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सोर के विषय में नबूवत 
  1 सोर के विरुद्ध में भविष्यवाणी:  
तरशीश के जलयानों विलाप करो!  
क्योंकि सोर नगर नष्ट कर दिया गया है,  
वहां न तो कोई घर बचा और न ही कोई बंदरगाह.  
इसकी सूचना  
कित्तिमयों के देश से दी गई.   
 2 हे द्वीप के निवासियो,  
सीदोन के व्यापारियो चुप हो जाओ,  
तुम्हें संदेश देने वालों ने समुद्र पार किया है.   
 3 उन्होंने अनेक सागरों की यात्रा की,  
शीहोर का अन्न;  
और नदियों की उपज उनकी आमदनी थी,  
और यह अनेक देशों के लिये व्यापार की जगह थी.   
 4 हे सीदोन लज्जित हो जाओ,  
क्योंकि समुद्र की यह घोषणा है:  
“न तो मुझे प्रसव पीड़ा हुई और न ही मैंने किसी शिशु को जन्म दिया;  
न तो मैंने युवकों का और न ही कन्याओं का पालन पोषण किया.”   
 5 जब यह समाचार मिस्र देश पहुंचेगा तो,  
वे सोर के विषय में मिले समाचार से दुःखी हो जाएंगे.   
 6 तुम उस पार तरशीश नगर को चले जाओ;  
और हे द्वीप के निवासियो, रोओ.   
 7 क्या यही खुशी से भरा तुम्हारा नगर है,  
जो पुराने समय से चला आ रहा है,  
जिसमें रुकने के लिये  
दूर तक चले जाते थे?   
 8 वह नगर जो मुकुटों का दाता था,  
जिसके व्यापारी शासक,  
और जिसके व्यवसायी पृथ्वी के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे,  
किसने सोर के विरुद्ध ऐसी योजना बनाई?   
 9 सर्वशक्तिमान याहवेह ने,  
समस्त सुंदरता के घमंड को चूर-चूर कर देने  
और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों को तुच्छ कर देने के लिए यह योजना बनाई है.   
 10 हे तरशीश नगर की पुत्री,  
नील नदी समान अपना देश पार करके उस पार चली जाओ,  
अब कोई विरोधी नहीं बचा.   
 11 याहवेह ने समुद्र पर अपनी बांह उठाई है  
उन्होंने देशों को हिला दिया है.  
याहवेह ने कनान के विषय में  
उसके गढ़ को नाश कर देने का आदेश दिया है.   
 12 याहवेह ने कहा है, “सीदोन की दुःखी कुंवारी पुत्री,  
तुम अब और आनंदित न होगी!  
“उठो, कित्तिमयों के देश के उस पार चली जाओ;  
किंतु तुम्हें वहां भी शांति नहीं मिलेगी.”   
 13 कसदियों के देश पर ध्यान दो,  
ये वे लोग हैं जो वस्त्रहीन हो गए हैं!  
अश्शूर ने इन्हें  
जंगली पशुओं के लिए छोड़ दिया था;  
उन्होंने उन्हें घेरकर गुम्मट खड़े किए,  
उन्होंने उनके राज्यों को लूट लिया  
उन्होंने इसे खंडहर बना दिया.   
 14 तरशीश के जहाजों, रोओ;  
क्योंकि तुम्हारे गढ़ नष्ट हो गए हैं!   
 15 उस दिन सोर नगर एक राजा के दिनों के समान सत्तर वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा. सत्तर वर्षों के बीतने पर, सोर वेश्या की नाई गीत गाने लगेगा:   
 16 “हे वेश्या,  
वीणा लेकर नगर में घूम;  
वीणा बजा और गीत गा,  
ताकि लोग तुझे याद करें.”   
 17 सत्तर वर्षों के बीतने पर याहवेह सोर पर ध्यान देंगे. सोर फिर से व्यापार करने लगेगा. धरती के सभी देशों के लिये सोर एक वेश्या के समान हो जायेगा.   18 उसका व्यवसाय तथा उसकी मेहनत याहवेह के लिए पवित्र होगी; वह न भंडार में रखी जाएगी न संचय की जाएगी. उनके व्यापार की प्राप्ति उन्हीं के काम में आएगी जो याहवेह के सामने रहा करेंगे, ताकि उनको भरपूर भोजन और चमकीला वस्त्र मिले.