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एक लाख चाळीस-ने-चार हजार माणसेक भगवान बचाड़े
1 तेरे पछेन मे धरतीन चारु खुणा पर चार सरग वाळा काहवाळ्याक उभला देख्यु, चे धरतीन चारु वाहळा काजे धरीन राख र्या काहाकी धरती, नीते दरीया, नीते काहनाक झाड़का पर, वाहळ नी चाले। 2 तत्यार मे एक अळी सरग वाळा काहवाळ्याक जीवला भगवानेन सील लीन उगवणु सी उपर आवते देख्यु; हयु तीनु चारु सरग वाळा काहवाळ्या सी तीनुक धरती ने दरीयान नुकसाण करनेन हक देदलु हतलु, जुर सी आयड़ीन कह्यु, 3 “जत्यार लग हामु आपणा भगवानेन सेवक्यान नींडाळे पर सील नी लागाड़ देय, तत्यार लग धरती ने दरीया ने झाड़कान नुकसाण घुण करे।” 4 ने जीनु पर सील हतली, मे तींद्री गिन्ती सामळ्यु, की ईस्रायेलेन पुर्यान आखा कुळ मां सी एक लाख चाळीस ने चार हजार पर मुहर लागली हतली, 5 यहुदान कुळ मां सी बारे हजार पर सील लागली हतली, रुबेनेन कुळ मां सी बारे हजार पर, गादेन कुळ मां सी बारे हजार पर, 6 आसेरेन कुळ मां सी बारे हजार पर, नप्तालीन कुळ मां सी बारे हजार पर; मनस्सेन कुळ मां सी बारे हजार पर, 7 सीमोनेन कुळ मां सी बारे हजार पर, लेवीन कुळ मां सी बारे हजार पर, ईस्साकारेन कुळ मां सी बारे हजार पर, 8 जबुलुनेन कुळ मां सी बारे हजार पर, युसुफेन कुळ मां सी बारे हजार पर, बीन्यामीनेन कुळ मां सी बारे हजार पर सील देदली हतली।
बेसका माणसेन एक टुळु
9 तेरे पछेन मे नींगा कर्यु, ने हरेक जाती, ने कुळ, ने माणसे ने बुली मां सी एक असी मटी गड़दी, जीनीक कुय गीण नी सकतेलो धवळा पुथल्या पेहेरलु ने आपसा हात मां खजुरेन डाळ्या लीन राजगादी अगळ ने गाडरान पीला अगळ उबी छे; 10 ने जुर सी आयड़ीन कहें, “छुटकारा वाटे आपणा भगवानेन, जु राजगादी पर बठलु छे, ने गाडरान जय-जय हवे।” 11 ने आखा सरग वाळा काहवाळ्या, तीनी राजगादी ने डाहा-बुड़ा ने चारु जनवार्यान चारे मेर उबला छे, तत्यार चे राजगादी अगळ मुंहडान भुरसे पड़्या, ने भगवान काजे आंधीन कह्या, 12 “आमीन, हामरा भगवानेन बड़ाय, सेक-सींगार, अकल, वारु कह्णु, ने आव-भाव, ने ताकत ने ताकत जलम बणीन रहे।”
13 ईनु आड़ा-बुड़ा मां सी एक मारे सी कह्यु, “चे धवळा पुथल्या पेहेरलु कुण छे, ने कां सी आवलु छे?” 14 मे तेरे सी कह्यु, ए मालीक, तुत जाणे, जे तीना मट्ली गरा सी नीकळीन आवला छे,
जे आपणा-आपणा पुथल्या गाडरान पीलान लुही मां धुवीन धवळा करला छे। 15 तेरेमां चे भगवानेन राजगादी अगळ छे, ने तीना मंदीर मां रात दाहड़ु तेरी सेवा करे; ने जु राजगादी पर बठलु छे, हयु तींद्रे उपर आपसान तम्बु ताणसे। 16 “चे पछा भुकला ने तीसला नी हवसे; ने नी तीनु पर तप, नी काय तांत्लो पड़से। 17 काहाकी गाडरान पीलो जु राजगादीन ईचमां छे, तींद्री राखवाळी करसे; ने तीनुक जीवन सारका उंहता पाणी धड़े लीजाया करसे, ने भगवान तींद्रा डुळाम सी आखा आसा नुछ देसे।”