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शौमिनिथ की संगत पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद। 
 
1 हे यहोवा, मेरी रक्षा कर!  
खरे जन सभी चले गये हैं।  
मनुष्यों की धरती में अब कोई भी सच्चा भक्त नहीं बचा है।   
2 लोग अपने ही साथियों से झूठ बोलते हैं।  
हर कोई अपने पड़ोसियों को झूठ बोलकर चापलूसी किया करता है।   
3 यहोवा उन ओंठों को सी दे जो झूठ बोलते हैं।  
हे यहोवा, उन जीभों को काट जो अपने ही विषय में डींग हाँकते हैं।   
4 ऐसे जन सोचते है, “हमारी झूठें हमें बड़ा व्यक्ति बनायेंगी।  
कोई भी व्यक्ति हमारी जीभ के कारण हमें जीत नहीं पायेगा।”   
   
 
5 किन्तु यहोवा कहता है:  
“बुरे मनुष्यों ने दीन दुर्बलों से वस्तुएँ चुरा ली हैं।  
उन्होंने असहाय दीन जन से उनकी वस्तुएँ ले लीं।  
किन्तु अब मैं उन हारे थके लोगों की रक्षा खड़ा होकर करुँगा।”   
   
 
6 यहोवा के वचन सत्य हैं और इतने शुद्ध  
जैसे आग में पिघलाई हुई श्वेत चाँदी।  
वे वचन उस चाँदी की तरह शुद्ध हैं, जिसे पिघला पिघला कर सात बार शुद्ध बनाया गया है।   
7 हे यहोवा, असहाय जन की सुधि ले।  
उनकी रक्षा अब और सदा सर्वदा कर!   
8 ये दुर्जन अकड़े और बने ठने घूमते हैं।  
किन्तु वे ऐसे होते हैं जैसे कोई नकली आभूषण धारण करता है  
जो देखने में मूल्यवान लगते हैं, किन्तु वास्तव में बहुत ही सस्ते होते हैं।