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अगुओं और भविष्यवक्ताओं को डांट 
  1 तब मैंने कहा,  
“हे याकोब के अगुओ,  
हे इस्राएल के शासको, सुनो.  
क्या तुम्हें न्याय से प्रेम नहीं करना चाहिये,   
 2 तुम जो भलाई से घृणा करते हो और बुराई से प्रेम करते हो;  
तुम जो मेरे लोगों की खाल  
और उनकी हड्डियों से मांस नोच लेते हो;   
 3 तुम जो मेरे लोगों का मांस खाते हो,  
उनकी खाल खींच लेते हो  
और उनके हड्डियों को टुकड़े-टुकड़े कर देते हो;  
उनकी अस्थियों को चूर्ण कर देते हो  
तुम जो उनको कड़ाही में पकाने वाले मांस  
या बर्तन में रखे मांस की तरह काट डालते हो?”   
 4 तब वे याहवेह को पुकारेंगे,  
पर याहवेह उनकी नहीं सुनेंगे.  
उनके बुरे कामों के कारण  
उस समय वह अपना मुख उनसे छिपा लेंगे.   
 5 याहवेह का यह कहना है:  
“वे भविष्यवक्ता  
जो मेरे लोगों को भटका देते हैं,  
यदि उनको खाने को कुछ मिलता है,  
तब वे शांति की घोषणा करते हैं,  
पर जो व्यक्ति उनको खिलाने से मना करता है,  
उसके विरुद्ध लड़ाई करने को तैयार हो जाते हैं.   
 6 इसलिये तुम्हें बिना बताये तुम्हारे ऊपर रात्रि आ जाएगी,  
और बिना बताये तुम्हारे ऊपर अंधेरा छा जाएगा.  
इन भविष्यवक्ताओं के लिये सूर्यास्त हो जाएगा,  
और दिन रहते उन पर अंधेरा छा जाएगा.   
 7 भविष्यदर्शी लज्जित होंगे  
और भविष्य बतानेवाले कलंकित होंगे.  
वे सब लज्जा से अपना मुंह ढांप लेंगे  
क्योंकि उन्हें परमेश्वर से कोई उत्तर न मिलेगा.”   
 8 पर जहां तक मेरा सवाल है,  
मैं याहवेह के आत्मा के साथ सामर्थ्य से,  
तथा न्याय और बल से भरा हुआ हूं,  
ताकि याकोब को उसका अपराध,  
और इस्राएल को उसका पाप बता सकूं.   
 9 हे याकोब के अगुओ,  
हे इस्राएल के शासको, यह बात सुनो,  
तुम जो न्याय को तुच्छ समझते हो  
और सब सही बातों को बिगाड़ते हो;   
 10 तुम जो ज़ियोन को रक्तपात से,  
और येरूशलेम को दुष्टता से भरते हो.   
 11 उसके अगुए घूस लेकर न्याय करते हैं,  
उसके पुरोहित दाम लेकर शिक्षा देते हैं,  
और उसके भविष्यवक्ता पैसों के लिये भविष्य बताते हैं.  
तौभी वे याहवेह की मदद की कामना करते हुए कहते हैं,  
“क्या याहवेह हमारे मध्य में नहीं हैं?  
कोई भी विपत्ति हमारे ऊपर नहीं आएगी.”   
 12 इसलिये तुम्हारे ही कारण,  
ज़ियोन पर खेत के सदृश हल चला दिया जाएगा,  
येरूशलेम खंडहर हो जाएगा,  
तथा भवन की पहाड़ी वन में पूजा-स्थल का स्वरूप ले लेगी.