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खरली सीक्सा काय छे
1 बाकुन तु असी वात कर रयु जु खरली अक्कल सीकाड़ने लायक छे। 2 ने डाहला*वृद्ध माणसे सांती ने समजदार ने खुद काजे हक मां बणायन राखे, ने तींद्रु भुरसु ने परम ने सेण करने मां पाक्का रहु। 3 हेरेत वजे सी डाहला बायरान चाल-चालन चुखला बायरान तसा रवे; चे गुनु लागाड़ने ने नस्यु करनेन गुलाम नी रहे, बाकुन वारलु वात सीकाड़ने वाळी बणे। 4 काहाकी ची जुवान बायरी काजे सीकाड़ती रवे की आपसा घर वाळाक ने पुर्या सी परम राखे; 5 ने अक्कल वाळा, चुखली, डाहला माणसेन वात माने, घरेन कारबार करने वाळी, भुळी ने आपणा-आपणा घर वाळान हक मां रहणे वाळी हवणु, काहाकी भगवानेन बुलेन नाव-बद्दी नी हवे।
6 असोत जुवान अदमी काजे बी समजाड़्या कर की, चे हुस्यार बणु। 7 आखी वात मां आपणे आप काजे वारलु कामेन दाखलु बणाव; तारे सीकाड़ने सी चतराय, चे सीकणु चाहजे 8 ने असी खरली वात करु, की तीनी वात सी तुसे कुय भुंडुत नी कय सके काहाकी तु नी बाकुन उल्टा चे लाजवाये काहाकी तींद्रे धड़े तुसेक भुंडुत कहणेन काय नी रवसे।
9 पावर्या काजे समजाड़ की आपणा-आपणा मालीकेन हक मां रहे, ने आखी वात मां तीनुक खुस राखे, ने तींद्रे मुंहडे लागण्या मां बणु। 10 चुरी चालाकी नी करे, बाकुन आखी भाती सी पुरु भुरसु करने वाळा नीकळे, काहाकी चे आखी वाते मां हामरा मरण सी छुटकारु करने वाळु भगवानेन सीकाड़न्यान सुभा बड़ाय देय।
11 काहाकी भगवानेन गीण-दया उजेंती हवे, जु आखा माणसे मां अमर छुटकारु देखाव पड़ गुयलु छे। 12 ने हामुक लड़ीन सीकाड़े, की हामु भक्ती नी करने वाळा ने दुनीयान चीज सी मन फेरवीन ईनी कळी मां हुस्यार ने धरमेन कामे सी ने भक्ती सी जीवन जीवजे; 13 ने तीना वारु आसेन नीते आपणा मटला भगवान ने मरण सी छुटकारु करने वाळु ईसु मसीन सेक-सींगार उजेंतु हवणेन वाट देखता रहे। 14 जु खुद काजे हामरे वाटे दी देदलु छे, काहाकी हामुक आखा भातीन जे धरमेन काम नी हय तींद्रे सी छुड़ाय लेय, ने चुखा करीन आपणे वाटे एक असी जाती बणाय लेय जे भला काम करनेन हवस देय।
15 आखे हकेन साते जी वात कव ने समजाड़ ने सीकाड़तु रव। काहनुक तुसेक नानु†तुच्छ नी जान्नु चाहजे।