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येरूशलेम के विषय में नबूवत 
  1 दर्शन की घाटी के विरुद्ध भविष्यवाणी:  
क्या हो गया है तुम्हें,  
तुम सबके सब छतों पर क्यों चढ़ गए हो,   
 2 हे अधर्मी नगर, तुम जो खुशी मनाते थे,  
तुम्हारे लोग जो मारे गए हैं.  
वे न तो तलवार से मारे गए,  
और न ही उनकी मृत्यु युद्ध में हुई.   
 3 बल्कि वे सब भाग गए;  
और धनुष के बिना ही बंदी बना लिए गए.  
और भागे हुओं में जिनको पकड़ा गया,  
उन्हें बंदी बना लिया गया.   
 4 इसलिये मैं कहता हूं, “अपनी दृष्टि मुझसे हटा लो;  
मुझे फूट-फूटकर रोने दो.  
मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के विषय में  
मुझे तसल्ली देने का प्रयास न करो.”   
 5 क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह का  
दर्शन की घाटी में कोलाहल,  
रौंदा जाना, बेचैनी,  
प्राचीनों को गिरा देने  
और पर्वतों की दोहाई देने का एक दिन निश्चित है.   
 6 एलाम ने घोड़ों पर सवार,  
तथा रथों के साथ अपना तरकश साथ रख लिया है;  
और कीर ने ढाल खोल ली है.   
 7 तुम्हारी उत्तम घाटियां रथों से भरी थी,  
और घोड़े पर सवार द्वार पर खड़े हैं.   
 8 प्रभु ने यहूदाह की सुरक्षा को हटा दिया,  
उस समय तुम वन के  
भवन के शस्त्रों पर निर्भर थे.   
 9 तुमने देखा कि दावीद के  
नगर में दरारें बहुत थी;  
तुमने निचले हिस्से से ही  
पानी जमा किया.   
 10 तुमने येरूशलेम के भवनों की गिनती की  
और नगर को दृढ़ करने के लिए तुमने कई घरों को गिरा दिया.   
 11 पुराने तालाब के पानी के लिए  
दो दीवारों के बीच तुमने एक जलाशय बनाया,  
किंतु जिसने यह काम पूरा किया,  
और जिसने इसकी योजना प्राचीन काल में बनाई थी उसे भुला दिया.   
 12 उस दिन याहवेह ने तुम्हें रोने, सिर मुंडवाने,  
टाट ओढ़ने के लिए कहा.   
 13 यह सब होने पर भी वहां आनंद मनाया जा रहा है,  
पशुओं का वध और भेड़ों का संहार,  
मांस और दाखमधु पीकर कहा जा रहा है कि!  
“आओ हम खाएं-पिएं,  
क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”   
 14 किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ने मुझसे कहा: “यह अपराध तब तक क्षमा नहीं किया जाएगा जब तक तुम्हारी मृत्यु न हो जाए,” प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा!   
 15 फिर प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा:  
“शेबना के उस भंडारी के पास जाओ,  
जो उस राजपरिवार का चौकीदार है.   
 16 तुम्हारा यहां क्या काम है  
और कौन है तुम्हारा यहां,  
जो तुमने अपने लिए एक कब्र बना ली है,  
और अपने लिए चट्टान में एक घर बना लिया है?   
 17 “हे पराक्रमी मनुष्य, सुनो, याहवेह तुम्हें पकड़कर  
दूर फेंक देंगे.   
 18 तुम्हें गेंद के समान लुढ़का देंगे  
तुम जो अपने स्वामी के लिए लज्जा का कारण हो.  
वहां तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी  
और तुम्हारे भव्य रथ वहीं रह जायेंगे.   
 19 मैं तुम्हें तुम्हारे ऊंचे पद से  
हटा दूंगा और.   
 20 “हिलकियाह के पुत्र एलियाकिम को तुम्हारा पद दूंगा.   21 मैं तुम्हारा वस्त्र उसे पहनाऊंगा और तुम्हारे वस्त्र का कटिबंध उस पर बांध दूंगा, मैं तुम्हारा अधिकार उसे दे दूंगा. वह यहूदाह और येरूशलेम के निवासियों का पिता होगा.   22 मैं दावीद वंश का पूरा अधिकार उसे दूंगा. उसके पास उसके पद की कुंजी होगी; वह जो पायेगा उसे कोई बंद नहीं करेगा, और वह जो बंद कर देगा उसे कोई न खोलेगा.   23 मैं उसे सुरक्षित स्थान में स्थिर कर दूंगा; और वह अपने पिता के वंश के लिए एक वैभव का सिंहासन होगा.   24 उस पर उसके पिता के वंश का वैभव, संतान, छोटे पात्र, कटोरे तथा सुराहियों को लटका देंगे.   
 25 “सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा, जो खूंटी सुरक्षित स्थान में स्थिर की गई थी वह उखड़ जाएगी; यहां तक की वह टूटकर बिखर जाएगी, और इस पर लटका बोझ हटा दिया जाएगा,” याहवेह की वाणी है!