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ठगरा गुरू
1 ठगरा ग्यानी मनसे इस्राएल देस हे परगट होय रहिन, ठीक उहैमेर तुम्हर बीच ठगरा गुरू हुइहीं, जउन लुके मेर लग आदेस ना मानै बाले भरमामै बाले जसना मेर परचार करही, उन स्वामी के नेहको मनही, जउन उनही खरीद लय हबै, अउ हइ मेर उन जलदी अपन नास के कारन बनही। 2 बोहत मनसे उनखर जसना लुचपन के चाल चलन चलही, अउ उनखर कारन सत्य के रास्ता निन्दा करे जही✡यहेज 36:22; रोमियो 2:24। 3 उन लालच हे तुमही अपन मन गडन्त बातन हे फसाय के तुम्हर लग बेकार फायदा उठाही, उनखर निता नियाव सजा पहिले लग तय हुइ चुके हबै, अउ ऊ उनखर पाछू करत हबै, उनखर नास सोय हर नेहको हबै।
4 जब भगवान उन पापी स्वरगदूतन के माफ नेहको करिस, बलुक उनही नरक के अंधियार कुन्ड हे नियाव के रोज के निता सांकड हे बांध दय हबै। 5 जब ऊ पुरान युग के दुनिया के नेहको छांडिस, पय पानी के बाढ के दवारा पापिन दुनिया के नास करिस, पय ऊ नियाइपन धरमी काम करै बाले नूह अउ ओखर परवार सहित आठझन मनसेन के बचाइस✡उत्पति 6:5-8; 7:23, 6 भगवान उन मनसेन के चेतावनी देय के निता, जउन भभिस्य हे पाप करैका सोचहीं, ता सदोम अउ अमोरा के सहर के भसम करके बिनास के सजा दइस, कि उन आमै बाले पापिन के निता उदाहरन बन जाय। असना सजा दयइस कि उनही नास करके राख के दइस✡यहोसू 1:7; उत्पति 19:24, 7 पय भगवान ऊ धरमी लूत के बचाइस, जउन उन दुस्ट मनसेन के गलत काम बेकार चाल चलन लग बोहत दुखी रहिस, उनखर लग मुकति दइस✡उत्पति 19:12-15। 8 लूत उन धरमी मनसेन के बीच हे रहत, उनखर रोज दिना गलत काम चाल चलन देखत अउ सुनत रहिस, इहैनिता ओही अन्तर आतमा हे दुख होत रहिस। 9 हइ मेर हम देखथन कि परभु हइ जानथै कि धरमी मनसेन के कउन मेर परिक्छा लग निकाडथै, अउ कउन मेर पापिन के नियाव के रोज हे सजा देय के निता बचाय के रखे हबै। 10 खास करके उन मनसेन के, जउन देह के असुध्द कामन हे लिप्त रथै अउ भोग बिलास हे जीवन गुजारत हबै, अउ सासक के बेकार समझथै, उन ढीठ, घमंडी मनसे अउ स्वरगी जन तक के निन्दा करै लग नेहको डेराय, 11 जब कि स्वरगदूत तक, जउन इनखर लग कहुं बोहत सक्तिसाली अउ सक्ति हबै, परभु के आगू उनखर हे भला बुरा कहिके दोस नेहको लगाथै। 12 हइ मनसे उन निरबुध्दि पसुन के जसना हबै, जिनखर पइदा असना पसुन के जसना होय हबै कि इनही पकरके इनही काटे जाय, उन असना बातन के निन्दा करथै, जेखर इनही कउनो ग्यान नेहको हबै, उन पसुन के मेर नास हुइ जइही, 13 इन बेकार कामन के सजा भोगही, उन दिन दुपहरी भोग बिलास करै के पसंद करथै, उन कलंक अउ पापी हबै, अउ तुम्हर संग खात पियत हबै, ता अपन पार लग माया भोज करके एसो आराम करथै। 14 उनखर आंखिन हे गलत कामन लग भररे हर हबै, अउ उन पाप करै लग नेहको चुकै, उन कमजोर आतमा बालेन के ललचोथै, उनखर मन लालच लग भररे हर हबै, उन सराप पाय हरन के लरका हबै, 15 बओर के टोरवा बिलाम के जसना, जउन अधरम के कमाय हर पइसा के लालच करिस, यहों सच्चाई के सिध्धा रास्ता के छांड के भटक गइस✡गिनती 22:5-6, 16 पय उके अपन अपराध के डांट सुनै के पडिस, अक्ठी बउरा गदहा मनसेन के जसना बोलै लगिस अउ ऊ ग्यानी मनसे के पगलापन लग सम्भर गइस✡गिनती 22:26-31।
17 उन मनसे सुखाय हर कुंवा अउ आंधी दवारा उडाय हर कोहिटा हबै, जिनखर निता गहिड अंधियार ठहराय गय हबै। 18 उन घमंड लग भरे हर बेकार बातन लग उन मनसे देह के अभिलासा हे फसाय लेथै। जउन रास्ता लग भटके मनसेन मसे बाल-बाल बच के निकर आय हबै। 19 ऊ उनके आजाद करै के टीमा तो करथै, पय खुद पाप के गुलाम हबै, काखे जउन मनसे जेखर लग हार गय हबै, ऊ ओखर हरवाह बन जथै। 20 जउन मनसे हमर परभु यीसु मसीह अउ मुकतिदाता के सगलू ग्यान पाय के दुनिया के पापन लग बच गइस, उन अगर फेरै उहै हे फस के उनखर कबजा हे हुइ जथै, ता उनखर पहिले के दसा लग अउ बत्तर हुइ जथै। 21 सही तो इहै होथै कि उन नियाइपन धरमी रास्ता के अहसास नेहको होय होतिस बजाय एखर लग कि ऊ ओही जानै के बाद, जउन पवितर आदेस उनही सउपे गय रथै ओखर लग उन मुंह मोडथै, 22 उनखर चाल चलन हइ कहावत हे ठीक बइठथै, “कुकरा अपनेन ओछरे हर के फेरै खथै” अउ “नहवाय हर सुअरनी फेरै चिखला हे जाय के लोटथै✡नीति 26:11।”