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जब तुम लोग मसी को संग जिलायो गयो, ते स्वर्ग की चीज खोजते रहो, जाहा मसी परमेस्वर को जेवनो तरफ बैठो हैं। तुम दुनिया की नी, स्वर्ग की चिज हुन कि चिन्ता किया करो। तुम ते मर चुक्या हैं, तुमरी जिन्दगी मसी को संग परमेस्वर म छिपो हुओ हैं। जब मसी जे हमारो जिन्दगी हैं, परगट होए, तब तुम भी ओको संग महिमा सहित परगट करियो जाहे।
पुरानी जिन्दगी अर नऊवती जिन्दगी
ऐको लाने अपनो उ आग ख मार डाले जे जमीन पर हैं, छिनाला करन वाली असुध्द, बुरो काम, बुरी इकछा अर लोब ख जे मूर्ति पूजा को बराबर हैं। एको ही कारन परमेस्वर को कोप कहेना नी मानन वाला पर पड़ह हैं। अर तुम भी, जब इ बुराई हुन म जिन्दगी बितावा रह ते ऐको अनुसार चलत रह।
पर अब तुम भी इ सब ख, अर्थात् गुस्सा, कड़वाहट दुसमनी भाव, बुराई अर मुँह से गाली देनो यी सब बात छोड़ देवो। एक दुसरा से झूठ मत बोलनो, काहेकि तुम न पुरानो अदमी ख ओको काम सहीत उतार डाल्यो हैं 10 अर नऊवतो अदमी ख पहर लियो हैं, जे अपनो सृजनहार को स्वरूप को जसो ग्यान लेन को लाने नऊवतो बनते जावा हैं। 11 ओ म न ते यूनानी रया न यहूदी, न चड़वा दिया वाला न खतना वाला न जंगली न स्कूती, न नउकर अर आजाद सिरप मसी सब कुछ अर सब म हैं।
12 ऐको लाने परमेस्वर को चुनयो हुओ को जसो जे सुध्द*सुध्द अर प्यारो हैं, बडी करुना अर दया अर दीनता अर धीरज, अर सहनसीलता धारण करे, 13 अर अदि कोई ख कोई पर दोस देन को कोई कारन हो, ते एक दुसरा कि सहन कर लेओ अर एक दुसरा ख गलती माप करो; जसो प्रभु न तुमरो अपराध माफ करयो वसो ही तुम भी करो। 14 इ सब को ऊपर प्रेम को जे सिध्दता को कटिबन्ध हैं बाँध ला। 15 मसी की सान्ति जेको लाने तुम एक सरीर हो ख बुलायो भी गयो हो, तुमरो मन म राज करे; अर तुम धन्यवादी बन्यो रहे। 16 मसी को वचन ख अपनो हदय म अधिकाई से बसन दे, अर सिदो ग्यान सहित एक दुसरा ख सिखाओ अर चिताओ, अर अपनो अपनो मन म दया को संग परमेस्वर को लाने भजन अर स्तुति गान अर आत्मा गीत गाओ। 17 वचन म यू काम म जे कुछ भी करहे सब प्रभु यीसु को नाम से करो, अर ओको व्दारा परमेस्वर बाप ख धन्यवाद करो।
नऊवती जिन्दगी को परिवार नेम
18 हे ओरत हुन, जसो प्रभु म उचित हैं, वसो ही अपनो अपनो पति को अधीन रहो।
19 हैं अदमी हुन, अपनी अपनी ओरत से प्यार रखो, अर उन को संग कठोरकठोरता व्यवहार न करो
20 हे बच्चो सब बात म अपना अपना माय-बाप को केहेना को पालन करो, काहेकि प्रभु ऐसे खुस होवा हैं।
21 अरे पोरिया पारी वाला, अपना पोरीय पारी हुन ख मत तगानो, असो नी होय की उन की हिम्मत टूट जाए।
22 हे नउकर हुन जे सरीर को अनुसार तुम्हारो मालिक हैं, पुरी बात म ओको आदेस को पालन करो अदमी हुन ख प्रसत्र करन वाला को समान दिखान को लाने नी, लेकिन मन कि सीधाई अर परमेस्वर को डरत से हे अरे सेवा करन वाला जे सरीर को हिसाब से तुमारो मालिक हैं, 23 जे कही तुम करह हैं, तन मन से करनु। यू समझ ख कि अदमी हुन को लाने नी पर प्रभु को लाने करते रहनू। 24 काहेकि तुम जाना हैं कि तुम ख ऐको बदला म प्रभू से मीरास मीलहे; तुम प्रभु मसी की सेवा करते रहनू। 25 काहेकि जे बुरो करा हैं उ अपनी बुराई को फल पाहे, वाहा कोई को भी पक्छपात नी होन की।

*3:12 सुध्द

3:19 कठोरता