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गाडरान पीलो चापड़ान छव सील तुड़े
1 तत्यार मे देख्यु की गाडरान पीलो चो तीनु सात सील मां सी एक काजे खुल्यु, ने तीनु चारु जनवार्या मां सी एक गाजणेन तसी अवाज सामळ्यु, “आव।” 2 मे नींगा नाख्यु, ने एक धवळु घुल्लु छे, ने तेरे उपर एक जणु धंदली ली र्यु। ने तीनाक एक मुड़ देदलो छे, ने हयु जीती रवलु ने अळी बी जीत हात करने करीन नीकळी पड़्यु।
3 जत्यार हयु दुसरी सील खुल्यु, ती मे दीसरा जनवार्या काजे असो कवतेला सामळ्यु, “आव।” 4 तत्यार अळी एक घुल्लु नीकळ्यु, जु रातला रंगेन हतलु; तेरो बठी रवलु तीना काजे असो हक देदलो की धरती पर सी सांतीक हाकली ले, काहाकी माणसे एक दीसरान हत्या करे; ने तीनाक एक मट्ली तलवार देदु।
5 जत्यार हयु तीसरी सील तुड़्यु, ती मे तीसरा जनवार्या काजे असु कवता सामळ्यु, “आव।” ने मे नींगा कर्यु, ने एक काळ्ळु घुल्लु छे; ने घुल्ला पर बठी रहलान हात मां एक ताकड़ी छे। 6 ने तीनु चारु जनवार्यान ईचमां सी एक असु कहतेला सामळ्यु, “एक दाहड़ान-दाहाड़कीन एकुत कीलु गहुं, ने एक दाहड़ान-दाहाड़कीन तीनुत कीलु जळ-गहुं जड़से, बाकुन तेल ने अंगुरेन रस बीगाड़ु घुण।”
7 ने जत्यार हयु चोवथु सील तुड़्यु, ती मे चोवथां जनवार्यान बेसके जुरे आव कवतेलान सामळ्यु, “आव।” 8 मे नींगा कर्यु, ने एक पेळ्ळु घुल्लु छे; ने तीना घुल्ला पर बठी रहलान नाव मरनु सरनु छे; ने पाताळ तेरे पछळ-पछळ छे ने तीनाक धरतीन चार मां सी एक हीस्सा पर हक देदलो छे, की तलवार, ने काळ, ने मांदवाड़, ने धरतीन जंगली जनवार्या माणसेक मार नाख्या।
9 जत्यार हयु पांचवी सील तुड़्यु, ती चुखला चड़ावान जागान नेचु तेरा बेस आत्मा काजे देख्यु, जे भगवानेन बुले दीसराक सामळावणेन वजे सी, ने ईसुन गवा पुरावा देय करीन तीनुक मार नाखला। 10 ने चे जुर सी आयड़ीन कह्यु, “ए मालीक, ए चुखला, ने छाचला; तु कां लग नीयाव नी करसी? ने धरतीन रहणे वाळा सी हामरा लुहीन पलटु कां लग नी लेसी?” 11 ने तींद्रे मायन एक-एक जणा काजे धवेळो पुथल्यो देदलो छे, ने तीनुक कह्यो, की अळी ईतरीक वार लग आराम करु, जत्यार लग की तुंद्रु सगु सेवक ने भाय जे तुंद्रेन तसा मारायणे वाळा छे, तींद्री बी गिन्ती पुरी नी हय जाय।
12 जत्यार हयु छटवी सील तुड़्यु, ती मे देख्यु धरती बेसके जुर सी हाकलाय; ने दाहड़ु काळ्ळा चादरान तसु काळ्ळु, ने आखु चांद लुहीन तसु हय गुयु। 13 ने सरगेन तारा धरती पर असा पड़्या जसी आंधी सी हालीन अंजीर नावेन झाड़का मां सी काचला फळ झड़े। 14 सरग असो सरकी गुयो, जसों पान्टो एलेट्णे सी सरकी जाय; ने हरेक बयड़ा, ने काळ पाणी, आपणा-आपणा जागा सी टळ गुया। 15 धरतीन राजा, ने मुख्या, ने सीपायड़ा डाहला, ने मातला, ने ताकतवाळा माणसे, ने हरेक सेवक, ने हरेक छुटला, बयड़ान दरे ने चापर्या मां जाय्न डुकाया; 16 ने बयड़ा, ने चापर्या सी कहणे लाग्या, “हामरे पर पड़ जावु; ने हामुक तेरा मुंहडा सी जु राजगादी पर बठ्लु छे ने गाडरान पीलान रीस सी हामु काजे बचाड़ लेवु; 17 काहाकी तींद्रा रीसेन दुखेन दाहड़ा आय गुयलो छे, हय कुण उबु हय सक्से?”