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सादीसुदा जिन्दगी को उदाहरन
1 अरे भई हुन, का तुम नी जाना हैं कि म नेम का जानावालो से कहूँ हैं कि जब तक अदमी जिन्दो रयो हैं, तब तक ओ पर नेम कि दया रय्हे हैं? 2 सादी तब तक अपनो बंधन नियम से बनी रवह हैं जब तक उ जीवित यदि मर जाय हैं ते उ अपनो पति को नेम से छुट गई। 3 एकोलाने अगर घर वालो को जीतो जी उ कुई दूसरो अदमी ख हो जाए, ते छिनालापन बोले, पर अगर घर वालो मर जाहे, ते उ नेम से छुट गई यहाँ तक कि अगर कुई दूसरो अदमी कि हो जाहे तब भी छिनालापन नी रहे। 4 वसो ही अरे मोरो भई हुन, तुम भी मसी को सरीर को दुवारा नेम हुन ख लाने मरे हुयो बन गयो, कि उ दूसरो को हो जा, जो मरे हुयो म से जिन्दो भयो: काहेकि हम परमेस्वर का लाने फल लाएँ हे। 5 काहे कि जब हम सारीरिक हतो, ते पाप हुन कि लालचपन से जो नेम हुन ख व्दारा हतो, मरन का फल पैदा करन का लाने हमारो जिन्दगी म काम करत हता। 6 पर जे ख बन्धन म हता ओखा लाने मर ख अब नेम हुन से असो छुट गयो, कि लेख कि पुरानी रीति पर सेवा नी, पर आत्मा कि नई रीति पर सेवा कर हैं।
नेम अर पाप
7 ते हम का कह हैं? का नेम पाप हैं? असो नी हैं! पर बिना नेम को म पाप ख नी चीन्न पर नेम अगर नी कह हैं, कि लोभ नी कर ते म लोभ ख नी जाना। 8 पर पाप नी मऊका देख ख आदेस को व्दारा मोखा म सब तरीका को लोभ उत्पन्न कियो, काहेकि बिना नेम पाप मुर्दा हैं। 9 म ते नेम बिना पहले जीवित हतो, पर अब आदेस आई, ते पाप जिन्दो हो गयो, अर म मर गयो। 10 अर उही आदेस जो जिन्दगी ख लाने हतो, मोरो लाने मरन ख लाने रयो। 11 काहेकि पाप हुन न देख ख आदेस को व्दारा मोखा बहकायो दियो, अर ओको व्दारा मोखा मार भी डालो।
12 एकोलाने नेम सुध्द हैं, अर आदेस भी उचित अर अच्छो हैं। 13 ते का उ ते अच्छो हतो, मोरो लाने मरनू रयो? असो नी! पर पाप ओकी अच्छी चीज ख व्दारा मोरो लाने माऊत ख पैदा करनवालो भयो कि ओको पाप होन दिखनू हो, अर आदेस को व्दारा पाप ही पाप मय रहे!
14 हम जाना हैं कि नेम ते आत्मिक हैं, पर म सारीरिक अर पाप ख हात बिक हुयो हैं। 15 जो म करूँ हैं ओ ख नी जाना: काहेकि जो म चाहूँ हैं नी कियो करूँ पर जेसे मोखा गुस्सा आय हैं उ करूँ हैं। 16 पर जो म नी चाहूँ हैं कि ऊईच करूँ हैं ते म मान लियो हैं कि नेम अच्छो हैं। 17 ते असो मजबुरी म ओकी करन वालो म नी, पर पाप हैं जो मोखा म बठो भयो हैं। 18 काहेकि मी जानू हैं कि मोखा म असो कि मोरो सरीर म कुई अच्छी चीज भीतर नी करिये। इच्छा ते मोखा म हैं, पर अच्छो काम मोखा से बन नी पड़ आय। 19 काहेकि जसो अच्छो काम कि मी इच्छा करूँ हैं उ ते नी करूँ हैं, पर जे ख बुराई कि इच्छा नी कर हैं उही कियो करूँ हैं। 20 अब अदि म उही करूँ हैं जेको इच्छा नी करूँ हैं, ते ओको करनवालो म नी रय्हो, पर पाप जो मोखा म बठो भेयो हैं।
21 यी तरीका म यी नेम पायो हैं कि अब दया करन कि अच्छो करा हैं, ते बुराई मोरो नजीक आव हैं। 22 काहेकि मी अंदर अदमीत्व से ते परमेस्वर कि नेम से बेजा खूसी*प्रसन्न रह हैं। 23 पर मोखा अपनी आग हुन म दूसरो तरीका को नेम दिखई पड़ह हैं, जे मोरो समझ को नेम से लड़ह हैं अर मोखा पाप को नेम ख बन्धन म डालो हैं जो मोरो आग हुन म हैं। 24 मी कसो अभागो अदमी हूँ! मोखा यी मरन का सरीर से कोन छुड़ा हे? 25 हमारो प्रभु यीसु मसी को व्दारा परमेस्वर को धन्यवाद हो। एकोलाने म स्वंय दिमाक से ते परमेस्वर को नेम ख, पर सरीर से पाप कि नेम को सेवा करूँ हैं।