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 1 काहे कि हर एक बडो पुजारी अदमी ओ म से लियो जाए हैं, अर अदमी ही को लाने, उ बात को बारे म जे परमेस्वर से सम्बन्ध रखह हैं, ठहरायो जावह हैं कि भेट अर पाप बलि चढ़ाया करो।   2 वी अन्जानो अर भूलिया भटकता को संग नरमी से व्यवहार कर सकह हैं, ऐको लाने कि वी आबा भी निर्बलता से घिरयो हैं।   3 एको लाने ओ ख जरूरी हैं कि जसा अदमी को लाने वसो ही अपनो लाने भी पाप-बलि चढायो करहे।   4 यू आदर को पद कोई अपनो तुम से नी लेवह, जब तक कि हारून को सामान परमेस्वर कि ओर से रोखयो नी जाए।   5 वसो ही मसी न भी बडो पुजारी बनना को बड़ाई अपनो तुम से नी ली,  
पर ओ ख उन न दी, जो न ओसे कहयो थो,  
“तू मोरो पोरिया हैं, आज मी न तो ख पैदा कियो हैं।”   
 6 यू ही तरीका से उ दुसरी जगह म भी कह हैं,  
“तु मलिकिसिदक की रीति प हमेसा को लाने पूजारी आय।”   
 7 यीसु न अपनी सरीर म रहन को दिन म ऊँची बात से बुला बुला ख अर आँसु बाहा-बाहा ख ओ से जे ओ की मोउत से बचा सकयो थो,, प्रार्थाना अर विनती कि अर भक्ति को कारन ओकी सुन ली।   8 पोरिया होवन पर भी ओ न दुख उठा-उठा ख आदेस माननो सिखयो,   9 अर सिध्द बन ख, अपना सब झन हुन ख हुकुम मानन वाला को लाने हमेसा काल को उध्दार को कारन हो गयो,   10 अर ओ ख परमेस्वर कि तरफ मलिकिसिदक कि रिती पर बडो पुजारी को पद मिलयो।   
विस्वासी जीवन म से भटक जान वालो परिणाम 
  11 ओको बारे म हम ख बेजा सी बात कहनू हैं, जेको समझानो भी कठिन हैं, ऐको लाने कि तुम उँचा सुनन लगया हैं।   12 टेमं (बखत) को विचार से ते तुम ख जरूर गुरू हो जानो थो, तेभी वी आवस्यक हो गयो हैं कि कोई तुम ख परमेस्वर को वचन की आदि सिक्छा फिर से सिखाऐ। तुम तो असा हो गया हैं कि तुम ख अनाज को बदला म आबा तक दुध ही होनू।   13 काहे कि दुध पीवन वाला बच्चा ख ते धर्म को वचन कि पहचान नी होए, काहे कि वी बच्चा हैं।   14 पर अनाज सहायता को लाने हैं, जोकी ग्यानेन्द्रि अभ्यास कर ख भलो बुरो म भेद करन म निपुण*सब चिज जानने वाला  हो गई हैं।