5
भगवान कर सेबक
1 तुम हे जउन सियान हबै, उनखर लग मोर अक्ठी बिनती हबै, महुं सियान हबो, मसीह के दुख भोग के गवाह अउ भभिस्य हे परगट होमै बाले महिमा हे सहभागी हबो। 2 तुमही भगवान के जउन झुन्ड सउपे गय हबै, ओखर बरेदी बना, भगवान के इक्छा के जसना उनखर देखरेख करा दबाव हे नेहको, पय अपन इक्छा के जसना, पइसा के लालच के निता नेहको पय सुध्द सेबा भाव लग, 3 अपन सउपे हर मनसेन हे हक झइ जताबा, पय झुन्ड के निता इमानदार बन के सेबा करा। 4 जउन टेम परधान बरेदी परगट होही, ता तुम कबहुं नेहको बुझाय बाले महिमा के मुकुट पइहा।
5 अउ तुम, जबान टोरवा सियानन के कबजा हे रहा, तुम सब नम्र हुइ के अक दूसर के सेबा के निता कनिहा कस के तइयार रइहा, काखे भगवान घमन्डिन के बिरोध करथै, पय ऊ दीनहीन मनसेन हे दया करथै। 6 तुम भगवान के बलवान हाथ के तरी नरम बने रइहा, जेखर लग ऊ तुमही सही टेम हे बढाही। 7 तुम अपन सगलू चिन्ता ओखर उप्पर छांड देया काखे ओही तुम्हर चिन्ता हबै।
8 तुम धीर धरे रइहा, अउ जगत रइहा काखे तुम्हर बिरोधी परेत गरजय बाले बघवा के जसना हबै हइ खोज हे बागत रथै कि करही चीर खाव। 9 तुम बिस्वास हे मजबूत हुइके ओखर सामना करिहा, तुम जानत हबा कि दुनिया भर हे तुम्हर भाई-बेहन हइ मेर के दुख भोगत हबै। 10 भगवान जउन सगलू अनुगरह किरपा के दाता हबै, तुमही यीसु मसीह हे अपन सबरोज के महिमा के निता बोलाय हबै, ऊ तुम्हर चुटु देर तक दुख उठामै के बाद, तुमही फेरै सिध्द करही, बलवान अउ मजबूत बनाही। 11 ओखर सक्ति जुगजुग बने रहे। ओसनेन होय।
आखरी सोगत
12 मै तुमही हइ चिट्ठी सिलवानुस लग लिखवाय हबो, जेही मै अपन बिस्वासी भाई मानथो मै तुमही समझाथो अउ बिस्वास देवाथो कि एहमा जउन कुछ लिखवरे हबै, ऊ भगवान के निक्खा अनुगरह किरपा हबै, ऊ किरपा हे मजबूत बने रइहा।
13 हइ बेबीलोन सहर के मंडली के सदस्य, जउन तुम्हर मेर भगवान के चुने हर मनसे हबै, अउ मोर टोरवा मरकुस तुमही नमस्ते कथै। 14 माया के चुम्मा लग अक दूसर के नमस्ते करा।
तुम सगलू के, जउन मसीह हे हबै, सान्ति मिलत रहै।