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विश्वास या व्यवस्था को पालन करणो
1 हे नीर्बुध्दि गलातिहोन, कोने तोखे मोह लियो हइ? तुमारो ते माने आख का सामने यीशु मसीह क्रुस पर साफ रीति से दिखाय गयो! 2 मी तुम से फक्त यो जाननो चास हुये कि तुमने परमेश्वर कि आत्मा खे का व्यवस्था को पालन करणा से, या सुसमाचार सुनना से अरु विश्वास करणा से मील्यो? 3 येतनो भी दुन्या मुर्ख तू कसो हुये सकस हइ! की परमेश्वर कि आत्मा का वजेसे सुरवात करीखे अरु अपना आंग की शक्ति का वजेसे येखे पुरो करणो चास हइ? 4 का तुम ने येको दुख व्यर्थ हि उठायो? नीश्चित रुप से येको मतलब कुछ थो. 5 जो परमेश्वर तुमखे आत्मा प्रदान करस हइ, यो येकालिये करस हइ कि तुम व्यवस्था का नीयमहोन खे पालस हइ यो येकालिये कि तुमखे सुसमाचार खे सुनास अरु ओका पर विश्वास को काम करस?
6 जसो अब्राहम का अनुभव का बारे मे न्याय मे लिख्यो हइ, “ओने ते परमेश्वर पर विश्वास कऱ्यो अरु ओका विश्वास का कारण परमेश्वर ने ओखे न्याय गिन्यो गयो.” 7 आखरी यो जान ले कि जो विश्वास करणवाला हइ, वे हि अब्राहम कि बच्चा हइ. 8 अरु पवित्रशास्त्र ने पैयले से यो बतय दियो कि परमेश्वर गैरयहूदीहोन खे विश्वास से न्याय रुख्यो. पैयले से धर्मी मे अब्राहम खे यो सुसमाचार कि घोषना करी दि की “तरा वजेसे सब दुन्याहोन खे आशिष मीले.” 9 अब्राहम ने विश्वास रख्यो, अरु आशीषित हुया ओका तरप से जो विश्वास रखस हइ वे आशीष पास हइ.
10 येकालिये जतना दुन्या व्यवस्था को पालन करस हूये जितस हइ, वे सब श्राप का अधीन हइ, क्युकी जो शास्त्र मे लिख्यो हइ, “व्यवस्था को पालन नी सब बात को पालन करणा मे यो परमेश्वर का श्राप का अधीन हइ.” 11 पर या बात सफा हइ कि व्यवस्था का वजेसे प्रभु को यो कोय भी न्याय नी रखस, क्युकी शास्त्र बोलस हइ न्याय जन विश्वास से जिन्दो ऱ्हेस. 12 पर जो कोय व्यवस्था को विश्वास से कोय भी सम्बन्ध नी. क्युकी शास्त्र मे लिख्यो हइ “जो उनको करस, उ ओका कारण जिन्दो ऱ्हेस.”
13 पर मसीह हमारा लिये श्रापित बन्यो, ताकी हमखे व्यवस्था का श्राप छुडाये करी सखे, क्युकी शास्त्र मे लिख्यो हइ, “जो कोय भी झाड पर लटकायो जास हइ व्हा परमेश्वर का श्राप का अधीन हइ.” 14 यो येकालिये हुयो कि अब्राहम को आशीर्वाद मसीह यीशु मे गैरयहूदीहोन तक पोच्यो, अरु हम विश्वास का वजेसे वा आत्मा खे मीलह्ये जेकी प्रतीज्ञा परमेश्वर ने करी हइ.
व्यवस्था अरु वादो
15 हे भैइ अरु बयहोन, मी एक इन्सान दैनिक जिवन से एक उदाहरण देन जय रोस हइ. जसो कोय दो इन्सान का वजेसे कोय करार करी दियो जाना पर नी ते ओखे रद्द करी दियो सकस हइ अरु नी ओमे से कुछ जय सकस हइ अरु नी बढायो जय सकस हइ. 16 आखरी परमेश्वर ने अब्राहम का अरु ओका वंश खे जो प्रतीज्ञा दी हइ ओका बारे मे शास्त्र यो नी बोलस “तरा वंश खे,” अगर भोत सा दुन्या, पन एक वचन जसो “तरा वंश खे” अगर तरो एक इन्सान मसीह हइ 17 पन मरो बोलनो यो हइ जो प्रतीज्ञा परमेश्वर ने अब्राहम का सात करी थी अरु वचन पैयले से मरो टेम नीश्चिय करी दियो ओका चार सौ तीस साल बाद मे आनवाली व्यवस्था नी बदली सकस. 18 क्युकी अगर मी परमेश्वर को दान व्यवस्था पर आधारीत हइ ते उ प्रतीज्ञा का आधारीत नी हुइ सकस पन परमेश्वर ने यो अब्राहम का प्रतीज्ञा का आधार पर दी हइ.
19 तब फिर व्यवस्था को उद्देश का हइ? आज्ञा को उलधंन को अपराध का कारण व्यवस्था खे वचन से जोडि दियो गयो थो ताकी जेका लिये वचन दियो गयो थो अब्राहम का वंश का आना तक उ ऱ्हीयो व्यवस्था एक मध्यस्थ को रुप मूसाकी सहायता से एक स्वर्गदूत का वजेसे दी गइ थी. 20 मध्यस्थ तो एक को नी होस, पन परमेश्वर एक ही हइ
व्यवस्था को उद्देश
21 ते का व्यवस्था परमेश्वर की प्रतीज्ञा होन का खिलाप मे हइ? अगर नी! क्युकी अगर असी व्यवस्था दी जास जो जिवन दी सकस, ते सच मुच न्यायपन व्यवस्था का पालन का वजेसे मीलस हइ. 22 पन पवित्रशास्त्र ने सब खे पाप का आधीन करी दियो, ताकि उ प्रतीज्ञा जेको आधार यीशु मसीह पर विश्वास करणो हइ विश्वास करण का लिये पूरी हुइ जाये.
23 पर विश्वास का आना से पैयले व्यवस्था खे बन्दकरी हमारी रखवाली होती थी, अरु उ विश्वास का आना तक जो प्रगट होनआला थो, हम ओ का बन्धन मे ऱ्हेस. 24 हम खे मसीह तक पोचान का लिये व्यवस्था को रस्तादर्शन रोख्यो की हम विश्वास से धर्मी रुख्या. 25 अरु जब विश्वास अय गयो, ते हम अब विश्वास का अधीन नी ऱ्हेस.
26 क्युकी तु सब उ विश्वास का वजेसे जो मसीह यीशु एक होना का कारण, परमेश्वर को बेटो हुये. 27 अरु तुम मे से जेतना ने मसीह मे एक होन का लिये बपतिस्मा लियो हइ वे सब मसीह मे एक हुये गया. 28 अब नी कोय यहूदी ऱ्हीयो अरु नी यूनानी, नी कोय सेवक नी स्वतंत्रता, नी कोय बायको नी इन्सान, क्युकी तुम सब मसीह यीशु मे जुडि जान का कारण एक हुइ जा. 29 अरु अगर तु मसीह को हुये ते अब्राहम को वंश अरु प्रतीज्ञा को अनुसार वारिस भी हुये.