इसराईल में अज़ीम है।
उसने अपनी माँद सालिम *सालिम से मुराद यरूशलम है। में और अपना भट कोहे-सिय्यून पर बना लिया है।
वहाँ उसने जलते हुए तीरों को तोड़ डाला और ढाल, तलवार और जंग के हथियारों को चूर चूर कर दिया है। (सिलाह)
ऐ अल्लाह, तू दरख़्शाँ है, तू शिकार के पहाड़ों से आया हुआ अज़ीमुश-शान सूरमा है।
 
बहादुरों को लूट लिया गया है, वह मौत की नींद सो गए हैं। फ़ौजियों में से एक भी हाथ नहीं उठा सकता।
ऐ याक़ूब के ख़ुदा, तेरे डाँटने पर घोड़े और रथबान बेहिसो-हरकत हो गए हैं।
तू ही महीब है। जब तू झिड़के तो कौन तेरे हुज़ूर क़ायम रहेगा?
तूने आसमान से फ़ैसले का एलान किया। ज़मीन सहमकर चुप हो गई
जब अल्लाह अदालत करने के लिए उठा, जब वह तमाम मुसीबतज़दों को नजात देने के लिए आया। (सिलाह)
10 क्योंकि इनसान का तैश भी तेरी तमजीद का बाइस है। उसके तैश का आख़िरी नतीजा तेरा जलाल ही है। लफ़्ज़ी तरजुमा : तू बचे हुए तैश से कमरबस्ता हो जाता है।
 
11 रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर मन्नतें मानकर उन्हें पूरा करो। जितने भी उसके इर्दगिर्द हैं वह पुरजलाल ख़ुदा के हुज़ूर हदिये लाएँ।
12 वह हुक्मरानों को शिकस्ता रूह कर देता है, उसी से दुनिया के बादशाह दहशत खाते हैं।

*76:2 सालिम से मुराद यरूशलम है।

76:10 लफ़्ज़ी तरजुमा : तू बचे हुए तैश से कमरबस्ता हो जाता है।