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पवित्रता के लिये स्तुतिगान
1 यहोवा राजा हुआ है; देश-देश के लोग काँप उठें!
वह करूबों पर विराजमान है; पृथ्वी डोल उठे! (प्रका. 11:18, प्रका. 19:6)
2 यहोवा सिय्योन में महान है;
और वह देश-देश के लोगों के ऊपर प्रधान है।
3 वे तेरे महान और भययोग्य नाम का धन्यवाद करें!
वह तो पवित्र है।
4 राजा की सामर्थ्य न्याय से मेल रखती है,
तू ही ने सच्चाई को स्थापित किया;
न्याय और धर्म को याकूब में तू ही ने चालू किया है।
5 हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो;
और उसके चरणों की चौकी के सामने दण्डवत् करो!
वह पवित्र है!
6 उसके याजकों में मूसा और हारून,
और उसके प्रार्थना करनेवालों में से शमूएल यहोवा को पुकारते थे*शमूएल यहोवा को पुकारते थे: कहने का अर्थ है कि सब स्तुति करें, पुरोहित भी और आम जनता भी। मूसा और हारून अतीतकाल में प्रमुख थे, उसी प्रकार शमूएल पुरोहितीय वर्ग से अलग एक मनुष्य था।, और वह उनकी सुन लेता था।
7 वह बादल के खम्भे में होकर उनसे बातें करता था;
और वे उसकी चितौनियों और उसकी दी हुई विधियों पर चलते थे।
8 हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तू उनकी सुन लेता था;
तू उनके कामों का पलटा तो लेता था
तो भी उनके लिये क्षमा करनेवाला परमेश्वर था।
9 हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो,
और उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत् करो;
क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा पवित्र है!
*99:6 शमूएल यहोवा को पुकारते थे: कहने का अर्थ है कि सब स्तुति करें, पुरोहित भी और आम जनता भी। मूसा और हारून अतीतकाल में प्रमुख थे, उसी प्रकार शमूएल पुरोहितीय वर्ग से अलग एक मनुष्य था।